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कोरोना महामारी में लोगों के लिए 'देवदूत' बने हजारीबाग के युवा, अब भी चल रहा सेवा का सफर

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Published : Oct 7, 2021, 2:24 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 4:07 PM IST

हजारीबाग के चौपारण के रहने वाले कुछ युवकों की टोली ने कोरोना संक्रमण के दौरान लाखों लोगों की मदद कर एक मिसाल पेश की है. संक्रमण काल के बाद अब ये युवा गरीब मरीजों को फ्री एंबुलेंस सेवा प्रदान कर रहे हैं.

Helping people in Corona period
सेवा जारी है..

हजारीबाग: देश में जब कोरोना महामारी ने तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाया. तब लोग ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, खाने की व्यवस्था जैसी तमाम चीजों के लिए भटकने लगे और मदद की गुहार लगाने लगे. तब हजारीबाग के चौपारण में युवाओं की एक टोली लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आई. इस टोली ने ऐसा मिसाल पेश किया जिसका उदाहरण बिरले ही मिलते हैं. युवकों की इस टोली ने लोगों की मदद के लिए पहले तो 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की और फिर उन पैसों से जरूरतमंदों की मदद की. ये युवा अब भी निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान कर लोगों की सेवा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिन सरकारी मदद बदली गांव की तस्वीर, इंजीनियर ने गढ़ा विकास का नया आयाम

संक्रमण काल में लाखों लोगों की मदद

हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर चौपारण प्रखंड में युवाओं की इस टोली ने बहुत ही छोटे स्तर पर मदद की शुरुआत की. समय बढ़ता गया इनका कारवां भी बढ़ता गया. संक्रमण काल में लोगों की मदद करने वाले ये युवा बताते हैं कि उन्होंने उस दौर में लाखों लोगों को न केवल भोजन कराया बल्कि सड़क पर पैदल चल रहे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया. इन युवकों की मानें तो इन्होंने केवल आम लोगों की मदद नहीं की बल्कि ड्यूटी में लगे कई सरकारी अधिकारियों और कनीय पदाधिकारियों को भोजन कराकर उनकी सहायता की है. इनका कहना है कि संकट के समय इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर क्‍वारेंटाइन सेंटर जाकर जरूरतमंदों की मदद की.

समाजसेवी युवकों से संवाददाता गौरव प्रकाश ने की खास बातचीत

50 लाख रुपया का चंदा किया इकट्ठा

युवाओं की इस टोली के मुताबिक लोगों की मदद करने के लिए इन्होंने लगभग 50 लाख रुपये का चंदा एकत्र किया और फिर उस पैसे से लोगों की मदद की. इनके मुताबिक पहले कुछ लोग मदद के लिए आगे आए. फिर धीरे-धीरे मदद करने वालों की संख्या बढ़ने लगी. अब इनके पास विदेशों से भी लोग मदद करने के लिए चंदा भेज रहे हैं. इन्होंने बताया कि लोगों की मदद में चौपारण के व्यवसायियों से भी काफी सहयोग मिला.

अब भी कर रहे हैं लोगों की मदद

इन लोगों का समाज के पीड़ित व्यक्तियों तक मदद पहुंचाने का सिलसिला जारी है. संक्रमण के बाद जो पैसे इनके खाते में बचे उससे एंबुलेंस खरीद कर अब ये गरीब लोगों को निशुल्क सेवा दे रहे हैं. एंबुलेंस में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं की भी व्यवस्था की गई है ताकि मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हो.

भविष्य में लाइब्रेरी खोलने की योजना

इन लोगों ने भविष्य में एक बड़ी लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है. जिसमें विभिन्न प्रतियोगी पुस्तकों से लेकर प्रतिष्ठित लेखकों के किताब मिलेंगे. इन युवाओं का कहना है कि चौपारण प्रखंड में लाइब्रेरी नहीं है, जिस कारण छात्रों को समस्या होती है. इनके मुताबिक ये पुस्तकालय उन्नत लाइब्रेरी होगी, जहां देश के कोने-कोने की किताबों को छात्रों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इन लोगों ने बताया कि लाइब्रेरी में भी गरीब छात्रों को निशुल्क सेवा देने की कोशिश की जाएगी.

