पलामू: प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर की सड़कों पर आप चलेंगे तो देखेंगे पाइप के डिवाइडर बने हुए हैं, जो देखने में सुंदर लगते है. डिवाइडर सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ ट्रैफिक को भी कंट्रोल कर रहा और लोगों को जाम से राहत मिल रही है, जिस पाइप से ये डिवाइडर बने हैं. वह 20 वर्षों से भी अधिक समय से कचरों में फेंके हुए थे. कचरों में फेंके हुए इस पाइप को मेदिनीनगर नगर निगम ने पहल करते हुए डिवाइडर बना दिया, डिवाइडर बनाने में बेहद ही कम लागत लगी है.
शहर को जाम से मुक्त रखने की थी चुनौती, कम लागत में बनी डिवाइडर
मेदिनीनगर शहर 1862 में बसा है, 2017 में नगर पालिका से नगर निगम में अपग्रेड हुआ है. इस शहर को जाम से मुक्त रखना बड़ी चुनौती थी. शहर में ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर एक हाई लेवल बैठक हुई थी, इस बैठक में मुख्य सड़कों पर डिवाइडर बनाने का निर्णय हुआ था. डिवाइडर बनाने में भारी रकम खर्च हो रही थी, जिसके बाद नगर निगम में पहल करते हुए कचरा में फेंके हुए पाइप से डिवाइडर बनाने का निर्णय लिया. सप्लाई लाइन का पाइप 20 वर्षों से भी अधिक समय से कचरा में पड़ा हुआ था. मेदिनीनगर नगर निगम के आयुक्त दिनेश प्रसाद बताते हैं कि कचरा से डिवाइडर बनाने के बाद सुंदर लग रहा है. एक तरह से कचरा का प्रबंधन भी हुआ है, नगर निगम कचरा को बेहतर प्रबंधन से आगे कई और कार्य करने वाली है.
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50 हजार से भी अधिक वाहन गुजरते हैं मुख्यय सड़कों पर, बनाया गया है चेकपोस्ट
पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदनीनगर के मुख्य सड़कों से प्रतिदिन 50 हजार से भी अधिक छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. डिवाइडर नहीं रहने से कई इलाकों में घंटों जाम की स्थिति रहती थी. ट्रैफिक प्रभारी रुद्रानंद सरस बताते है कि डिवाइडर को कचरों में फेंके गए पाइप से बनाया गया है, जिसमे लागत बेहद कम आई है. पाइप को सिर्फ पेंट करवाना पड़ा है. डिवाइडर से लोगों को राहत हो रही है. शहर को सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर निगम कटिबद्ध मेदिनीनगर नगर निगम की मेयर अरुणा शंकर बताती हैं कि शहर को सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर निगम कटिबद्ध है. इतना कि नहीं निगम ने इस तरह के पहल से कचरों का बेहतर प्रबंधन किया है. आगे भी निगम इस तरह की पहल करेगी.