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पलामू टाइगर रिजर्व में बीमार जीवों की मौत पर होगी FIR, रेंजर हर सप्ताह देंगे खैरियत रिपोर्ट - पलामू में रेंजर्स बताएंगे जानवरों का हाल

पालमू टाइगर रिजर्व में बीमार वन्य जीव और छोटे जानवरों की मौत पर वनरक्षी और ट्रैकर पर अब एफआईआर होगा. पलामू टाइगर रिजर्व में तैनात सभी रेंजर्स को वन्य जीवों की हर सप्ताह खैरियत रिपोर्ट देनी होगी. इस रिपोर्ट में रेंजर को बताना होगा कि कौन-सा जानवर किस हालत में है.

FIR on forest guard and tracker on animal death in palamu
वन्य जीवों की मौत पर रेंजर देगा जवाब
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Published : Jul 20, 2020, 3:09 PM IST

पलामूः टाइगर रिजर्व में बीमार वन्य जीव और छोटे जानवरों की मौत पर वनरक्षी और ट्रैकर पर सीधे कार्रवाई होगी. वन कानून के तहत मौत होने वाले क्षेत्र के वनपाल और ट्रैकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया जाएगा, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पलामू टाइगर रिजर्व में तैनात सभी रेंजर्स को वन्य जीवों की हर सप्ताह खैरियत रिपोर्ट देनी होगी. इस रिपोर्ट में रेंजर को बताना होगा कि कौन-सा जानवर किस हालत में है.

मामले में पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि इस तरह के कदम से यह पता चल पाएगा कि कौन-सा जानवर किस हालात में है. बीमार और छोटे जानवरों को मदद पंहुचाने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित करना है कि वन्य जीव का बच्चा मदद के लिए भटक नहीं रहा हो.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- हजारीबाग के युवा कलाकारों ने भगवान शिव पर बनाया गीत, लोगों को खूब भा रहा गाना


इस तरह के कदम से बीमार वन्य जीव और जानवरों के बच्चों को बचाना लक्ष्य है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एक सप्ताह पहले एक हथिनी कि मौत हो गई थी, जबकि दो महीने के अंतराल में तीन बायसन और फरवरी महीने में एक बाघिन की मौत हो गई थी. मामले में पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कई कदम उठाएं है. पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1,024 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जबकि इसका विस्तार पलामू, लातेहार और गढ़वा जिला तक है. जुलाई से 31 सितंबर तक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पर्यटन गतिविधि पर रोक लगा दी गई है.

पलामूः टाइगर रिजर्व में बीमार वन्य जीव और छोटे जानवरों की मौत पर वनरक्षी और ट्रैकर पर सीधे कार्रवाई होगी. वन कानून के तहत मौत होने वाले क्षेत्र के वनपाल और ट्रैकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया जाएगा, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पलामू टाइगर रिजर्व में तैनात सभी रेंजर्स को वन्य जीवों की हर सप्ताह खैरियत रिपोर्ट देनी होगी. इस रिपोर्ट में रेंजर को बताना होगा कि कौन-सा जानवर किस हालत में है.

मामले में पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि इस तरह के कदम से यह पता चल पाएगा कि कौन-सा जानवर किस हालात में है. बीमार और छोटे जानवरों को मदद पंहुचाने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित करना है कि वन्य जीव का बच्चा मदद के लिए भटक नहीं रहा हो.

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इस तरह के कदम से बीमार वन्य जीव और जानवरों के बच्चों को बचाना लक्ष्य है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एक सप्ताह पहले एक हथिनी कि मौत हो गई थी, जबकि दो महीने के अंतराल में तीन बायसन और फरवरी महीने में एक बाघिन की मौत हो गई थी. मामले में पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कई कदम उठाएं है. पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1,024 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जबकि इसका विस्तार पलामू, लातेहार और गढ़वा जिला तक है. जुलाई से 31 सितंबर तक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पर्यटन गतिविधि पर रोक लगा दी गई है.

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