पलामू: पिछले दिनों यूपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ, इस रिजल्ट में झारखंड में कई छात्र सफल हुए. इनमें से एक नाम कुमार सौरव का भी है, जिसे 357 वां रैंक मिला है. रिजल्ट जारी होने के साथ बताया गया कि पलामू के पांडु के रहने वाले कुमार सौरव को 357वां रैंक मिला था, उस दौरान पलामू के लोगों ने जश्न मनाया था. मीडिया ने उस दौरान पांडु के कुमार सौरव के संघर्षों की कहानी को बताया कि किस तरह बहन ने संघर्ष कर उसे पढ़ाया और वह आईएएस बना. लेकिन फिर पता चला की मामला फर्जी है और कुमार सौरव का यूपीएससी में सेलेक्शन ही नहीं हुआ है.
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बुधवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने यूपीएससी में सफल छात्रों को पुरस्कृत किया, सभी ने हेमंत सोरेन के साथ फोटो भी खिंचवाई. पलामू के पांडू के रहने वाले कुमार सौरभ ने सीएम के साथ फोटो खिंचवाई और सम्मान ग्रहण किया, लेकिन देर शाम से पलामू के कुमार सौरव के यूपीएससी में सेलेक्शन नहीं होने की बात को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं. कुमार सौरव ने खुद को यूपीएससी में सफल बताते हुए कहा था कि उसे 357वां रैंक मिला है. चर्चाओं को लेकर ईटीवी भारत ने कुमार सौरव को कॉल किया, उस दौरान कुमार सौरव ने सीएम के साथ सम्मानित होने वाले फोटो और एडमिट कार्ड व्हाट्सएप पर भेज देने की बात कही, उन्होंने बताया कि 29 अगस्त से उनका प्रशिक्षण शुरू होने वाला है.
देर रात तक फोटो और दस्तावेज नहीं मिलने के बाद, जब कुमार सौरव को कॉल लगाया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव करना बंद कर दिया. गुरुवार की सुबह उनका मोबाइल बंद मिला. मीडिया में खबर आने के बाद कुमार सौरव को सम्मानित करने की पहल सीएमओ के तरफ से की गई थी. पलामू का ही एक व्यक्ति कुछ दिनों पहले दुमका में फर्जी ईडी अधिकारी बनकर एक टॉप अधिकारी को धमका रहा था. इसी क्रम में वह दुमका में पकड़ा भी गया था. पलामू में इस तरह के पहले भी मामले निकल कर सामने आए हैं.
पलामू के पांडु के रहने वाले युवक कुमार सौरव से काफी कोशिशों के बाद जब बात हुई तो उसने इस बात को वह स्वीकार किया कि उसका चयन यूपीएससी में नहीं हुआ है. नाम के कारण यह कंफ्यूजन हुआ. उसने बताया कि उनकी जगह यूपी के एक लड़के का चयन हुआ है. यह सारी जानकारी उन्हें 27 जुलाई को मिली. कुमार सौरभ ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद उन्होंने यूपी के चयनित लड़के को फोन कर माफी मांगी है.
कुमार सौरव में खुद को आईएएस अधिकारी बताते हुए 26 अगस्त को सीएम से सम्मान भी पाया. जानकारी के अनुसार यूपीएससी में चयन की जानकारी केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को रहती है. कैडर बंटवारे के बाद राज्य को सूचना दी जाती है. लेकिन उससे पहले ही झारखंड सीएमओ ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कुमार सौरव को यूपीएससी सम्मानित कर दिया.