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सरयू राय की पार्टी ने निजी स्कूलों के खिलाफ खोला मोर्चा, शिक्षा विभाग से कार्रवाई की मांग - जिला शिक्षा अधिक्षक कार्यालय

भारतीय जन मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.

private schools in jamshedpur
भारतीय जन मोर्चा
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Published : Mar 16, 2020, 11:38 PM IST

जमशेदपुर: शहर के निजी स्कूलों में सिलेबस के नाम पर हर साल किताबों को बदलने के मामले को भारतीय जन मोर्चा ने गंभीरता पूर्वक लिया है. इस मामले को लेकर सोमवार को भारतीय जन मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.

देखिए पूरी खबर

ज्ञापन में कहा गया है कि शहर के सभी निजी स्कूल री-एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से पैसा लेते हैं. निजी स्कूलों ने इसे कमाने का एक जरिया बना लिया है. प्रति वर्ष सिलेबस बदल दी जाती है और उसके बाद स्कूल प्रबंधन किताब माफियाओं के साथ मिलकर मनचाहे दाम में किताब को बेचते हैं. जिससे अभिभावकों को एक और अतिरिक्त बोझ का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, बीजेपी ने राज्यपाल को सौंपी 106 विधायकों की सूची

इसलिए ज्ञापन के माध्यम भारतीय जन मोर्चा मांग करता है कि कोई भी निजी स्कूल हर वर्ष सिलेबस को न बदले. इसके लिए शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर दबाव बनाए. अगर शिक्षा विभाग इस मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए रोक नहीं लगाती है तो भारतीय जन मोर्चा इस मामले को लेकर जोरदार अंदोलन करेगा.

जमशेदपुर: शहर के निजी स्कूलों में सिलेबस के नाम पर हर साल किताबों को बदलने के मामले को भारतीय जन मोर्चा ने गंभीरता पूर्वक लिया है. इस मामले को लेकर सोमवार को भारतीय जन मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.

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ज्ञापन में कहा गया है कि शहर के सभी निजी स्कूल री-एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से पैसा लेते हैं. निजी स्कूलों ने इसे कमाने का एक जरिया बना लिया है. प्रति वर्ष सिलेबस बदल दी जाती है और उसके बाद स्कूल प्रबंधन किताब माफियाओं के साथ मिलकर मनचाहे दाम में किताब को बेचते हैं. जिससे अभिभावकों को एक और अतिरिक्त बोझ का सामना करना पड़ता है.

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इसलिए ज्ञापन के माध्यम भारतीय जन मोर्चा मांग करता है कि कोई भी निजी स्कूल हर वर्ष सिलेबस को न बदले. इसके लिए शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर दबाव बनाए. अगर शिक्षा विभाग इस मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए रोक नहीं लगाती है तो भारतीय जन मोर्चा इस मामले को लेकर जोरदार अंदोलन करेगा.

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