हजारीबाग: नगर निगम हमेशा विवादों के घेरे में ही रहा है. एक बार फिर नगर निगम नए विवाद में दिख रहा है. भले ही नगर निगम का भवन का रंग बदल गया है लेकिन जनप्रतिनिधियों के मन की दूरी नहीं बदल पाई है. बैठक में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर दिखता रहता है. महापौर रोशनी तिर्की ने उप महापौर को हाई कोर्ट से नोटिस भी भेजा है. बकायदा तत्कालीन उप विकास आयुक्त विजय जाधव, उपमहापौर राजकुमार लाल और अन्य एक को पार्टी भी बनाया गया है. ऐसे में गतिरोध और भी अधिक बढ़ता दिख रहा है.
हाई कोर्ट ने क्यों भेजा है नोटिस
इस बाबत महापौर रोशनी तिर्की ने कहा कि लोगों में किसी भी तरह का विवाद नहीं है. लोग एक होकर हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र का विकास करने के लिए वचनबद्ध है तो दूसरी ओर राजकुमार लाल से जब पूछा गया कि आप को हाई कोर्ट से नोटिस भेजा गया है तो उन्होंने कहा कि यह हम लोगों की अंदरूनी बात है लेकिन जब उनसे दोबारा इस बात की जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी माह में बोर्ड बैठक की बैठक हुई थी. जिसकी अध्यक्षता उन्होंने की थी. यह मामला सरकार के पास गया. विभाग के जाने के बाद भी कई दिनों तक संपुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन कुछ दिनों के बाद विभाग ने संपुष्टि की. इसी बात को लेकर महापौर ने हाई कोर्ट से लोगों को नोटिस भेजा है. ऐसे में लोग कैसे काम करें यह चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर केस किया गया है तो इसके लिए केस संख्या दी जाए. लोग भी अपनी दलील कोर्ट में देंगे.
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जिस तरह से महापौर और उपमहापौर के बीच की खायी बढ़ती जा रही है. इसका असर विकास कार्यों पर भी पड़ेगा. जरूरत है कि दोनों के बीच की दूरी कम करने की ताकि नगर निगम अपने उद्देश्य को पूरा कर सके.