हजारीबाग: भारतीय डाक सिर्फ चिट्ठी भेजने के लिए ही नहीं बल्कि बचत की आदत बनाने में भी मददगार साबित हो रही है. बचत थोड़े से पैसे के साथ भी शुरू की जा सकती है. ऐसी कई सरकारी योजनाएं हैं, जिसमें बहुत कम पैसों के साथ ही बचत शुरू की जा सकती है. इसके लिए डाक बचत खाता बेहद मददगार साबित हो रहा है.
डाकघर में बचत खाता खुलवा रहे ग्रामीण
मुश्किल वक्त में पैसे के महत्व को देखा जा सकता है. जिंदगी के किसी भी मोड़ में यह बचत किया हुआ पैसा जीवनदान भी दे सकता है. ऐसे वक्त में बचत ही आपका सबसे बड़ा साथी हो सकता है. कोरोना काल में बचत की आदत ने इसके महत्व को और भी अधिक समझा दिया है. ऐसे में डाक बचत खाते बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. भारत गांव का देश है. पोस्ट ऑफिस की महत्ता आज के दिन में कम नहीं हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में हर एक ग्रामीण पोस्ट ऑफिस से अपना नाता रखता है. आलम यह है कि ग्रामीण भी अब अपना बचत खाता डाकघर में खुलवा रहे हैं. यह ग्रामीणों के लिए वरदान भी साबित हो रहा है.
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डाकघर में भी न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी
ग्रामीण कहते भी हैं कि आज हम गांव में अपने पोस्ट ऑफिस में अपना खाता खुलवा रहे हैं. इससे यह फायदा होता है कि जब हमें पैसे की जरूरत होती है तो पैसा हमारे घर तक पहुंच जाता है. इसलिए डाक बचत खाता हमारे लिए बेहतर है, लेकिन हाल के दिनों में डाकघर में अगर आपका बचत खाता है तो उसमें 500 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी हो गया है. ऐसा नहीं करने पर आपके खाते से मेंटेनेंस शुल्क के रूप में 100 रुपये काट लिए जाएंगे. यह नियम लागू करने के बाद ग्रामीणों में थोड़ी असंतुष्टि भी है. ग्रामीणों का मानना है कि यह नियम हम लोगों के लिए उचित नहीं है, क्योंकि हम गांव के लोग हैं और हमारे लिए एक-एक रुपये का महत्व है. अगर जरूरत के समय पैसा निकाल लिया और फाइन कट लिया गया तो मेहनत का पैसा बर्बाद हो जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस में सेवा देने वाले पदाधिकारी भी कहते हैं कि अब हम लोगों को थोड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है, लेकिन हम लोगों को समझा भी रहे हैं कि डाक बचत खाता उनके जीवन के लिए बेहद जरूरी है और यह आदत है पैसा बचाने की.
11 दिसंबर 2020 से नियम लागू
11 दिसंबर 2020 से यह नियम प्रभावी हो गया है कि हर एक खाते में 500 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी है. इंडिया पोस्ट ने ट्वीट कर सभी खाताधारकों को इसकी सूचना दे दी है. इस नियम का असर उन सभी लोगों पर पड़ेगा, जिसका डाकघर में बचत खाता है. नियम के मुताबिक वित्त वर्ष के अंत तक खाते में 500 रुपये का न्यूनतम राशि नहीं रहने पर वित्त वर्ष के आखिरी दिन खाते से 100 रुपये और जीएसटी काट लिए जाएंगे. इसके बाद अगर खाते में बैलेंस कम हो जाता है तो उसे बंद कर दिया जाएगा.
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डाकघर में निष्क्रिय अकाउंट को लेकर परेशानी
हजारीबाग डिवीजन के सुपरिटेंडेंट पोस्ट ऑफिसर एसके मिश्रा बताते हैं कि लोगों में बचत की आदत बेहद जरूरी है. ऐसे में डाक बचत खाते समाज के हर तबके के लिए बढ़िया है. अन्य बैंकों से हमारे इंटरेस्ट रेट भी अधिक हैं. सबसे अधिक फायदा गांव के लोगों को है, जहां बैंक नहीं है, लेकिन ऐसे जगह पर हमारा ब्रांच मौजूद है. लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की जरूरत है. वहीं, पोस्ट ऑफिस में भी निष्क्रिय अकाउंट परेशानी का कारण बनता जा रहा है. वैसा खाता जिसमें पैसा है और उपयोग मे नहीं आ रहा है वैसे अकाउंट को सक्रिय करने कि आवश्यकता है. उनका कहना है कि अब हमें लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है. डाक बचत खाता के प्रति महिलाओं का भी काफी अच्छा रुझान है. महिलाएं भी कहती हैं कि हम अपने छोटे-छोटे बचत करके एक बड़ा निवेश डाकघर में कर रहे हैं. इसका फायदा भी है. अगर हमारे पास 20 रुपये से लेकर हजारों रुपया का बचत होता है तो हम अपने खाता में डाल सकते हैं. इससे हमारी बचत की आदत पड़ेगी.
कई अन्य योजनाएं भी कारगर
ग्रामीण क्षेत्रों में बचत खाता, रिकरिंग डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट, इंडियन पोस्ट बैंक, सुकन्या समृद्धि योजना ,ग्रामीण डाक बीमा की मांग सबसे अधिक है. डाकघर में डाक बचत खाता के अलावा भी कई अन्य योजना चल रही है, जिसमें अन्य बैंक की तुलना में इंटरेस्ट रेट भी अधिक है. ऐसे में डाकघर बचत की आदत के लिए सबसे बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. सरकार भी डाकघर को प्रोत्साहित कर रही है. जरूरत है आम जनता को भी डाकघर का अधिक से अधिक उपयोग करने की. इसके साथ ही साथ बचत का आदत बनाने की, क्योंकि यही बचत की आदत भविष्य में जीवन के कई मोड़ पर मददगार साबित होती है.
डाकघर बचत योजनाएं
- डाकघर बचत खाता
- 5 वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा खाता
- डाकघर सावधि जमा खाता
- डाकघर मासिक आय योजना खाता
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
- 15 वर्षीय सार्वजनिक भविष्य निधि खाता
- सुकन्या समृद्धि खाता
- राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र
- किसान विकास पत्र