जमशेदपुर: कोरोना को लेकर धीरे-धीरे हालात भी समान्य होने लगे हैं लेकिन लोगों के मन से कोविड-19 का डर नहीं खत्म हुआ है. इसका असर पर्व त्योहार में भी पड़ा है. गणेश पुजा से लेकर दुर्गा पूजा तक लोगों ने कोविड-19 को लेकर सरकार के दिए गए गाइडलाइन के अनुसार ही पूजा की है और अब दीपावली नजदीक है. दीपावली में दीये का खासा महत्व है. दीये के अलावा मिट्टी और भी समानों का काफी महत्व है. इन्हें बनाने वाले कुम्हारों पर कोरोना का असर पड़ा है.
दीपावली की तैयारी
बाराद्वारी के कुम्हारपाड़ा का रहने वाला राजू प्रजापति करीब 30 सालों से मिट्टी के समानों को बनाते आ रहे हैं. फिलहाल वे दीपावली की तैयारियां कर रहे है लेकिन उन्हें डर सता रहा है कि इस बार उनके बनाए गए दीये बिकेंगे या नहीं. राजू ने बताया कि जहां पहले दीपावली में पच्चीस से तीस हजार दीये बनाते थे. इस बार वे मात्र दस हजार दीये बनाए है.
कोरोना ने कुम्हारों की तोड़ी कमर
जुलाई से यह लोग दीये बनाना शुरू कर देते है लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दुर्गा पूजा के पहले से दीये बनाने शुरू किया है. महगाई की मार झेल रहे कोरोना ने इन कुम्हारों की कमर तोड़ डाली है. इन लोगों ने तो बीते पांच सालों से दीये के मुल्य में कोई इजाफा नहीं किया था. इस बार कुम्हारों ने दीये के मूल्य एक रुपये से बढाकर डेढ से दो रुपये करने का मन बना चुके थे लेकिन कोरोना ने इनकी मंशा मे पानी फेर दिया है. इनका मानना है कि एक दीये बनाने में काफी मेहनत करना पड़ता है. पहले मिट्टी भी मिल जाती थी लेकिन अब मिट्टी के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. वहीं, कोयला और लकड़ी के मुल्यों में काफी बढोत्तरी हो गई है. सबसे ज्यादा परेशानी तो कोयला नहीं मिलने की है लेकिन वे लोग किसी प्रकार से दीये बना रहे हैं.
वहीं, दीपावली में मिट्टी के खिलौना का खासा महत्व होता है. खासकर बच्चे मिट्टी के खिलौना को बड़े चाव से खरीदते हैं. मिट्टी का खिलौना बनाने महिला का कहना है कि वह कोरोना को देखते हुए पिछली बार की तुलना में आधे से कम बनाई है क्योंकि उनलोगों ने गणेश पूजा, विश्वकर्मा पूजा, लखी पूजा और दुर्गा पूजा का बाजार देख चुकी है. बीते सभी पूजा के बाजारों में उन्हे निराशा हाथ लगी है. उनका मानना है कि ज्यादा खिलौने बना लेंगे तो रखने की जगह नहीं होगी, इसलिए इस बार काफी कम खिलौने बना रही है.
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दीपावली के लिए दीये बनाने की तैयारियां अंतिम चरण पर है. सरकार ने कोविड-19 को लेकर पर्व त्योहार के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है लेकिन दिवाली के लिए सरकार ने अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं जारी किया है. जिससे कुम्हारों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.