हजारीबाग: झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की ओर से जिले में रोजगार मेला का आयोजन किया गया था. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह आयोजित इस मेले में जिला प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से रोजगार देने वाले संस्थान और छात्रों में मायूसी छाया रहा.
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समय पर नहीं पहुंचे अधिकारी
वर्तमान समय में जब झारखंड में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है और सीएम युवाओं को रोजगार को लेकर लगातार सलाह दे रहे हैं. तब प्रशासन के द्वारा हजारीबाग में रोजगार मेला को लेकर लापरवाही देखी गई. तय कार्यक्रम के मुताबिक मेला का उद्घाटन 11 बजे सुबह होना था लेकिन दिन के 2 बजे तक कोई भी पदाधिकारी कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंचें. ऐसे में छात्रों के साथ जो संस्थान रोजगार देने के लिए मेला में आए थे उनमें मायूसी देखी गई.
मेला में पहुंची थी 12 कंपनियां
इस रोजगार मेला में देश की 12 विभिन्न कंपनियां बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए पहुंची थी. मेला में छात्र अपने पसंद के अनुसार ट्रेड का चयन करने के बाद प्रशिक्षण के लिए महानगर जाएंगे. रोजगार मेला में ओडीशा से पहुंची कंपनी ने छात्रों की कम संख्या के लिए प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि दूसरे जिलों में छात्रों का काफी अच्छा रुझान था. लेकिन यहां प्रबंधन की कमी के कारण कम संख्या में छात्र पहुंच रहे हैं.
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मेले में उत्साह नहीं
प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में काम करने वाली गुड वर्कर से आए पदाधिकारियों ने मेले में उत्साह की कमी की बात कही है. उन्होंने कहा कि यहां के छात्रों में पोटेंशियल काफी अच्छा है. हम लोग लड़कों का चयन करने के लिए आए हैं लेकिन वह उत्साह नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा देशभर की बात की जाए तो वे लोग दो लाख लोगों को रोजगार दे सकते हैं.
मेला में पहुंचे 500 छात्र
हजारीबाग टाउन हॉल में 500 से अधिक छात्र-छात्राएं रोजगार की उम्मीद से पहुंचे थे. कई बेरोजगार युवक कार्यक्रम स्थल पर पूरा सामान लेकर ही पहुंच गए थे. इसी उम्मीद में की उन्हें अब ट्रेनिंग या फिर रोजगार के लिए दूसरे शहर में जाना है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि हमें यहां आकर मायूसी हुई है यहां की व्यवस्था ठीक नहीं है. पदाधिकारियों को समय पर आना चाहिए था वे भी नहीं आए. ऐसे में यह मेला बेरोजगारों के साथ मजाक है.