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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से मिले कुणाल षाड़ंगी, इन मुद्दों पर हुई चर्चा - केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे

जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और पूरे देश से लोग आकर यहां रहते हैं, लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज टाटा स्टील के टीएमएच अस्पताल पर निर्भर है. राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यजनक है. एमजीएम में आधारभूत संरचना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की घोर कमी है.

Kunal Shadangi meets Union Minister of State for Health Ashwini Chaubey
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे
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Published : Mar 9, 2021, 5:10 AM IST

जमशेदपुर: झारखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से मुलाकात की है. उन्होंने अश्विनी कुमार चौबे से सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर विशेष संज्ञान लेने सम्बंधित आग्रह किया. इस दौरान जमशेदपुर स्थित कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमजीएम में व्याप्त अव्यवस्था पर विशेष निगरानी रखने की मांग हुई.

यह भी पढ़ें: विकास के नाम पर झारखंड में 21 वर्षों से जारी है एमओयू का खेल, समझौते के बाद बड़ी कंपनियां क्यों हो जाती हैं उदासीन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और पूरे देश से लोग आकर यहां रहते हैं, लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज टाटा स्टील के टीएमएच अस्पताल पर निर्भर है. राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यजनक है. एमजीएम में आधारभूत संरचना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की घोर कमी है. पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मंत्री चौबे से आग्रह किया कि केंद्र सरकार की विशेष टीम दौरा कर एमजीएम को सुधारने की कार्य योजना तैयार करे, ताकि केंद्र सरकार इस पर विशेष पहल कर सके.

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना का आग्रह

जमशेदपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना हो इस दिशा में भी आवश्यक पहल करने का आग्रह किया गया. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती प्रखंडों के ज्यादातर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले मरीज बंगाल और ओडिशा पर निर्भर हैं. जिले के कई प्राईवेट अस्पताल आयुष्मान योजना में आच्छादित होते हुए भी जान बूझकर गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना के कोटे से अस्पताल मे दाखिला नहीं देते हैं, क्योंकि कई बार सरकारी पैसे का भुगतान देर से होता है और कई बार कई अस्पताल मरीजों की विवशता का फायदा उठाकर उन्हें बिना आयुष्मान योजना के दाखिला करवाकर ज्यादा पैसे वसूलते हैं.

ऑनलाइन हो अस्पताल का डेटा

केंद्र सरकार ऐसी व्यवस्था करें कि सभी आच्छादित अस्पतालों में आयुष्मान अंतर्गत बेड की उपलब्धता का आंकडा ऑनलाइन किया जाए, ताकि किसी भी समय उस अस्पताल में बेड की स्थिति की जानकारी मिल सके. इससे चंद अस्पताल जानकारी छिपा नहीं सकेंगे. जो अस्पताल आयुष्मान योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से बढ़चढ़कर कर लोगों को दे रहे हैं उनके बिल का भुगतान तय समय पर होना केंद्र सरकार सुनिश्चित करे. मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि वो विभागीय स्तर पर उपरोक्त विषयों पर अविलंब संज्ञान लेकर जरूरी पहल करेंगे.

जमशेदपुर: झारखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से मुलाकात की है. उन्होंने अश्विनी कुमार चौबे से सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर विशेष संज्ञान लेने सम्बंधित आग्रह किया. इस दौरान जमशेदपुर स्थित कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमजीएम में व्याप्त अव्यवस्था पर विशेष निगरानी रखने की मांग हुई.

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कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और पूरे देश से लोग आकर यहां रहते हैं, लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज टाटा स्टील के टीएमएच अस्पताल पर निर्भर है. राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यजनक है. एमजीएम में आधारभूत संरचना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की घोर कमी है. पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मंत्री चौबे से आग्रह किया कि केंद्र सरकार की विशेष टीम दौरा कर एमजीएम को सुधारने की कार्य योजना तैयार करे, ताकि केंद्र सरकार इस पर विशेष पहल कर सके.

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना का आग्रह

जमशेदपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना हो इस दिशा में भी आवश्यक पहल करने का आग्रह किया गया. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती प्रखंडों के ज्यादातर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले मरीज बंगाल और ओडिशा पर निर्भर हैं. जिले के कई प्राईवेट अस्पताल आयुष्मान योजना में आच्छादित होते हुए भी जान बूझकर गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना के कोटे से अस्पताल मे दाखिला नहीं देते हैं, क्योंकि कई बार सरकारी पैसे का भुगतान देर से होता है और कई बार कई अस्पताल मरीजों की विवशता का फायदा उठाकर उन्हें बिना आयुष्मान योजना के दाखिला करवाकर ज्यादा पैसे वसूलते हैं.

ऑनलाइन हो अस्पताल का डेटा

केंद्र सरकार ऐसी व्यवस्था करें कि सभी आच्छादित अस्पतालों में आयुष्मान अंतर्गत बेड की उपलब्धता का आंकडा ऑनलाइन किया जाए, ताकि किसी भी समय उस अस्पताल में बेड की स्थिति की जानकारी मिल सके. इससे चंद अस्पताल जानकारी छिपा नहीं सकेंगे. जो अस्पताल आयुष्मान योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से बढ़चढ़कर कर लोगों को दे रहे हैं उनके बिल का भुगतान तय समय पर होना केंद्र सरकार सुनिश्चित करे. मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि वो विभागीय स्तर पर उपरोक्त विषयों पर अविलंब संज्ञान लेकर जरूरी पहल करेंगे.

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