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मोबाइल में बेवजह नहीं रखे ऐप, हो सकते हैं साइबर ठगी के शिकार

कोडरमा में बढ़ रहे साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, पुलिस जवानों को साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की दी गई विस्तृत जानकारी.

बैठक के दौरान पुलिस प्रशासन
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Published : Sep 18, 2019, 6:46 AM IST

कोडरमा: समाहरणालय सभागार में बढ़ रहे साइबर क्राइम के रोकथाम के लिए जानकारी और बचाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सीडीएसी कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान मौजूद रहे पुलिस पदाधिकारियों के अलावा थाना प्रभारी और पुलिस जवानों को साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की विस्तृत रूप से जानकारी दी.

देखें पूरी खबर

दी गई कई जानकारियां
कार्यक्रम में साइबर क्राइम से जुड़े हर पहलू पर जानकारी दी गई. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने विस्तार से एटीएम के इस्तेमाल के समय बरती जाने वाली सावधानियों के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट की सुरक्षा पूर्वक इस्तेमाल की विधि भी बताई.

ये भी पढ़ें- शादी के 10 दिन बाद ही फरार हुई दुल्हन, पुलिस ने ओडिशा से प्रेमी संग पकड़ा

'मोबाइल पर जितना जरुरत उतना ही रखें एप्लीकेशन'
अंशु सिंह ने बताया कि किस तरह आज स्मार्टफोन के जरिए आसानी से किसी का भी डाटा चोरी किया जा सकता है, साथ ही इसके जरिए लोगों के साथ साइबर क्राइम के तहत ठगी की जा सकती है. मोबाइल में जितने एप्लीकेशन की जरूरत है उतना ही रखें बाकी मोबाइल से तुरंत हटा दें.

साइबर क्राइम से जुड़े तथ्यों पर डेमो
मौके पर साइबर क्राइम से जुड़े तथ्यों पर डेमो भी दिखाया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कंप्यूटर में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीवायरस के चयन से लेकर एटीएम के इस्तेमाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी पुलिसकर्मियों को जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें- आजादी के 72 साल बाद गोड्डा से दौड़ी ट्रेन, मंत्री पीयूष गोयल ने दिखाई हरी झंडी

'अपराध का एक नया रास्ता'
इस मौके पर एसपी एम तमिल्वेनन ने कहा कि लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में जानकारी ही बचाव का रास्ता है. इसलिए पुलिस मुख्यालय की ओर से इस तरह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते डिमांड ने साइबर अपराधियों को अपराध का एक नया रास्ता दे दिया है.

कोडरमा: समाहरणालय सभागार में बढ़ रहे साइबर क्राइम के रोकथाम के लिए जानकारी और बचाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सीडीएसी कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान मौजूद रहे पुलिस पदाधिकारियों के अलावा थाना प्रभारी और पुलिस जवानों को साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की विस्तृत रूप से जानकारी दी.

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दी गई कई जानकारियां
कार्यक्रम में साइबर क्राइम से जुड़े हर पहलू पर जानकारी दी गई. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने विस्तार से एटीएम के इस्तेमाल के समय बरती जाने वाली सावधानियों के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट की सुरक्षा पूर्वक इस्तेमाल की विधि भी बताई.

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'मोबाइल पर जितना जरुरत उतना ही रखें एप्लीकेशन'
अंशु सिंह ने बताया कि किस तरह आज स्मार्टफोन के जरिए आसानी से किसी का भी डाटा चोरी किया जा सकता है, साथ ही इसके जरिए लोगों के साथ साइबर क्राइम के तहत ठगी की जा सकती है. मोबाइल में जितने एप्लीकेशन की जरूरत है उतना ही रखें बाकी मोबाइल से तुरंत हटा दें.

साइबर क्राइम से जुड़े तथ्यों पर डेमो
मौके पर साइबर क्राइम से जुड़े तथ्यों पर डेमो भी दिखाया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कंप्यूटर में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीवायरस के चयन से लेकर एटीएम के इस्तेमाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी पुलिसकर्मियों को जानकारी दी गई.

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'अपराध का एक नया रास्ता'
इस मौके पर एसपी एम तमिल्वेनन ने कहा कि लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में जानकारी ही बचाव का रास्ता है. इसलिए पुलिस मुख्यालय की ओर से इस तरह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते डिमांड ने साइबर अपराधियों को अपराध का एक नया रास्ता दे दिया है.

Intro:कोडरमा समाहरणालय सभागार में बढ़ रहे साइबर क्राइम के रोकथाम के लिए जानकारी और बचाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।सीडीएसी कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान मौजूद रहे पुलिस पदाधिकारियों के अलावा थाना प्रभारी और पुलिस जवानों को साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की विस्तृत रूप से जानकारी दी ।


Body:प्रोजेक्टर पर वीडियो और ऑडियो क्लिप के अलावा अन्य स्रोत के जरिए साइबर क्राइम से जुड़े हर पहलू पर जानकारी दी गई । प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने विस्तार से एटीएम के इस्तेमाल के समय बरती जाने वाली सावधानियों के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट की सुरक्षा पूर्वक इस्तेमाल की विधि भी बताई । अंशु सिंह ने बताया कि किस तरह आज स्मार्टफोन के जरिए आसानी से किसी का भी डाटा चोरी किया जा सकता हैं ,साथ ही इसके जरिए लोगों के साथ साइबर क्राइम के तहत ठगी की जा सकती है ।उन्होंने कहा कि मोबाइल में जितना एप्लीकेशन की जरूरत है उतना ही रखें बाकी एप्लीकेशन मोबाइल से तुरंत हटा दें ।


Conclusion:मौके पर साइबर क्राइम से जुड़े तथ्यों पर डेमो भी दिखाया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कंप्यूटर में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीवायरस के चयन से लेकर एटीएम के इस्तेमाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी पुलिसकर्मियों को जानकारी दी गई । तकरीबन ढाई घंटे तक चले इस प्रशिक्षण के दौरान जिले के एसपी एम तमिलवानन , एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद के अलावे तमाम पुलिस पदाधिकारी और सभी थानों के थाना प्रभारी मौजूद रहे ।इसके अलावा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में खासकर घटना के बाद उसके अनुसंधान और मामलों की सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष पेश किए जाने वाले सबूतों और उनके तौर-तरीकों की भी जानकारी पुलिस कर्मियों को दी गई । इस मौके पर एसपी एम तमिल्वेनन ने कहा कि लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में जानकारी ही बचाव का रास्ता है इसलिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा इस तरह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है । वही साइबर एक्पर्ट और सिडीएसी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंशु सिंह ने बताया कि अपराधी पुलिस और आम लोगों की सोच से आगे हैं ऐसे में सतर्कता ही लोगों की सबसे बड़ी सुरक्षा साबित होगी । उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते डिमांड ने साइबर अपराधियों को अपराध का एक नया रास्ता दे दिया है ।
बाईट:-एम तमिल्वेनन कोडरमा एसपी ।
बाईट:-अंशु सिंह साइबर एक्पर्ट ।
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