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कोरोना ने लोगों को बनाया डिजिटल, प्रधानमंत्री का सपना हो रहा पूरा

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Published : Jul 26, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 12:48 AM IST

कोरोना वायरस से देश की अर्थव्यवस्था के साथ सिस्टम में बदलाव आया है. लॉकडाउन के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म को लोगों ने अपनाना शुरू किया जो आज एक आदत बन गयी है. इसके साथ ही कोरोना से डिजिटल इंडिया के सपने को मजबूती भी मिली है.

Corona made people digital in jamshedpur
कोरोना ने लोगों को बनाया डिजिटल

जमशेदपुरः चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस ने विश्व के कई देशों को प्रभावित किया है वायरस की चपेट में आने वाले देशों में सिस्टम में बदलाव देखने को मिल रहा है. भारत में कोरोना काल में लोग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म एक बड़ा सहारा बन कर उभरा है.

लोग अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कर रहे काम

लॉकडाउन में स्कूल कॉलेज बंद है लेकिन मोबाइल के जरिए पढ़ाई जारी है. छात्र ऑनलाइन क्लास कर रहे है, होम वर्क, क्लास वर्क और टेस्ट मोबाइल के जरिये ही लिया जा रह है. ऐसे में जिन बच्चों को मोबाइल छूने से मना किया जाता रहा है. आज वो छात्र मोबाइल के जरिये अपना भविष्य बनाने में लगे हुए है. क्लास 5वीं का छात्र प्रितेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण नए क्लास में जाने का मौका नहीं मिला. टीचर मोबाइल से ही क्लास करवाती हैं, टेस्ट लेती है और मार्क्स भी देती हैं. हमें डिजिटल तरीके से पढ़ना अच्छा लग रहा है.

देखें स्पेशल पैकेज
स्कूल की प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह ने बताया कि समय के साथ बदलाव जरूरी है और पूर्व में जिन टीचरों ने डिजिटल तरीके से प्रशिक्षण लिया है वो क्लास करवा रही हैं. गेम्स भी बताया जा रहा है और संगीत क्लास भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया का सपना देखा है जो शुरुआती दौर में लोगों ने नहीं अपनाया लेकिन आज डिजिटल पेमेंट से ग्राहक और दुकानदार खुश हैं. स्थानीय युवक ने बताया कि लॉकडाउन में सुरक्षा को देखते हुए कैश निकालने में कोरोना का खतरा है, अब कार्ड पेमेंट या किसी सर्विस प्रोवाइडर के जरिये भुगतान कर रहे है, इससे जेब में करेंसी रखने या उसके खोने का डर नहीं है. यही नहीं अब पेमेंट का रिकॉर्ड भी रहता है जो सबसे बड़ी राहत है और प्रधानमंत्री का सपना भी पूरा हो रहा है.

ये भी पढ़ें- देवघर: पूरे संताल परगना में फल का आयात करने वाली बाजार समिति है वीरान, श्रावणी मेले में होता था करोड़ों का कारोबार


दुकानदारों को भी मिला कैश लेन देन से छुटकारा

ऑनलाइन पेमेंट से दुकानदारों को भी फायदा मिला है. जितना बिल उतना भुगतान से खुल्ले पैसे लौटाने के झंझट से मुक्ति मिली है. दुकानदार सुशील अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के शुरू होने से डिजिटल पेमेंट से लेन देन की शुरुआत की गई है, जो अच्छा सबके लिए फायदेमंद है. इसे आगे भी जारी रखना है. लॉकडाउन में वायरस से बचने के लिये कई प्रतिष्ठान के मैनेजमेंट ने अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ऑफिस आने से रोक लगाकर घर से काम करने को कहा है. ऐसे में लोग लॉपटॉप से घर बैठे ऑफिस का काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि घर बैठे काम करने में जवाबदेही अधिक है. जैसा गाइड लाइन मिलता है काम करते है

बाजार में लेन-देन के अलावा बिजनेस मीटिंग भी डिजिटल तरीके से किया जा रहा हैं, जिसमें सौ से ज्यादा लोग शामिल होकर मीटिंग कर रहें है. ऐसे में समय की बचत के साथ ट्रैफिक से मुक्ति और मीटिंग में होने वाला अतिरिक्त खर्च पर लगाम लगा है. बहरहाल कोरोना के लॉकडाउन में कई सिस्टम में बदलाव देखने को मिल रहा है. वहीं डिजिटल इंडिया की गति को रफ्तार मिली है.

