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ऑटो मालिकों से रंगदारी के मामले में राजनीतिक साजिश का आरोप, उपेंद्र सिंह के परिजन बोले छवि खराब करने की हुई कोशिश - पलामू पुलिस

पलामू में ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने का मामला चर्चा में है. 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब इसे राजनीतिक साजिश करार दिया जा रहा है.

पलामू में रंगदारी
पलामू में रंगदारी
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Published : Oct 8, 2021, 2:03 PM IST

पलामू: ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने के मामले में पलामू पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें नामी बिजनेसमैन उपेंद्र सिंह, कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में उपेंद्र सिंह का नाम आने पर उनके परिजन ने इसका खंडन किया है और कहा उन्हें फंसाने की साजिश रची गई है.

ये भी पढ़ें-ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने का मामला, 22 लोगों पर FIR

उपेंद्र सिंह हुसैनाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. उनके परिजनों के अनुसार झूठे केस में फंसाकर राजनीतिक साजिश के तहत उनकी छवि धूमिल की जा रही है. जबकि इस मामले से उनका दूर-दूर तक कोई भी लेना देना नहीं है.

क्या है पूरा मामला

बीते दिनों टाउन थाना को सूचना मिली थी कि मेदिनीनगर के सरकारी बस डिपो के पास ऑटो स्टैंड में रंगदारी वसूली जा रही है. इसके बाद टाउन थाना की पुलिस ने इसराफिल अंसारी नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसराफिल अंसारी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

टाउन इंस्पेक्टर ने बताया कि मेदिनीनगर के ऑटो स्टैंड से कुख्यात डॉन डब्लू सिंह के नाम पर वसूली जा रही थी. ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने के आरोप में डब्लू सिंह, शक्ति सिंह, अमन सिंह, उपेंद्र सिंह, छोटा डब्लू सिंह, राजू तिर्की, लव सिंह, कुश सिंह, राकेश सिंह और डब्लू सिंह के भाई समेत 22 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस फिलहाल ये पता लगा रही है कि रंगदारी का पैसा कहां-कहां जाता था.

इस मामले में सफेदपोशों के नाम जुड़ने पर राजनीतिक चर्चा होने लगी है. इसी कड़ी में उपेंद्र सिंह ने परिजनों ने आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह से सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की गई है.

पलामू: ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने के मामले में पलामू पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें नामी बिजनेसमैन उपेंद्र सिंह, कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में उपेंद्र सिंह का नाम आने पर उनके परिजन ने इसका खंडन किया है और कहा उन्हें फंसाने की साजिश रची गई है.

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उपेंद्र सिंह हुसैनाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. उनके परिजनों के अनुसार झूठे केस में फंसाकर राजनीतिक साजिश के तहत उनकी छवि धूमिल की जा रही है. जबकि इस मामले से उनका दूर-दूर तक कोई भी लेना देना नहीं है.

क्या है पूरा मामला

बीते दिनों टाउन थाना को सूचना मिली थी कि मेदिनीनगर के सरकारी बस डिपो के पास ऑटो स्टैंड में रंगदारी वसूली जा रही है. इसके बाद टाउन थाना की पुलिस ने इसराफिल अंसारी नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसराफिल अंसारी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

टाउन इंस्पेक्टर ने बताया कि मेदिनीनगर के ऑटो स्टैंड से कुख्यात डॉन डब्लू सिंह के नाम पर वसूली जा रही थी. ऑटो मालिकों से रंगदारी वसूलने के आरोप में डब्लू सिंह, शक्ति सिंह, अमन सिंह, उपेंद्र सिंह, छोटा डब्लू सिंह, राजू तिर्की, लव सिंह, कुश सिंह, राकेश सिंह और डब्लू सिंह के भाई समेत 22 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस फिलहाल ये पता लगा रही है कि रंगदारी का पैसा कहां-कहां जाता था.

इस मामले में सफेदपोशों के नाम जुड़ने पर राजनीतिक चर्चा होने लगी है. इसी कड़ी में उपेंद्र सिंह ने परिजनों ने आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह से सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की गई है.

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