हजारीबागः जिले के बड़कागांव अनुमंडल में अडानी इंटरप्राइजेज के नाम आवंटित गोंदलपुरा कोल ब्लॉक का विरोध शुरू हो गया है. बुधवार को ग्रामीण महिलाओं ने कोल ब्लॉक के विरोध में मौन प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थी, जिसपर लिखा था कि अडानी वापस जाओ, ग्राम सभा रद्द करो, जल,जंगल, जमीन हमारा है.
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दरअसल, गाली गांव में ग्रामसभा कर ग्रामीणों को एसआईए यानी यानी सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराना था. इसके लिए नाबार्ड की टीम स्थानीय पदाधिकारियों के साथ पहुंची थी. लेकिन ग्रामीणों ने उनके समक्ष अपना मंतव्य देने से मना कर दिया. इसकी वजह से ग्राम सभा को रद्द करना पड़ना. घंटों मौन प्रदर्शन के बाद ग्रामीण भी लौट गये.
गोंदलपुरा पंचायत के मुखिया वासुदेव यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि गांव के लोग कोल ब्लॉक को जमीन नहीं देना चाहते हैं. इसकी वजह है कि यहां की जमीन में अदरख, गेहूं, सरसो, गन्ना से लेकर तमाम सब्जियों की अच्छी पैदावार होती. खेती-किसानी कर यहां के लोग खुश हैं. ऐसे में जमीन देने से उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार से किसी तरह की मदद नहीं चाहिए. मुखिया ने बताया 10 अक्टूबर को बलोदर, हाले और फुलांग के ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा हुई थी. उस दौरान भी लोगों ने विरोध किया था. अगली ग्रामसभा की बैठक 18 अक्टूबर को गोंदलपुरा में निर्धारित है. दूसरी तरफ कंपनी से जुड़े अनिमेष नचिकेता ने बताया कि कंपनी को गोंदलपोखर कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ है. इसी के लिए ग्राम सभा की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन गाली गांव के ग्रामीणों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया. हालांकि. उन्होंने कहा कि 10 अक्टूबर को शांतिपूर्ण तरीके से ग्रामसभा हुई थी.
बता दें कि बड़कागांव अनुमंडल में एनटीपीसी को भी कोल ब्लॉक आवंटित है. उस दौरान भी जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी विरोध हुआ था. फायरिंग भी हुई थी. उस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को आरोपी बनाया गया था.