हजारीबाग: कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश भर में जागरूकता चलाया जा रहा है. वैसे व्यक्ति जिसकी मौत संक्रमण से हुई है उसके अंतिम संस्कार के लिए विशेष नियम भी बनाया गया है. लेकिन हजारीबाग जिला प्रशासन इस मामले को लेकर संजीदा नहीं दिख रही है. आलम यह है कि अंतिम संस्कार होने के बाद भी अवशेष पड़े हुए हैं. ऐसे में निगम अपना पल्ला झाड़ रहा है कि उसे अंतिम संस्कार को लेकर किसी भी तरह का कार्य लाइन नहीं दिया गया है.
संक्रमित शख्स के शव का अवेशेष घंटों पड़ा रहा
हजारीबाग में विगत शनिवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज का अंतिम संस्कार कोनार मुक्तिधाम में किया गया. व्यक्ति की मौत होने के बाद टेस्ट से पता चला था कि व्यक्ति संक्रमित था. ऐसे में कोविड-19 के नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया. पीपीई किट पहन के लोगों ने उसे अंतिम विदाई दी. इस दौरान परिवार के मात्र 2 लोग उपस्थित रहे. नियम के साथ मुखाग्नि भी दी गई. लेकिन अंतिम संस्कार होने के 12 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी शव का अवशेष मुक्तिधाम में पड़ा रहा.
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किसी ने नहीं ली सुध
आलम यह रहा कि परिजनों ने जाकर सुध नहीं ली और न ही जिला प्रशासन ने जानकारी. ऐसे में जब इस बात की जानकारी मिली तो ईटीवी भारत की टीम ने जाकर जायजा भी लिया और नगर निगम के डिप्टी मेयर से बात भी की. डिप्टी मेयर राजकुमार लाल का कहना है कि उन लोगों को इसके बारे में विशेष जानकारी नहीं दी गई है. इस कारण अवशेष हटाया नहीं जा रहा है. लेकिन अब जानकारी देने के बाद हम प्रशासन से बात कर उसे हटाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
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संवेदनशील होने की जरूरत
मामला बेहद ही संवेदनशील है. जब संक्रमण को लेकर कई तरह के उपाय कर रहे हैं तो दूसरी ओर संक्रमित मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद अवशेष घंटों पड़ा रह रहा है. जरूरत है जिला प्रशासन को मामले को लेकर संवेदनशील होने की.