जमशेदपुर: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से हिंसक घटनाएं राजनीतिक संरक्षण में घट रही हैं, उसे झारखंड प्रदेश भाजपा ने लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. गुरुवार को प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसका मुख्य कारक बताया है. उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देश पर बंगाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह बर्ताव कर रहे हैं.
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बड़े नेताओं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले तीन दिनों के अंदर पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े नेताओं को निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के बिरसा मुंडा सिद्धो कान्हू सम्मान यात्रा के रथ पर हमला, सांसद अर्जुन सिंह के घर पर कई बम से हमला और गुरुवार को नंदीग्राम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की चुनावी सभा में भाजपा कार्यकर्ता के सिर पर घातक हमला लोकतंत्र की सरेआम हत्या के प्रत्यक्ष नमूने हैं. झारखंड प्रदेश भाजपा ने टीएमसी समर्थित हमलों की निंदा करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग से मांग की है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स की प्रतिनियुक्ति की जाए और हर वह प्रबंध सुनिश्चित किया जाए. जिससे पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सके.
हिंसा पर उतर आए तृणमूल कांग्रेस के नेता
भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अपनी संभावित हार और बंगाल में परिवर्तन की लहर को देखकर तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हिंसा पर उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों के लिए यह शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है. झारखंड प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों और वरीय नेताओं पर हमले की घटनाओं पर चुनाव आयोग से अविलंब हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई की मांग की है.
भाजपा के वरीय नेताओं पर हमला करने की कोशिश
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि भाजपा के तीन वरीय नेताओं पर हमला करने की कोशिश हुई है. उनके कार्यक्रमों को बाधित करने का दुस्साहस हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक तंत्र को राजनीतिक विद्वेष के साथ इस्तेमाल करने की निंदनीय परंपरा जो टीएमसी ने बंगाल में शुरू की है. उसपर चुनाव आयोग रोक लगाये ताकि भारत की जनता का चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अटूट विश्वास बरकरार रहे.