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मिक्सोपैथी को लेकर IMA ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 15 फरवरी तक करेंगे भूख हड़ताल - जमशेदपुर में मिक्सोपैथी के खिलाफ भूख हड़ताल

मिक्सोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ आईएमए ने मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोलचक्कर के पास आईएमए और मिशन पिंक हेल्थ के डॉक्टरों ने भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया.

hunger strike against mixopathy in jamshedpur
धरना प्रदर्शन
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Published : Feb 7, 2021, 5:53 PM IST

जमशेदपुर: शहर में केंद्र सरकार ने चिकित्सा पद्धति में मिक्सोपैथी को लागू करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भूख हड़ताल कर धरना दिया है. आईएमए के अध्यक्ष ने बताया कि मिक्सोपैथी के विरोध में 15 फरवरी तक देश भर में चरणबद्ध तरीके से भूख हड़ताल किया जाएगा.

डॉक्टरों का कहना है कि पूरे भारत में एमसीआई पद्धति के तहत चिकित्सा के नियमों का पालन किया जाता है लेकिन केंद्र सरकार के नए नीति में एमसीआई को हटाकर नीति आयोग के अधीन कर दिया है. नीति आयोग के तहत ही मिक्सोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता दी जा रही है.

ये भी पढ़े- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यपाल से की मुलाकात, आदिवासियों से जुड़ी योजनाओं पर हुई चर्चा

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने बताया कि सरकार के इस नए फैसले से नीति आयोग में यह प्रावधान रखा गया है कि किसी भी पद्धति के चिकित्सक किसी भी मरीज का इलाज और शल्य चिकित्सा कर सकते हैं. जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रही है. उन्होंने बताया कि इस नीति के कारण मरीजों का जान जोखिम में पड़ जाएगा. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों का जिंदगी खतरे में रहेगी. ऐसे में डॉक्टर पर आरोप लगेगा. उनकी मांग है कि सरकार एमसीआई को मान्यता दे. मिक्सोपैथी के विरोध में देशभर में आईएमए चरणबद्ध तरीके से 15 फरवरी तक भूख हड़ताल करेगी.

जमशेदपुर: शहर में केंद्र सरकार ने चिकित्सा पद्धति में मिक्सोपैथी को लागू करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भूख हड़ताल कर धरना दिया है. आईएमए के अध्यक्ष ने बताया कि मिक्सोपैथी के विरोध में 15 फरवरी तक देश भर में चरणबद्ध तरीके से भूख हड़ताल किया जाएगा.

डॉक्टरों का कहना है कि पूरे भारत में एमसीआई पद्धति के तहत चिकित्सा के नियमों का पालन किया जाता है लेकिन केंद्र सरकार के नए नीति में एमसीआई को हटाकर नीति आयोग के अधीन कर दिया है. नीति आयोग के तहत ही मिक्सोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता दी जा रही है.

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आईएमए के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने बताया कि सरकार के इस नए फैसले से नीति आयोग में यह प्रावधान रखा गया है कि किसी भी पद्धति के चिकित्सक किसी भी मरीज का इलाज और शल्य चिकित्सा कर सकते हैं. जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रही है. उन्होंने बताया कि इस नीति के कारण मरीजों का जान जोखिम में पड़ जाएगा. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों का जिंदगी खतरे में रहेगी. ऐसे में डॉक्टर पर आरोप लगेगा. उनकी मांग है कि सरकार एमसीआई को मान्यता दे. मिक्सोपैथी के विरोध में देशभर में आईएमए चरणबद्ध तरीके से 15 फरवरी तक भूख हड़ताल करेगी.

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