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जमशेदपुर: पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों ने धूम-धाम से मनाई महाअष्टमी

जमशेदपुर को मिनी भारत के नाम से जाना जाता है. यहां अलग-अलग समुदाय के लोग रहते है और समय-समय पर अपनी संस्कृति के हिसाब से पूजा पाठ भी करते है. दुर्गा पूजा को लेकर भी बंगाली और उड़िया समाज के लोग अपनी विधि से दुर्गा पूजा मना रहे हैं.

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Published : Oct 24, 2020, 6:02 PM IST

bengali and odia society celebrating durga puja in jamshedpur
दुर्गा पूजा

जमशेदपुर: शहर में करीब 406 जगहों पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है लेकिन इनमें कई जगहों पर अलग-अलग समुदाय के लोग भी पूजा करते है. जमशेदपुर में बंगाली समुदाय हो या उड़िया समाज के लोग हो सभी अपने हिसाब दुर्गा पूजा करते है. बंगाली समाज के लोगों के लिए दुर्गा पूजा महत्वपूर्ण है. वहीं उड़िया समाज के लिए भी यह पूजा महत्वपूर्ण है.

देखें पूरी खबर

बंगाली समाज के लोग शहर के अलग-अलग जगहों में धूमधाम से पूजा करते हैं. बिष्टूपूर स्थित मिलानी सम्मेलनी में भी पूजा काफी धूमधाम से होती है. हालांकि इस बार सरकार के जारी गाइडलाइन के अनुसार पूजा किया जा रहा है. यहां पर चार दिनों तक लगातार सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें बंगाल से कालाकार आकर अपना कार्यक्रम प्रस्तूत करते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़े- दुर्गा पूजा में पुलिस करेगी बंद घरों की निगरानी, व्हाट्सएप से भी दे सकते हैं सूचना

ओडिशा के लोग साकची स्थित उत्कल एसोसिएशन दुर्गा पूजा करते हैं लेकिन यहां पर इस बार काफी साधारण तरीके से पूजा हो रहा है. यहां जो पंडित आते है वो भी ओडिशा से आते हैं. यहां मिलने वाले प्रसाद की काफी मांग होती है लेकिन इस बार सरकार के जारी गाइडलाइन के कारण भोग नहीं वितरित किया जा रहा है. यहां भी सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ओडिशा से आए कालाकारों ने किया है. कमेटी इस बार कोविड-19 का ख्याल रखते हुए पूजा कर रही है.

जमशेदपुर: शहर में करीब 406 जगहों पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है लेकिन इनमें कई जगहों पर अलग-अलग समुदाय के लोग भी पूजा करते है. जमशेदपुर में बंगाली समुदाय हो या उड़िया समाज के लोग हो सभी अपने हिसाब दुर्गा पूजा करते है. बंगाली समाज के लोगों के लिए दुर्गा पूजा महत्वपूर्ण है. वहीं उड़िया समाज के लिए भी यह पूजा महत्वपूर्ण है.

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बंगाली समाज के लोग शहर के अलग-अलग जगहों में धूमधाम से पूजा करते हैं. बिष्टूपूर स्थित मिलानी सम्मेलनी में भी पूजा काफी धूमधाम से होती है. हालांकि इस बार सरकार के जारी गाइडलाइन के अनुसार पूजा किया जा रहा है. यहां पर चार दिनों तक लगातार सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें बंगाल से कालाकार आकर अपना कार्यक्रम प्रस्तूत करते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है.

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ओडिशा के लोग साकची स्थित उत्कल एसोसिएशन दुर्गा पूजा करते हैं लेकिन यहां पर इस बार काफी साधारण तरीके से पूजा हो रहा है. यहां जो पंडित आते है वो भी ओडिशा से आते हैं. यहां मिलने वाले प्रसाद की काफी मांग होती है लेकिन इस बार सरकार के जारी गाइडलाइन के कारण भोग नहीं वितरित किया जा रहा है. यहां भी सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ओडिशा से आए कालाकारों ने किया है. कमेटी इस बार कोविड-19 का ख्याल रखते हुए पूजा कर रही है.

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