जमशेदपुरः चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस ने विश्व के कई देशों को प्रभावित किया है वायरस की चपेट में आने वाले देशों में सिस्टम में बदलाव देखने को मिल रहा है. भारत में कोरोना काल में लोग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म एक बड़ा सहारा बन कर उभरा है.

लोग अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कर रहे काम

लॉकडाउन में स्कूल कॉलेज बंद है लेकिन मोबाइल के जरिए पढ़ाई जारी है. छात्र ऑनलाइन क्लास कर रहे है, होम वर्क, क्लास वर्क और टेस्ट मोबाइल के जरिये ही लिया जा रह है. ऐसे में जिन बच्चों को मोबाइल छूने से मना किया जाता रहा है. आज वो छात्र मोबाइल के जरिये अपना भविष्य बनाने में लगे हुए है. क्लास 5वीं का छात्र प्रितेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण नए क्लास में जाने का मौका नहीं मिला. टीचर मोबाइल से ही क्लास करवाती हैं, टेस्ट लेती है और मार्क्स भी देती हैं. हमें डिजिटल तरीके से पढ़ना अच्छा लग रहा है.

देखें स्पेशल पैकेज
स्कूल की प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह ने बताया कि समय के साथ बदलाव जरूरी है और पूर्व में जिन टीचरों ने डिजिटल तरीके से प्रशिक्षण लिया है वो क्लास करवा रही हैं. गेम्स भी बताया जा रहा है और संगीत क्लास भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया का सपना देखा है जो शुरुआती दौर में लोगों ने नहीं अपनाया लेकिन आज डिजिटल पेमेंट से ग्राहक और दुकानदार खुश हैं. स्थानीय युवक ने बताया कि लॉकडाउन में सुरक्षा को देखते हुए कैश निकालने में कोरोना का खतरा है, अब कार्ड पेमेंट या किसी सर्विस प्रोवाइडर के जरिये भुगतान कर रहे है, इससे जेब में करेंसी रखने या उसके खोने का डर नहीं है. यही नहीं अब पेमेंट का रिकॉर्ड भी रहता है जो सबसे बड़ी राहत है और प्रधानमंत्री का सपना भी पूरा हो रहा है.

ये भी पढ़ें- देवघर: पूरे संताल परगना में फल का आयात करने वाली बाजार समिति है वीरान, श्रावणी मेले में होता था करोड़ों का कारोबार


दुकानदारों को भी मिला कैश लेन देन से छुटकारा

ऑनलाइन पेमेंट से दुकानदारों को भी फायदा मिला है. जितना बिल उतना भुगतान से खुल्ले पैसे लौटाने के झंझट से मुक्ति मिली है. दुकानदार सुशील अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के शुरू होने से डिजिटल पेमेंट से लेन देन की शुरुआत की गई है, जो अच्छा सबके लिए फायदेमंद है. इसे आगे भी जारी रखना है. लॉकडाउन में वायरस से बचने के लिये कई प्रतिष्ठान के मैनेजमेंट ने अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ऑफिस आने से रोक लगाकर घर से काम करने को कहा है. ऐसे में लोग लॉपटॉप से घर बैठे ऑफिस का काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि घर बैठे काम करने में जवाबदेही अधिक है. जैसा गाइड लाइन मिलता है काम करते है

बाजार में लेन-देन के अलावा बिजनेस मीटिंग भी डिजिटल तरीके से किया जा रहा हैं, जिसमें सौ से ज्यादा लोग शामिल होकर मीटिंग कर रहें है. ऐसे में समय की बचत के साथ ट्रैफिक से मुक्ति और मीटिंग में होने वाला अतिरिक्त खर्च पर लगाम लगा है. बहरहाल कोरोना के लॉकडाउन में कई सिस्टम में बदलाव देखने को मिल रहा है. वहीं डिजिटल इंडिया की गति को रफ्तार मिली है.

Last Updated : Jul 27, 2020, 12:48 AM IST
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