हजारीबाग: पुलिस प्रशासन अब जेल में बंद कैदियों पर विशेष नजर रख रही है ताकि अपराधी जेल के अंदर संगठित होकर अपराध की घटना को अंजाम न दे. हाल के दिनों में पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह बनकर उभरी है कि जेल के अंदर ही अपराधी एक नया गिरोह बनाकर आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे हैं.
ऐसे में अब उत्तरी छोटानागपुर रेंज के डीआईजी पंकज कंबोज ने अपने क्षेत्र के तमाम जेल प्रबंधन पदाधिकारी और जेल आईजी से पत्राचार के माध्यम से विशेष इंतजाम करने को कहा है. जेल में जहां अपराधियों को समाज से दूर रखा जाता है ताकि वो आपराधिक घटना को अंजाम न दे सके और मुख्यधारा से जुड़ें. इसके बावजूद कई ऐसे अपराधी हैं जो जेल के अंदर से ही अपना गिरोह चला रहे हैं.
साथ ही साथ अपना संगठन भी मजबूत कर रहे हैं. कुछ अपराधी ऐसे भी हैं जो जेल में छोटे-मोटे अपराध करने वाले अपराधियों को एकजुट कर बड़े घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. ऐसे ही कुछ अपराधियों की जानकारी पुलिस को भी मिली है. इसके बाद हजारीबाग रेंज के डीआईजी पंकज कंबोज ने अपने पूरे रेंज के जेल प्रबंधन के साथ पत्राचार किया है.
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वैसे अपराधी जो खतरनाक और शातिर हैं उन्हें अलग रखा जाना है. साथ ही साथ यह विशेष रुप से ध्यान रखा जाए कि उनसे जो मिलने आ रहे हैं वह कौन लोग हैं. अन्य कैदी जो जेल में बंद हैं, उनसे उनका संपर्क नहीं हो इसे लेकर सतर्क रहने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि धनबाद के कुछ अपराधी को इस बाबत अन्य अपराधियों से अलग रखा जा रहा है.
अब चिंता का विषय यह है कि अपराधियों को जेल में इसलिए रखा जाता है कि वह आपराधिक घटना से दूर रहें और क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रहे. लेकिन अपराधी अब जेल में ही संगठित हो रहे हैं और घटना को अंजाम दे रहे हैं. जरूरत है ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने की ताकि अपराध पर नियंत्रण हो सके.