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सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को लिखा पत्र, वैधानिक नगरपालिका गठन की मांग - जमशेदपुर की खबर

जमशेदपुर में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में जमशेदपुर में नगरपालिका या औद्योगिक नगरी नहीं बनने से लोगों को हो रही असुविधाओं की जानकारी दी है. साथ ही लिखा कि शहर में अब तक वैधानिक नगरपालिका का गठन भी नहीं हुआ है.

Saryu Rai wrote letter to Minister of Urban Development in jamshedpur
सरयू राय
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Published : Jan 29, 2021, 7:32 AM IST

जमशेदपुरः निर्दलीय विधायक सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में नगरपालिका या औद्योगिक नगरी नहीं बनने से यहां के लोग नागरिक सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूरे राज्य में जमशेदपुर एक ऐसा स्थान है जहां अब तक वैधानिक नगरपालिका का गठन नहीं हुआ है. जमशेदपुर नगर निगम या फिर औद्योगिक नगर बने इसकी जद्दोजहद विगत तीस वर्षों से चल रही है. सर्वोच्च न्यायालय और झारखंड-बिहार उच्च न्यायालयों के फैसले भी इसका समाधान नहीं कर पाए हैं.

ये भी पढ़ें-साहिबगंज में सुदेशः कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए आजसू सुप्रीमो, कार्यकर्ताओं का बढ़ाया उत्साह

इसी तरह जमशेदपुर के अतिरिक्त मानगो में नगर निगम और जुगसलाई में नगर परिषद तो बन गए लेकिन इनका चुनाव नहीं हुआ है. इस कारण दो नगरपालिका को भारत सरकार से हर वर्ष मिलने वाली बुनियादी अनुदान और प्रदर्शन अनुदान नहीं मिल रहा है. ये अनुदान विगत पांच वर्षों तक 14वें वित्त आयोग के समय भी नहीं मिला और 2020-2021 से आरंभ हो रहे 15 वें वित्त आयोग में भी नहीं मिलेगा. इस कारण जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई की जनता को अरबों रुपये के नागरिक सुविधा से वंचित होना पड़ा है.

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल (2015-16 से 2019-20) झारखंड के सभी नगर पालिकाओं के लिए दोनों प्रकार के अनुदानों को मिलाकर करीब 1426.10 करोड़ मिले हैं. जनसंख्या के आधार पर जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई को करीब 160 करोड़ रुपये की हकमारी हुई है. इतना ही नहीं (2015-16 से 2019-20) के बीच तत्कालीन राज्य सरकार 488.45 करोड़ रुपए का अनुदान भारत सरकार से नहीं ले सकी है. इस अवधि में 2000 करोड़ रुपया मिलना चाहिए था लेकिन 1426.10 करोड़ रुपये मिले यानी 500 करोड़ रुपये नहीं मिले.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भारत सरकार से 14वें वित्त आयोग के इन 500 करोड़ रुपए की मांग करे और शहर में एक वैधानिक नगर पालिका का गठन कर मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव कराकर 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इन क्षेत्रों की जनता को उनका हक दिलाए, जो राशि 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इस क्षेत्र को नहीं मिल सकी है उसके लिए करीब 160 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का प्रावधान इस बार के बजट में करने के लिए कहा जाए.

जमशेदपुरः निर्दलीय विधायक सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में नगरपालिका या औद्योगिक नगरी नहीं बनने से यहां के लोग नागरिक सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूरे राज्य में जमशेदपुर एक ऐसा स्थान है जहां अब तक वैधानिक नगरपालिका का गठन नहीं हुआ है. जमशेदपुर नगर निगम या फिर औद्योगिक नगर बने इसकी जद्दोजहद विगत तीस वर्षों से चल रही है. सर्वोच्च न्यायालय और झारखंड-बिहार उच्च न्यायालयों के फैसले भी इसका समाधान नहीं कर पाए हैं.

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इसी तरह जमशेदपुर के अतिरिक्त मानगो में नगर निगम और जुगसलाई में नगर परिषद तो बन गए लेकिन इनका चुनाव नहीं हुआ है. इस कारण दो नगरपालिका को भारत सरकार से हर वर्ष मिलने वाली बुनियादी अनुदान और प्रदर्शन अनुदान नहीं मिल रहा है. ये अनुदान विगत पांच वर्षों तक 14वें वित्त आयोग के समय भी नहीं मिला और 2020-2021 से आरंभ हो रहे 15 वें वित्त आयोग में भी नहीं मिलेगा. इस कारण जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई की जनता को अरबों रुपये के नागरिक सुविधा से वंचित होना पड़ा है.

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल (2015-16 से 2019-20) झारखंड के सभी नगर पालिकाओं के लिए दोनों प्रकार के अनुदानों को मिलाकर करीब 1426.10 करोड़ मिले हैं. जनसंख्या के आधार पर जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई को करीब 160 करोड़ रुपये की हकमारी हुई है. इतना ही नहीं (2015-16 से 2019-20) के बीच तत्कालीन राज्य सरकार 488.45 करोड़ रुपए का अनुदान भारत सरकार से नहीं ले सकी है. इस अवधि में 2000 करोड़ रुपया मिलना चाहिए था लेकिन 1426.10 करोड़ रुपये मिले यानी 500 करोड़ रुपये नहीं मिले.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भारत सरकार से 14वें वित्त आयोग के इन 500 करोड़ रुपए की मांग करे और शहर में एक वैधानिक नगर पालिका का गठन कर मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव कराकर 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इन क्षेत्रों की जनता को उनका हक दिलाए, जो राशि 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इस क्षेत्र को नहीं मिल सकी है उसके लिए करीब 160 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का प्रावधान इस बार के बजट में करने के लिए कहा जाए.

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