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माओवादियों के छकरबंधा इलाके में मची भगदड़, तलाश रहे खास जाति वर्ग के कमांडर - पलामू समाचार

प्रतिबंधित भाकपा माओवादी सदस्य रविंद्र मेहता ने सुरक्षाबलों के सामने कई अहम खुलासे किए हैं. कहा जा रहा है कि नक्सली संदीप की मौत के बाद छकरबंधा के इलाके में भगदड़ मची हुई है. इसके साथ ही मध्यजोन में नक्सली खास जाति के कमांडर की तलाश कर रहे हैं.

CPI Maoist are fleeing Chhakarbandha area
CPI Maoist are fleeing Chhakarbandha area
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Published : Aug 28, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Aug 28, 2022, 9:57 PM IST

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी छकरबंधा से झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके में अपनी गतिविधि का संचालन करते थे, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में माओवादियों को बड़ा नुकसान हुआ है. माओवादियो के टॉप कमांडर संदीप यादव की बीमारी से मौत हो चुकी है. जबकि छकरबंधा के इलाके में सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है. संदीप की मौत के बाद छकरबंधा के इलाके में भगदड़ मची हुई है (CPI Maoist are fleeing Chhakarbandha area). इसका खुलासा गिरफ्तार माओवादी रविंद्र मेहता ने किया है.

ये भी पढ़ें: पीएलजीए सुप्रीमो संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी संगठन छकरबंधा में तलाश रहा नया कमांडर, चार्लिस और गौतम पासवान के नामों की चर्चा

पांच लाख रुपये के इनामी माओवादी रविंद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास को गढ़वा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रविंद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास ने पूछताछ के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कई बड़ी जानकारी दी है. उसने ने पुलिस को बताया है कि छकरबंधा के इलाके में माओवादी संदीप की मौत के बाद मध्यजोन में किसी भी कमांडर को एक दूसरे पर विश्वास नहीं है. संदीप यादव उर्फ विजय यादव माओवादियों के मध्य जोन का सुप्रीम कमांडर हुआ करता था. उसकी मौत के बाद माओवादी मध्य जोन में खास जाति वर्ग के कमांडर की तलाश कर रहे हैं. संदीप यादव का बिहार झारखंड में खास जाति वर्ग पर पकड़ थी.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार माओवादी 15 लाख के इनामी कमांड विनय यादव उर्फ मुराद पर अपना दांव खेल सकते हैं. बीना यादव और मुराद की भी खास जाति वर्ग पर पकड़ है. रविंद्र मेहता ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि विनय उर्फ मुराद से अधिक सीनियर लातेहार के रहने वाले चार्लीस और गौतम पासवान हैं, पिछले एक दशक में माओवादियों के मध्य जोन में खास जाति वर्ग की पकड़ रही है, जिस कारण माओवादी उसी जाति वर्ग से कमांडर की तलाश कर रहे हैं.

गिरफ्तार माओवादी कमांडर रविंद्र मेहता ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि संदीप की मौत के बाद पोलित ब्यूरो मेंबर प्रमोद मिश्रा ने सभी कमांडरों को छकरबंधा छोड़ने को कहा था. उसने बताया है कि वह संजय गोदराम के दस्ते में था. सभी कमांडर अलग अलग दस्तों के साथ निकल गए थे. प्रमोद मिश्रा ने सभी अपने अपने प्रभाव वाले इलाके में जाने को कहा था, इस दौरान सभी को निर्देश मिले थे कि सही वक्त आने के बाद सभी को पत्र के माध्यम से सूचित किया जाएगा. उसके बाद प्रमोद मिश्रा खुद दूसरे इलाके में चला गया.


