पूर्वी सिंहभूम: लद्दाख में चीन के साथ झड़प में झारखंड के लाल गणेश हांसदा शहीद हो गए. दो भाइयों में गणेश छोटे थे और अबतक उनकी शादी नहीं हुई थी. घर में माता-पिता और भाई रहते हैं. सोमवार की रात साढ़े दस बजे जब घर के सभी सदस्य सोए हुए थे गणेश के बड़े भाई दिनेश की फोन पर एक कॉल आया. दिनेश को पता नहीं था कि ये फोन उठाने के बाद उनकी रात बेहद काली और लंबी होने वाली है.
शहादत की खबर रात में किसी को नहीं बताने की सलाह
भले ही सेना के जवानों ने उन्हें पूरी रात ये बात खुद तक सीमित रखने की सलाह दी. लेकिन गणेश की शहादत की खबर ने दिनेश के दिल में तूफान मचा रखा था. आखिर कैसे कोई शख्स इतनी दर्दनाक खबर सिर्फ अपने तक रख सकता था. किसी तरह रात दो बजे तक तो दिनेश चुप रहे लेकिन जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उन्होंने ये बात अपने मां-पिता को बताना ही सही समझा.
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सिर्फ 21 साल की उम्र में हुए शहीद
गणेश के शहादत की सूचना मिलते ही ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया. आर्मी ज्वाइन करने के बाद गणेश सिर्फ दो बार ही घर आ पाए आए थे. महज 21 साल की उम्र में उन्होंने देश पर अपनी जान कुर्बान कर दी. देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा.