हजारीबागः भले ही हम आज चांद सितारे में जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन समाज की मानसिकता आज भी संकुचित है. आखिर क्या कारण है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और क्रूरता बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय में यह चिंता और चिंतन का विषय बन गया है. रेप और मर्डर जैसी घटनाओं से सभ्य समाज कलंकित हो रहा है. हजारीबाग जैसे छोटे शहर में भी ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लग रहा है.
इसे भी पढ़ें- महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा, आखिर कब और कैसे रुकेगी?
महिलाओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम का कोई असर दिखता नजर नहीं आ रहा है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. खासकर दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं, जो हमें सोचने को विवश कर रहा है कि कड़े से कड़े कानून लाने के बाद भी आखिर इस तरह की घटना क्यों हमारे सामने आ रही है. देश में एक के बाद एक बच्चियों के दुष्कर्म और दर्दनाक हत्या की खबरें आ रही हैं.
हजारीबाग जैसे छोटे शहर में भी दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हुआ है. अब यह मंथन करने की जरूरत है कि आखिर घटनाओं तू कैसे विराम लगाया जाए. इसके लिए कहीं ना कहीं मानसिकता को बदलने की जरूरत है. हजारीबाग सदर विधायक भी कहते हैं कि जब युवा को अपने करियर की सोचने की जरूरत होती है तो वह नशे में रहता है. अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी तालीम के लिए स्कूल तो भेजते हैं. लेकिन उन्हें समाज के लिए नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाते हैं. जिस कारण आज का युवा भटकता जा रहा है और इस तरह का घिनौनी हरकत करता है जो हम सभी को शर्मसार करता है.
हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे भी वर्तमान परिपेक्ष में बढ़ती रेप की घटना को लेकर दुखी हैं. उनका भी कहना है कि हम लोगों को महिलाओं के प्रति आदर रखने की जरूरत है. साथ ही साथ यंग जनरेशन को समझने की जरूरत है कि वह महिलाओं के प्रति अच्छी सोच लाएं. अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों को अच्छा तालीम दें और उन्हें सही गलत के बीच के भेद को समझाएं. उनका यह भी कहना कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया काफी हावी है, गलत कंटेंट युवाओं के हाथ लग जाता है जिसके कारण भी इस तरह की घटनाएं होती हैं.
इसे भी पढ़ें- महिला अपराध के खिलाफ सिर्फ सख्त दिशानिर्देश या होगी कार्रवाई
हजारीबाग की जाने-माने समाजसेवी अलका इमाम ने स्पष्ट किया कि यह विकृति नहीं है बल्कि हमारे समाज की कमजोरी है. हमारे सामने युवक किसी छात्रा के साथ गलत व्यवहार करता है तो हम लोग उस युवक को रोकते नहीं है बल्कि आगे बढ़ जाते हैं. यही कहते हैं कि वो छात्रा हमारे घर की नहीं है. समाज के हर एक वर्ग को अपनी नैतिक जिम्मेदारी उठानी होगी. जब भी कोई व्यक्ति गलत करे तो उसे वहीं रोकना होगा. अगर किसी गलत इंसान को पहली गलती में ही रोक दिया जाए तो वह आगे गलती नहीं करता है. साथ ही दुष्कर्म को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखने की जरूरत है.
पद्मश्री बुलु इमाम ने दुष्कर्म की घटना को लेकर दुख जाहिर किया है. उनका कहना है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है यह बहुत ही चिंता का विषय है. हम आज बड़े-बड़े खोज कर रहे हैं, चांद सितारे का अध्ययन किया जा रहा है, नए ग्रह की खोज की जा रही है. इस विकसित सोच के बीच भी आखिर क्या कारण है कि इस तरह की दर्दनाक घटना की पुनरावृति हो रही है.
उन्होंने मुखर होकर कहा कि पोर्नोग्राफी की जगह सभ्य समाज में नहीं है, मसलन अश्लील साहित्य, काम-वासना उत्तेजित करने वाली पुस्तकें, फिल्में, वीडियो सब पर बैन जरूरी है. हमारे हाथ में मोबाइल है और मोबाइल में अश्लीलता है, इस कारण दुषकर्म जैसी घटनाओं में इजाफा हुआ है, वो कहते हैं कि अगर हम हत्या दिखाएंगे तो हत्या भी होगी. इसके साथ ही उन्होंने महिला समाज को नसीहत देते हुए कहा कि महिलाओं का अंग ढकना भी बेहद जरूरी है, उनको कपड़ों का चुनाव सामाजिक अवसर को देखते हुए करना चाहिए.
इसे भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामले, महिलाओं के लिए आफत बनी शराब
महिला हिंसा- कारण और कारक
घटना के पीछे के पहलुओं पर गौर किया जाए तो कुछ कारण सामने आते हैं जिसमें पहला फैलता नशा है. ज्यादातर घटना नशा करने के बाद होती है. नशा आदमी की सोच को विकृत कर देता है. उसका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता है और उसे गलत दिशा में रहने की संभावनाएं बढ़ जाती है. अब तक की रिपोर्ट देखी जाए तो 85% मामले नाशा के कारण घटित हुई.
दूसरा सबसे बड़ा कारण पुरुषों की मानसिक दुर्बलता है. इंटरनेट से लेकर चौक चौराहे पर गपशप घटिया फोटो से लेकर कमेंट अधिकतर पुरुषों की मानसिकता को दर्शाता है. इसमें सबसे बड़ा कारण पोर्न साइट है. जो इंटरनेट के माध्यम से हर एक के मोबाइल में है जो पुरुषों की मानसिकता को दुर्बल कर देता है.
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारे देश की लचर कानून व्यवस्था. यह सब मानते हैं कि कानून सख्त होगा तो आपराधिक मामलों की संख्या में भी गिरावट दर्ज होगा. इंसाफ विलंब से मिलने से भी अपराधियों का मनोबल ऊंचा हो जाता है. कानून व्यवस्था अगर दुरुस्त होगी और स्पीडी ट्रायल बढ़ेगी तो इस तरह की घटना पर भी विराम लग सकता है.