माओवादियों के मध्य जोन में पलामू, गढ़वा, चतरा और बिहार का गया औरंगाबाद और रोहतास का इलाका शामिल है. झारखंड बिहार में सबसे अधिक माओवादियों के मध्य जोन से ही लेवा भी मिलती थी. पलामू, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद सीमावर्ती इलाके में मौजूद छकरबंधा से माओवादी इलाके में सभी तरह की गतविधि का संचालन करते थे. संदीप की मौत के बाद सुरक्षाबलों ने छकरबंधा में में बड़ा अभियान शुरू किया था, अभियान के बाद टॉप कमांडर इलाके को छोड़ कर भाग गए थे.

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी छकरबंधा से झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके में अपनी गतिविधि का संचालन करते थे, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में माओवादियों को बड़ा नुकसान हुआ है. माओवादियो के टॉप कमांडर संदीप यादव की बीमारी से मौत हो चुकी है. जबकि छकरबंधा के इलाके में सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है. संदीप की मौत के बाद छकरबंधा के इलाके में भगदड़ मची हुई है (CPI Maoist are fleeing Chhakarbandha area). इसका खुलासा गिरफ्तार माओवादी रविंद्र मेहता ने किया है.

ये भी पढ़ें: पीएलजीए सुप्रीमो संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी संगठन छकरबंधा में तलाश रहा नया कमांडर, चार्लिस और गौतम पासवान के नामों की चर्चा

पांच लाख रुपये के इनामी माओवादी रविंद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास को गढ़वा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रविंद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास ने पूछताछ के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कई बड़ी जानकारी दी है. उसने ने पुलिस को बताया है कि छकरबंधा के इलाके में माओवादी संदीप की मौत के बाद मध्यजोन में किसी भी कमांडर को एक दूसरे पर विश्वास नहीं है. संदीप यादव उर्फ विजय यादव माओवादियों के मध्य जोन का सुप्रीम कमांडर हुआ करता था. उसकी मौत के बाद माओवादी मध्य जोन में खास जाति वर्ग के कमांडर की तलाश कर रहे हैं. संदीप यादव का बिहार झारखंड में खास जाति वर्ग पर पकड़ थी.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार माओवादी 15 लाख के इनामी कमांड विनय यादव उर्फ मुराद पर अपना दांव खेल सकते हैं. बीना यादव और मुराद की भी खास जाति वर्ग पर पकड़ है. रविंद्र मेहता ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि विनय उर्फ मुराद से अधिक सीनियर लातेहार के रहने वाले चार्लीस और गौतम पासवान हैं, पिछले एक दशक में माओवादियों के मध्य जोन में खास जाति वर्ग की पकड़ रही है, जिस कारण माओवादी उसी जाति वर्ग से कमांडर की तलाश कर रहे हैं.

गिरफ्तार माओवादी कमांडर रविंद्र मेहता ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि संदीप की मौत के बाद पोलित ब्यूरो मेंबर प्रमोद मिश्रा ने सभी कमांडरों को छकरबंधा छोड़ने को कहा था. उसने बताया है कि वह संजय गोदराम के दस्ते में था. सभी कमांडर अलग अलग दस्तों के साथ निकल गए थे. प्रमोद मिश्रा ने सभी अपने अपने प्रभाव वाले इलाके में जाने को कहा था, इस दौरान सभी को निर्देश मिले थे कि सही वक्त आने के बाद सभी को पत्र के माध्यम से सूचित किया जाएगा. उसके बाद प्रमोद मिश्रा खुद दूसरे इलाके में चला गया.


माओवादियों के मध्य जोन में पलामू, गढ़वा, चतरा और बिहार का गया औरंगाबाद और रोहतास का इलाका शामिल है. झारखंड बिहार में सबसे अधिक माओवादियों के मध्य जोन से ही लेवा भी मिलती थी. पलामू, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद सीमावर्ती इलाके में मौजूद छकरबंधा से माओवादी इलाके में सभी तरह की गतविधि का संचालन करते थे. संदीप की मौत के बाद सुरक्षाबलों ने छकरबंधा में में बड़ा अभियान शुरू किया था, अभियान के बाद टॉप कमांडर इलाके को छोड़ कर भाग गए थे.

Last Updated : Aug 28, 2022, 9:57 PM IST
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