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अर्जुन ने थामा दिव्यांग का हाथ, कहा- सात जन्म तक निभाऊंगा साथ

दोनों पैरों से दिव्यांग साथी को अपनाने कि लए हौसलों की जरूरत होती है और ऐसा ही हौंसला दिखाया है छत्तीसगढ़ के अर्जुन ने. अर्जुन ने दिव्यांग अनिता के साथ सात फेरे लेकर समाज के लिए उदाहरण साबित किया है.

Arjun hold hand of Divyang girl in palamu
अर्जुन ने थामा दिव्यांग का हाथ
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Published : Jun 28, 2020, 7:10 PM IST

पलामू: कहते है कि जोड़ियां उपर वाले बना कर भेजते है, लेकिन आपका साथी जब दिव्यांग हो खास कर दोनों पैरों से तो उसे अपनाने के लिए हौसलों की जरूरत होती है. ऐसे ही हौंसला दिखाते हुए अर्जुन ने अनिता के साथ सात फेरे लिए हैं. अर्जुन और अनिता की शादी समाज के लिए उदाहरण है. अनिता दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. जबकि अर्जुन एक नॉरमल लड़का है. अनिता पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के धवाडीह की रहने वाली है और उसने बीए कर के अब बैंकिंग की तैयारी कर रही है.

देखें पूरी खबर

अनिता शुरू से ही दिव्यांग स्कूल से पढ़ाई की हैं. उनके परिवार ने छतीसगढ़ के रायगढ़ के अर्जुन से शादी के लिए बातचीत की. बातचीत के बाद अर्जुन शादी के लिए तैयार हो गया. दोनों की शादी पलामू के दुबियाखाड़ में विवाह मंडप में हुई. जंहा चेरो वंश के प्रतापी राजा मेदिनीराय की प्रतिमा है.

अनिता के सपने को पूरा करना चाहता है अर्जुन

दूल्हा अर्जुन का कहना है कि वह अनिता के हर सपने को पूरा करना चाहता है. उसे अनिता पसंद थी, वह दिव्यांग है उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उसके साथ अब वह जीवन गुजारना चाहता हैं. अनिता बोलती हैं कि उन्हें अर्जुन के रुप में बेहतर जीवन साथी मिला है. वह उसके साथ बेहद खुश हैं. वह आगे बैंक अधिकारी बनना चाहती हैं और अर्जुन इसमें पूरा साथ दे रहे हैं. अर्जुन के पिता का कहना है कि उसके बेटे ने समाज को एक संदेश दिया है. अनिता उनकी बहु बनी हैं, इससे वह बेहद खुश हैं.

ये भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल में नहीं दे सकते छूट, राज्य सरकार को चाहिए रेवेन्यू: रामेश्वर उरांव

दिव्यांग के हर सुख-दुख में समाजसेवी आलोक वर्मा ने इनका साथ दिया हैं. दिव्यांग स्कूल में पढ़ाई के दौरान आलोक वर्मा ने अनिता की मदद की है. आलोक वर्मा ने दंपति को शादी के मौके पर उपहार दिया और आर्थिक मदद की. उन्होंने अर्जुन को नौकरी दिलवाने और अनिता की पढ़ाई में मदद की भी बात कही. दोनों को हर संभव मदद देने का वादा किया.

पलामू: कहते है कि जोड़ियां उपर वाले बना कर भेजते है, लेकिन आपका साथी जब दिव्यांग हो खास कर दोनों पैरों से तो उसे अपनाने के लिए हौसलों की जरूरत होती है. ऐसे ही हौंसला दिखाते हुए अर्जुन ने अनिता के साथ सात फेरे लिए हैं. अर्जुन और अनिता की शादी समाज के लिए उदाहरण है. अनिता दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. जबकि अर्जुन एक नॉरमल लड़का है. अनिता पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के धवाडीह की रहने वाली है और उसने बीए कर के अब बैंकिंग की तैयारी कर रही है.

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अनिता शुरू से ही दिव्यांग स्कूल से पढ़ाई की हैं. उनके परिवार ने छतीसगढ़ के रायगढ़ के अर्जुन से शादी के लिए बातचीत की. बातचीत के बाद अर्जुन शादी के लिए तैयार हो गया. दोनों की शादी पलामू के दुबियाखाड़ में विवाह मंडप में हुई. जंहा चेरो वंश के प्रतापी राजा मेदिनीराय की प्रतिमा है.

अनिता के सपने को पूरा करना चाहता है अर्जुन

दूल्हा अर्जुन का कहना है कि वह अनिता के हर सपने को पूरा करना चाहता है. उसे अनिता पसंद थी, वह दिव्यांग है उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उसके साथ अब वह जीवन गुजारना चाहता हैं. अनिता बोलती हैं कि उन्हें अर्जुन के रुप में बेहतर जीवन साथी मिला है. वह उसके साथ बेहद खुश हैं. वह आगे बैंक अधिकारी बनना चाहती हैं और अर्जुन इसमें पूरा साथ दे रहे हैं. अर्जुन के पिता का कहना है कि उसके बेटे ने समाज को एक संदेश दिया है. अनिता उनकी बहु बनी हैं, इससे वह बेहद खुश हैं.

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दिव्यांग के हर सुख-दुख में समाजसेवी आलोक वर्मा ने इनका साथ दिया हैं. दिव्यांग स्कूल में पढ़ाई के दौरान आलोक वर्मा ने अनिता की मदद की है. आलोक वर्मा ने दंपति को शादी के मौके पर उपहार दिया और आर्थिक मदद की. उन्होंने अर्जुन को नौकरी दिलवाने और अनिता की पढ़ाई में मदद की भी बात कही. दोनों को हर संभव मदद देने का वादा किया.

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