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लॉकडाउन की वजह से जमशेदपुर में ऑटो चालक हुए आर्थिक तंगी के शिकार, लगाई मदद की गुहार - जमशेदपुर में लॉकडाउन से समस्या

देशभर में लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग वर्ग के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच जमशेदपुर शहर में 14 हजार से अधिक ऑटो चालकों को इन दिनों आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

Auto drivers asked for help in Jamshedpur
ज्ञापन सौंपने पहुंचे ऑटो चालक
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Published : May 22, 2020, 4:32 PM IST

जमशेदपुर: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के लगभग दो महीने बीत चुके है. इस बीच जमशेदपुर शहर में 14 हजार से अधिक ऑटो चालकों को इन दिनों आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

और पढ़ें- देवघर के मोहनपुर प्रखंड के सुधीर सोरेन नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई.

दो महीने से रोजगार नहीं होने पर घर का भाड़ा और परिवार का पेट चलाना मुश्किल हो चुका है. इन लोगों की ओर से एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को सौपा गया.

राशन तक का संकट खड़ा हो गया

ऑटो का परिचालन बंद होने की वजह से इस पेशे से जीविकोपार्जन चलाने वाले लोग काफी परेशान हैं. इन चालकों के घर में राशन तक का संकट खड़ा हो गया है. दो महीने से इन ड्राइवरों ने जमा पूंजी को खर्च कर जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण किया. ऐसे में इन गरीब परिवारों की कमर टूटती नजर आ रही है. इन लोगों की ओर से एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को सौंपा गया. जिसमें ऑटो और रिक्शा चालकों को विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की. वहीं शहर में 14 हजार से अधिक ऑटो चालक बिहार, यूपी और अन्य राज्यों से आए हैं, जिनका कहना है कि सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज दिया जाये नहीं तो उन्हे मंजूरी दी जाए कि वह अपने परिवार को लेकर अपने अपने घर को वापस जा सके. इन लोगों की समस्या को लेकर निजी संस्था ने भी सरकार और प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगाई है.

जमशेदपुर: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के लगभग दो महीने बीत चुके है. इस बीच जमशेदपुर शहर में 14 हजार से अधिक ऑटो चालकों को इन दिनों आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

और पढ़ें- देवघर के मोहनपुर प्रखंड के सुधीर सोरेन नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई.

दो महीने से रोजगार नहीं होने पर घर का भाड़ा और परिवार का पेट चलाना मुश्किल हो चुका है. इन लोगों की ओर से एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को सौपा गया.

राशन तक का संकट खड़ा हो गया

ऑटो का परिचालन बंद होने की वजह से इस पेशे से जीविकोपार्जन चलाने वाले लोग काफी परेशान हैं. इन चालकों के घर में राशन तक का संकट खड़ा हो गया है. दो महीने से इन ड्राइवरों ने जमा पूंजी को खर्च कर जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण किया. ऐसे में इन गरीब परिवारों की कमर टूटती नजर आ रही है. इन लोगों की ओर से एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को सौंपा गया. जिसमें ऑटो और रिक्शा चालकों को विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की. वहीं शहर में 14 हजार से अधिक ऑटो चालक बिहार, यूपी और अन्य राज्यों से आए हैं, जिनका कहना है कि सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज दिया जाये नहीं तो उन्हे मंजूरी दी जाए कि वह अपने परिवार को लेकर अपने अपने घर को वापस जा सके. इन लोगों की समस्या को लेकर निजी संस्था ने भी सरकार और प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगाई है.

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