पलामू: कोरोना की तीसरी लहर कमजोर होने के बाद एक बार फिर से कथित बकोरिया मुठभेड़ (Bakoria encounter) जांच की सीबीआई जांच तेज हो गई है. जांच करने के लिए सीबीआई की स्पेशल टीम पलामू पहुंची है. कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई ने 70 प्रतिशत पूरा कर लिया है. सीबीआई की जांच टीम पलामू में कैंप कर रही है. अगले दो दिनों में सीबीआई के टॉप अधिकारी पलामू पहुंचेंगे और कई लोगों से पूछताछ करेंगे.
09 जून 2015 को बकोरिया के भलवही घाटी में कथित तौर पर 12 नक्सली मारे गए थे. मारे गए नक्सलियों में टॉप कमांडर आरके उर्फ अनुराग और उसका बेटा और भतीजा शामिल थे. इसमें चार नाबालिग एक पारा शिक्षक और उसका भाई भी मारा गया था. सीआईडी जांच की धीमी गति के बाद हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया था. बाद में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया था जहां अस्वीकृत कर दिया गया. सीबीआई की टीम 2018 से मुठभेड़ की जांच कर रही है.
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कथित मुठभेड़ मामले में चार्जशीट की सीबीआई कर रही तैयारी
कथित बकोरिया मुठभेड़ के सीबीआई जांच की निगरानी हाई कोर्ट कर रहा है. सीबीआई कथित बकोरिया मुठभेड़ के मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. सीबीआई की स्पेशल टीम चार्जशीट के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है. अगले कुछ दिनों में सीबीआई की टीम मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी. सूत्रों के अनुसार आधा दर्जन के करीब पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया जाना है. सीबीआई की टीम मामले में अब तक 500 से अधिक लोगों की गवाही ले चुकी है. मामले में झारखंड के तत्कालीन डीजी, पलामू रेंज के डीआईजी तत्कालीन एसपी, तत्कालीन अभियान एसपी, सीआरपीएफ और कोबरा के कमांडेंट से पूछताछ हुई है. कथित बकोरिया मुठभेड़ का एफआईआर दर्ज करने वाले दरोगा मोहम्मद रुस्तम सीबीआई के सामने अपने बयान को बदल चुके हैं.