जमशेदपुरः स्टील सिटी के नाम से जाना जाने वाला यह शहर टाटा स्टील सहित कई छोटी-बड़ी कंपनियां होने के कारण ही पूरी तरह से कॉरपोरेट सिटी में गिना जाता है. हालांकि पर्यटन को लेकर शहर में लोगों का आना कम होता है, लेकिन फिर भी कॉरपोरेट शहर होने के कारण बड़े-बड़े कंपनियों के मालिक के साथ उनके प्रतिनिधियों का आना जाना साल भर लगा रहता है. इसी दृष्टिकोण से जमशेदपुर शहर में होटल खोले गए हैं हालांकि यहां बड़े होटलों की संख्या काफी कम है.
लेकिन बीते दो महीने से लाॅकडाउन होने के कारण होटल व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. होटल कारोबारियों का कहना है कि लाॅकडाउन के बाद गृह मंत्रालय के नियम के अनुसार शहर के पचास प्रतिशत से ज्यादा रेस्टोरेंट बंद हो जाएंगे. ऐसे में इस उद्योग से जुड़े लोग भी काफी संख्या में बेरोजगार हो जाएंगे.
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जमशेदपुर के होटल व्यवसायी का कहना है कि शहर में करीब एक सौ से ज्यादा छोटे-बड़े होटल हैं और इसमें करीब 15 हजार से ज्यादा लोग सीधे जुड़े हैं. इसके अलावा चार से पांच हजार लोग भी इससे अनौपचारिक तरीके से जुड़े हैं या यूं कहें कि इस व्यवसाय से लगभग 80 हजार लोगों का जीवनयापन चलता है. जमशेदपुर का होटल व्यवसाय कॉरपोरेट घरानों पर निर्भर रहता है. इसके अलावा शादी, पर्व त्योहार और सामाजिक राजनितिक गतिविधियों में होटल की बुकिंग होती है. पहले जहां होटलों में पार्टी में एक हजार से ज्यादा लोगों की बुकिंग होती थी अब गृह मंत्रालय के नए निर्देश के अनुसार 50 से कम लोगों की पार्टी करनी है. बता दें कि अच्छे होटल में पार्टी में दिए जाने वाले एक प्लेट में दिए जाने वाले खाने की कीमत कम से कम एक हजार रूपए की होती है जिसमें अधिकांश होटलों में पांच सौ से अधिक लोगों की पार्टी में बैंक्वेट हॉल फ्री में दिया जाता है लेकिन अब नए नियम के अनुसार बैंक्वेट हॉल फ्री देना असंभव हो जाएगा.
बीते दो माह से लाॅकडाउन की वजह से पूरी तरह से सब कुछ बंद है और अब तो कर्मचारियों का वेतन देने में भी परेशानी होने लगी है क्योंकि होटल के अधिकत्तर स्टाफ की सैलेरी अधिक होती है. होटल व्यवसायियों का दावा कि दो माह के लाॅकडाउन के समय कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया गया है लेकिन इस प्रकार की स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में काफी परेशानी होगी. हो सकता है कि जिस प्रकार के नियम गृह मंत्रालय ने बनाए हैं उसके हिसाब से होटलों और रैस्टोरेंट से कर्मचारियों की छटनी संभव है और बेरोजगार की एक लंबी फौज खड़ी होगी. सरकार को इन उद्योगों को बचाना है तो इन होटल व्यवसायों के लिए कुछ बड़े फैसले लेने होंगे.