जमशेदपुर: एक्सएलआरआई (Xavier Labour Relations Institute) में कॉरपोरेट प्रोग्राम और वर्चुअल इंटरएक्टिव लर्निंग प्रोग्राम के 20वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आईडीएफसी बैंक के सीएमओ सह आईडीएफसी फाउंडेशन के पूर्व सीईअओ और ग्रुप सीएचआरओ डॉ एनएस राजन उपस्थित थे. इस दौरान वर्चुअल इंटरएक्टिव लर्निंग (वीआइएल) प्रोग्राम के दो बैच के कुल 562 स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट और मेडल दिया गया. मौके पर एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर पॉल फर्नांडीस एसजे के साथ ही डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा, डीन एकेडमिक्स प्रो. आशीष कुमार पाणी समेत कई अन्य प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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प्रोफेशनल लीडर बनें, लेकिन जीवन में संतुलन हमेशा बनाये रखें: दीक्षांत समारोह के दौरान एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर पॉल एसजे ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि ये देखना सुखद अनुभव है कि आपने कोविड के दो साल के कठिन दौर के बाद भी बेहतर तरीके से अपने कोर्स को पूरा किया. साथ ही विभिन्न कंपनियों में बड़ी पदों पर अब आप नये सिरे से अपनी सेवाएं देने की शुरुआत करने जा रहे हैं. उन्होंने संस्थान से विदाई ले रहे स्टूडेंट्स को कहा कि प्रोफेशनल लीडर बनें, लेकिन पर्सनल और प्रोफेशनल जीवन में हमेशा संतुलन बनाये रखें. नैतिक मूल्यों के साथ ही सोशल इंटीग्रीटी और पर्यावरण संरक्षण को हमेशा सर्वोपरी उद्देश्य मानें. फादर पॉल फर्नांडीस ने कहा कि सच्चे व्यक्ति बनें. साथ ही दुनिया को नेविगेट करते समय जवाबदेह बनने का आह्वान किया.
पैशन, एक्जीक्यूशन और परफेक्शन ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाएगा: आईडीएफसी बैंक के सीएमओ सह आईडीएफसी फाउंडेशन के पूर्व सीईओ और ग्रुप सीएचआरओ डॉ एनएस राजन कहा कि वे भी एक्सएलआरआई के छात्र रह चुके हैं. उन्होने बताया कि वे 1983 बैच के स्टूडेंट थे. उन्होंने संस्थान में बिताए अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि कोविड काल के बाद पूरी शिक्षा व्यवस्था वर्चुअल मोड पर शिफ्ट हुई, लेकिन एक्सएलआरआई ने दो दशक पहले ही इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि जीवन में लचीला बनो. संकट का मुकाबला करने में साहस और दृढ़ विश्वास दिखाएं. जब आप सफल हो जाते हैं, तो उसे समाज को वापस करें, ताकि कोई वंचित भी सफल हो सके. डॉ राजन ने कहा कि अपने अज्ञानता को जानना ही ज्ञान की ओर पहला कदम है. उन्होंने पास आउट होने वाले स्टूडेंट्स से कहा कि अपनी टीम का समर्थन करें, उनके ज्ञान का निर्माण करें. आपका चरित्र मूल्यों पर बना है और यह हमारे आचरण और व्यवहार में परिलक्षित होता है. डॉ राजन ने कहा कि माता-पिता, परिवार और शिक्षकों द्वारा आपके जीवन के मूल्यों को आकार दिया जाता है. दूसरों के लिए एक रोल मॉडल बनने का आह्वान किया.