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पलामू टाइगर प्रोजेक्ट एरिया में गहराया जल संकट, निदेशक ने कहा जल्द निकाला जाएगा समाधान - झारखंड समाचार

झारखंड में अच्छी बारिश नहीं हो रही है और इसका असर लोगों के साथ-साथ वन्य प्राणियों पर भी पड़ रहा है. इधर, बारिश नहीं होने से पलामू टाइगर रिजर्व में भी जलसंकट गहरा गया है.

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Published : Jul 24, 2019, 8:59 AM IST

पलामू:1026 वर्ग किलोमीटर में फैले पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बारिश नहीं होने से जल संकट गहरा गया गया है. जून और जुलाई महीने में औसत से बेहद ही कम बारिश हुई है. बारिश नहीं होने से वन्य प्राणियों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है.

देखें पूरी खबर

पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के अंदर ही बेतला नेशनल पार्क आता है. नेशनल पार्क के इलाके 198 जलश्रोत है, लगभग सभी सूखे हुए हैं. टाइगर प्रोजेक्ट के इलाके में कई नदियां हैं जो सुख चुकी है. पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि उनकी पूरी स्थिति पर नजर है. जुलाई महीने में भी जानवरों के लिए टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि मामले में जल्द ही सभी अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और इसका समाधान निकाला जाएगा.

ये भी पढ़ें- ST जमीन मामले पर सदन में हेमंत को आया गुस्सा, कहा- साबित होने पर दे देंगे इस्तीफा

बारिश कम होने से अगले वर्ष और अधिक जल संकट गहरा सकता है. उसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है. जल संकट और अन्य समस्या को देखते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में ईको फ्रेंडली कमिटी को एक्टिवेट किया जाएगा. प्रोजेक्ट एरिया के अलग अलग इलाकों में कमिटी का गठन किया गया है. कमिटी को एक्टिवेट करने से जानवरों के अवैध शिकार के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 46 स्तनधारी जीव हैं जबकि 174 प्रकार की पक्षियां है.

पलामू:1026 वर्ग किलोमीटर में फैले पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बारिश नहीं होने से जल संकट गहरा गया गया है. जून और जुलाई महीने में औसत से बेहद ही कम बारिश हुई है. बारिश नहीं होने से वन्य प्राणियों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है.

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पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के अंदर ही बेतला नेशनल पार्क आता है. नेशनल पार्क के इलाके 198 जलश्रोत है, लगभग सभी सूखे हुए हैं. टाइगर प्रोजेक्ट के इलाके में कई नदियां हैं जो सुख चुकी है. पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि उनकी पूरी स्थिति पर नजर है. जुलाई महीने में भी जानवरों के लिए टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि मामले में जल्द ही सभी अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और इसका समाधान निकाला जाएगा.

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बारिश कम होने से अगले वर्ष और अधिक जल संकट गहरा सकता है. उसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है. जल संकट और अन्य समस्या को देखते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में ईको फ्रेंडली कमिटी को एक्टिवेट किया जाएगा. प्रोजेक्ट एरिया के अलग अलग इलाकों में कमिटी का गठन किया गया है. कमिटी को एक्टिवेट करने से जानवरों के अवैध शिकार के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 46 स्तनधारी जीव हैं जबकि 174 प्रकार की पक्षियां है.

Intro:पलामू टाइगर प्रोजेक्ट एरिया में बारिस नही होने से जल संकट गहराया

नीरज कुमार । पलामू

1026 वर्ग किलोमीटर में फैले पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में मानसूनी बारिस नही होने से जल संकट गहरा गया गया है। जून और जुलाई महीने में औसत से बेहद ही कम बारिस हुई है। बारिश नही होने से वन्य प्राणियों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के अंदर ही बेतला नेशनल पार्क आता है। नेशनल पार्क के इलाके 198 जलश्रोत है। लगभग सभी सूखे हुए हैं। टाइगर प्रोजेक्ट के इलाके में कई नदियां हैं जो सुख गई है।


Body:पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के डायरेक्टर वाईके दास ने बताया कि पूरी स्थिति पर नजर है। जुलाई महीने में भी जानवरो के लिए टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले में जल्द हो सभी अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और इसका समाधान निकाला जाएगा। बारिस कम होने से अगले वर्ष और अधिक जल संकट गहरा सकता है , उसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है।


Conclusion:जल संकट और अन्य समस्या को देखते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में ईको फ्रेंडली कमिटी को एक्टिवेट किया जाएगा। प्रोजेक्ट एरिया के अलग अलग इलाक़ो में कमिटी के गठन किया गया है। कमिटी को एक्टिवेट करने से जानवरो के अवैध शिकार के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 46 स्तनधारी जीव है जबकि 174 प्रकार की पक्षियां है।
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