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शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज, 176 के बदले 51 शिक्षक से छात्र कैसे बनेंगे डॉक्टर

पलामू में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में शिक्षकों और एचओडी की कमी है. ऐसे में नामांकन के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की मंजूरी के बाद पढ़ाई कैसे होगी ये सवाल उठ रहा है.

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Published : Dec 16, 2021, 7:35 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 8:43 PM IST

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मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज

पलामू: बड़े उम्मीदों के साथ 2019 में शुरू किए गए पलामू मेडिकल कॉलेज का 3 साल में नाम बदलकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज तो हो गया है. लेकिन लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई है. मानव संसाधन की कमी से जूझ रहे मेडिकल कॉलेज में 176 की जगह मात्र 51 शिक्षक हैं. कई विभागों में एचओडी तक नही हैं. 2020 में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने आधारभूत संरचनाओं की कमी का हवाला देते हुए नामांकन लेने पर रोक लगा दिया था. लेकिन बुधवार (15 दिसंबर) को एडमिशन के लिए मंजूरी दे दी है. मेडिकल कॉलेज में फिलहाल 98 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. नामांकन के लिए एनएमसी की मंजूरी के बाद कॉलेज में पढ़ाई कैसे होगी इस पर सवाल उठ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- काबू में नहीं आ रहे MMCH के मनमाने डॉक्टर, सुपरिंटेंडेंट ने की पद से तौबा, कहा- मुझसे न हो पाएगा

25 की जगह मात्र दो अध्यापक
339 करोड़ की लागत से बने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 100 सीटों की मंजूरी दी है. लेकिन आज कॉलेज के पास शिक्षक ही नहीं है. कॉलेज के कई विभागों में मात्र दो ट्यूटर हैं. सीनियर रेजीडेंट भी 25 की जगह मात्र दो हैं. जूनियर रेजीडेंट 40 की जगह 11 हैं, एसोसिएट प्रोफेसर 25 की जगह आठ हैं, असिस्टेंट प्रोफेसर 37 की जगह 21 हैं, 20 विभागों में मात्र 7 विभाग के ही एचओडी हैं. कुछ महीने पहले राज्य सरकार ने कई मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कर्मचारियों का तबादला किया था. उस दौरान पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से भी बड़ी संख्या में कई कर्मचारियों का दूसरे मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया गया था. छात्र राहुल दुबे बताते हैं कि यह बेहद ही गंभीर मामला है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.

देखें वीडियो

एनएमसी की मंजूरी की सूचना नहीं

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डॉक्टर अतुल प्रकाश ने बताया कि मानव संसाधन की कमियों के बारे में सारी जानकारी सरकार को उपलब्ध करवाई गई है. सरकार के स्तर पर मामले में पहल की जानी है. उन्होंने बताया कि एनएमसी से नामांकन की मंजूरी को लेकर अभी तक आधिकारिक सूचना कॉलेज को नहीं मिली है और ना ही कोई पत्र मिला है. उन्होंने बताया कि एनएमसी द्वारा नामांकन की मंजूरी मिलना खुशी की बात है लेकिन कॉलेज प्रबंधन आधिकारिक रूप से सूचना का इंतजार कर रहा है.

पलामू: बड़े उम्मीदों के साथ 2019 में शुरू किए गए पलामू मेडिकल कॉलेज का 3 साल में नाम बदलकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज तो हो गया है. लेकिन लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई है. मानव संसाधन की कमी से जूझ रहे मेडिकल कॉलेज में 176 की जगह मात्र 51 शिक्षक हैं. कई विभागों में एचओडी तक नही हैं. 2020 में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने आधारभूत संरचनाओं की कमी का हवाला देते हुए नामांकन लेने पर रोक लगा दिया था. लेकिन बुधवार (15 दिसंबर) को एडमिशन के लिए मंजूरी दे दी है. मेडिकल कॉलेज में फिलहाल 98 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. नामांकन के लिए एनएमसी की मंजूरी के बाद कॉलेज में पढ़ाई कैसे होगी इस पर सवाल उठ रहे हैं.

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25 की जगह मात्र दो अध्यापक
339 करोड़ की लागत से बने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 100 सीटों की मंजूरी दी है. लेकिन आज कॉलेज के पास शिक्षक ही नहीं है. कॉलेज के कई विभागों में मात्र दो ट्यूटर हैं. सीनियर रेजीडेंट भी 25 की जगह मात्र दो हैं. जूनियर रेजीडेंट 40 की जगह 11 हैं, एसोसिएट प्रोफेसर 25 की जगह आठ हैं, असिस्टेंट प्रोफेसर 37 की जगह 21 हैं, 20 विभागों में मात्र 7 विभाग के ही एचओडी हैं. कुछ महीने पहले राज्य सरकार ने कई मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कर्मचारियों का तबादला किया था. उस दौरान पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से भी बड़ी संख्या में कई कर्मचारियों का दूसरे मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया गया था. छात्र राहुल दुबे बताते हैं कि यह बेहद ही गंभीर मामला है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.

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एनएमसी की मंजूरी की सूचना नहीं

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डॉक्टर अतुल प्रकाश ने बताया कि मानव संसाधन की कमियों के बारे में सारी जानकारी सरकार को उपलब्ध करवाई गई है. सरकार के स्तर पर मामले में पहल की जानी है. उन्होंने बताया कि एनएमसी से नामांकन की मंजूरी को लेकर अभी तक आधिकारिक सूचना कॉलेज को नहीं मिली है और ना ही कोई पत्र मिला है. उन्होंने बताया कि एनएमसी द्वारा नामांकन की मंजूरी मिलना खुशी की बात है लेकिन कॉलेज प्रबंधन आधिकारिक रूप से सूचना का इंतजार कर रहा है.

Last Updated : Dec 16, 2021, 8:43 PM IST
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