हजारीबाग: देश में जब कोरोना महामारी ने तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाया. तब लोग ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, खाने की व्यवस्था जैसी तमाम चीजों के लिए भटकने लगे और मदद की गुहार लगाने लगे. तब हजारीबाग के चौपारण में युवाओं की एक टोली लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आई. इस टोली ने ऐसा मिसाल पेश किया जिसका उदाहरण बिरले ही मिलते हैं. युवकों की इस टोली ने लोगों की मदद के लिए पहले तो 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की और फिर उन पैसों से जरूरतमंदों की मदद की. ये युवा अब भी निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान कर लोगों की सेवा कर रहे हैं.

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संक्रमण काल में लाखों लोगों की मदद

हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर चौपारण प्रखंड में युवाओं की इस टोली ने बहुत ही छोटे स्तर पर मदद की शुरुआत की. समय बढ़ता गया इनका कारवां भी बढ़ता गया. संक्रमण काल में लोगों की मदद करने वाले ये युवा बताते हैं कि उन्होंने उस दौर में लाखों लोगों को न केवल भोजन कराया बल्कि सड़क पर पैदल चल रहे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया. इन युवकों की मानें तो इन्होंने केवल आम लोगों की मदद नहीं की बल्कि ड्यूटी में लगे कई सरकारी अधिकारियों और कनीय पदाधिकारियों को भोजन कराकर उनकी सहायता की है. इनका कहना है कि संकट के समय इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर क्‍वारेंटाइन सेंटर जाकर जरूरतमंदों की मदद की.

समाजसेवी युवकों से संवाददाता गौरव प्रकाश ने की खास बातचीत

50 लाख रुपया का चंदा किया इकट्ठा

युवाओं की इस टोली के मुताबिक लोगों की मदद करने के लिए इन्होंने लगभग 50 लाख रुपये का चंदा एकत्र किया और फिर उस पैसे से लोगों की मदद की. इनके मुताबिक पहले कुछ लोग मदद के लिए आगे आए. फिर धीरे-धीरे मदद करने वालों की संख्या बढ़ने लगी. अब इनके पास विदेशों से भी लोग मदद करने के लिए चंदा भेज रहे हैं. इन्होंने बताया कि लोगों की मदद में चौपारण के व्यवसायियों से भी काफी सहयोग मिला.

अब भी कर रहे हैं लोगों की मदद

इन लोगों का समाज के पीड़ित व्यक्तियों तक मदद पहुंचाने का सिलसिला जारी है. संक्रमण के बाद जो पैसे इनके खाते में बचे उससे एंबुलेंस खरीद कर अब ये गरीब लोगों को निशुल्क सेवा दे रहे हैं. एंबुलेंस में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं की भी व्यवस्था की गई है ताकि मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हो.

भविष्य में लाइब्रेरी खोलने की योजना

इन लोगों ने भविष्य में एक बड़ी लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है. जिसमें विभिन्न प्रतियोगी पुस्तकों से लेकर प्रतिष्ठित लेखकों के किताब मिलेंगे. इन युवाओं का कहना है कि चौपारण प्रखंड में लाइब्रेरी नहीं है, जिस कारण छात्रों को समस्या होती है. इनके मुताबिक ये पुस्तकालय उन्नत लाइब्रेरी होगी, जहां देश के कोने-कोने की किताबों को छात्रों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इन लोगों ने बताया कि लाइब्रेरी में भी गरीब छात्रों को निशुल्क सेवा देने की कोशिश की जाएगी.

Last Updated : Oct 7, 2021, 4:07 PM IST
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