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निजी कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूरों का विरोध प्रदर्शन, अपनी मांगों को लेकर कंपनी गेट 3 घंटे रखा जाम - जमशेदपुर में लाफार्ज सीमेंट कंपनी

जमशेदपुर के नुवोको विस्टस कॉर्प लिमिटेड कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूरों ने वेतनमान की बढ़ोतरी और नियमित रूप से काम को लेकर कंपनी प्रबंधन का घेराव किया. मजदूरों का आरोप है कि कम वेतन में उनसे ज्यादा काम लिया जाता है. वहीं, इनकी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन ने चार मुद्दों पर सहमति बनाई है.

Protest by contract workers in jamshedpur
ठेका मजदूरों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Nov 12, 2020, 12:14 PM IST

जमशेदपुर: जोजोबेड़ा स्थित नुवोको विस्टस कॉर्प लिमिटेड (लाफार्ज कंपनी) में गुरुवार को ठेका मजदूरों ने प्रदर्शन किया. ठेका मजदूरों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन केंद्र सरकार की ओर से दिए गए वेतनमान को अब तक लागू नहीं कर पाई है. कम वेतनमान में प्रबंधन की ओर से ज्यादा काम लिया जाता है. इतना ही नहीं कई बार मजदूर आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करने को विवश हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें-बिना जोड़ की बेजोड़ कड़ाही बनाते हैं हजारीबाग के कारीगर, पूजा के समय होता है इसका खास इस्तेमाल

कंपनी प्रबंधन की ओर से हर महीने का वेतन दो महीने के बाद दिया जाता है, जिसके कारण कर्मचारियों को समस्या होती है. ठेका मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन का गेट तीन घंटे तक जाम रखा. इस दौरान मजदूरों को बाहर से अंदर जाने की अनुमति भी नहीं थी. ठेका मजदूरों की मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन ने चार मुद्दों पर सहमति बनाई है-

  1. केंद्र सरकार की ओर से बढ़ाई गई न्यूनतम मजदूरी एरियर के साथ माह के प्रथम सप्ताह 7-10 तारीख तक भुगतान किया जाए.
  2. वर्षों से काम कर रहे फिटर, रिगर, वेल्डर को कुशल और अधिक कुशल श्रमिक दर से वेतन भुगतान किया जाए.
  3. ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को विधि अनुसार दुगना मजदूरी दर भुगतान किया जाएगा.
  4. ईपीएफ में हुई अनियमितताओं को जल्द सुधार किया जाएगा.

जमशेदपुर: जोजोबेड़ा स्थित नुवोको विस्टस कॉर्प लिमिटेड (लाफार्ज कंपनी) में गुरुवार को ठेका मजदूरों ने प्रदर्शन किया. ठेका मजदूरों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन केंद्र सरकार की ओर से दिए गए वेतनमान को अब तक लागू नहीं कर पाई है. कम वेतनमान में प्रबंधन की ओर से ज्यादा काम लिया जाता है. इतना ही नहीं कई बार मजदूर आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करने को विवश हो जाते हैं.

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कंपनी प्रबंधन की ओर से हर महीने का वेतन दो महीने के बाद दिया जाता है, जिसके कारण कर्मचारियों को समस्या होती है. ठेका मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन का गेट तीन घंटे तक जाम रखा. इस दौरान मजदूरों को बाहर से अंदर जाने की अनुमति भी नहीं थी. ठेका मजदूरों की मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन ने चार मुद्दों पर सहमति बनाई है-

  1. केंद्र सरकार की ओर से बढ़ाई गई न्यूनतम मजदूरी एरियर के साथ माह के प्रथम सप्ताह 7-10 तारीख तक भुगतान किया जाए.
  2. वर्षों से काम कर रहे फिटर, रिगर, वेल्डर को कुशल और अधिक कुशल श्रमिक दर से वेतन भुगतान किया जाए.
  3. ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को विधि अनुसार दुगना मजदूरी दर भुगतान किया जाएगा.
  4. ईपीएफ में हुई अनियमितताओं को जल्द सुधार किया जाएगा.
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