हजारीबाग: राज्य में सबसे बड़ी समस्या भूमि अधिग्रहण है. बिना भूमि अधिग्रहण के विकास कार्य नहीं हो सकता है. ऐसे में सरकार और विभिन्न कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण कर रही है. हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी ने कई एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है.
भूमि अधिग्रहण को लेकर बवाल
कंपनी चाहती है कि आपसी सहमति के आधार पर भूमि अधिग्रहण हो. लेकिन इन दिनों हजारीबाग के बड़कागांव में जमीन अधिग्रहण को लेकर बवाल मचा है. जनप्रतिनिधि के साथ ग्रामीणों ने उपायुक्त और एनटीपीसी प्रबंधन से मुलाकात कर अपनी बातें रखी हैं.
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भूमि अधिग्रहण बड़कागांव में सबसे बड़ी समस्या
भूमि अधिग्रहण बड़कागांव में सबसे बड़ी समस्या रही है. इस समस्या के कारण कई बार खून तक बहा है. इसी का परिणाम है कि पूर्व विधायक योगेंद्र साव और निर्मला देवी क्षेत्र से बदर हैं. ऐसे में एक बार फिर बड़कागांव में भूमि अधिग्रहण को लेकर बवाल मचा हुआ है. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि के साथ हजारीबाग उपायुक्त से मुलाकात की.
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डीसी से मुलाकात
वहीं, हजारीबाग उपायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन को भी बुलाया. जहां सभी ने बैठक किया, लेकिन बैठक में कोई परिणाम नहीं निकला. क्योंकि मामला उपायुक्त के विशेषाधिकार से बाहर है. ऐसे में अब बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद सरकार के सामने भूमि अधिग्रहण मामले को रखने जा रही हैं. उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया है, जबरन भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है. ऐसे में ग्रामीण काफी डरे और परेशान हैं.
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क्या कहा एनटीपीसी के पदाधिकारी ने
इधर, एनटीपीसी के पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि एनटीपीसी किसी की भी जमीन जबरन अधिग्रहण नहीं करती है और न ही किसी का पैसा रखती है. उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय कंपनी है और अपना दायित्व जानती है.