हजारीबागः इन दिनों राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजस्व संग्रह को लेकर है. जहां एक ओर राज्य का खजाना खाली है तो दूसरी ओर राजस्व प्राप्ति करना भी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में सभी जिले के जिलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वह राजस्व संग्रह करने में कोताही ना बरतें.
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राजस्व संग्रह को लेकर जिला उपायुक्त डीसी भुवनेश प्रताप सिंह काफी गंभीर नजर आ रहे हैं. उनका कहना है अगर राजस्व संग्रह करने में कोताही बरती गई तो संबंधित पदाधिकारियों की खैर नहीं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि फरवरी तक राजस्व संग्रह करें नहीं तो मार्च महीना से सभी के वेतन से ही राजस्व की वसूली की जाएगी.
दरअसल, जिले के विभिन्न प्रखंडों में राजस्व वसूली को लेकर पदाधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. लाखों रुपया का बकाया है. ऐसे में राजस्व संग्रह में तेजी लाने के लिए पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है. झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ने उपायुक्त को भी इस बाबत निर्देश दिया है कि वह राजस्व वसूली में किसी भी तरह की कोताही ना बरतें. ऐसे में जिला प्रशासन ने अधीनस्थ पदाधिकारियों को दिशा निर्देश निर्गत किया है साथ ही कड़ी चेतावनी भी दी है.
जिस तरह से उपायुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर राजस्व वसूली में देरी हुई तो वेतन से ही राजस्व ली जाएगी. अब यह देखने वाली बात होगी कि उपायुक्त के इस कड़े निर्देश के बाद राजस्व की कितनी वसूली होती है.