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हजारीबाग में कोल स्लाइडिंग को लेकर बढ़ा राजनीतिक पारा, सांसद ने इस्तीफा देने तक की कही बात

हजारीबाग में इन दिनों कोल स्लाइडिंग को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और आंदोलन का दौर चल रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यहां के जनप्रतिनिधि कोयले के धंधे में लिप्त हैं. इस कारण वह हमारी सुध नहीं ले रहे हैं. हमारा खेत कोयला के कारण काला होता जा रहा है. जिससे जमीन भी अब बंजर हो गई है. जिसमें ना फसल लग सकता है और ना ही कोई और दूसरा उपयोग हो सकता है. अब जयंत सिन्हा ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि अगर मैं कोयले के धंधे में लिप्त हुआ तो राजनीति से सन्यास दे दूंगा. मेरा किसी तरह का भी सरोकार कोयला के धंधा से नहीं है.

mp jayant sinha statement on coal business in hazaribag
हजारीबाग में कोल स्लाइडिंग को लेकर बढ़ा राजनीतिक पारा
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Published : Oct 1, 2021, 10:23 AM IST

Updated : Oct 1, 2021, 10:59 AM IST

हजारीबागः जिले की पहचान पहले प्रकृतिक सुंदरता से थी. धीरे-धीरे इसकी पहचान को कोल खनन से भी पूरे देश भर में हुई है. ऐसे में कई तरह के सवाल भी कोल उत्खनन और ढुलाई को लेकर हो रहे हैं. हजारीबाग जिले में लगभग 50 से अधिक जगह पर कोल स्लाइडिंग किया जा रहा है. अर्थात कोयला रेलवे के जरिए दूसरे जगह भेजा जा रहा हैं. ऐसे में यह एक बड़े व्यापार के रूप में भी हजारीबाग में देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों की इस व्यापार में संलिप्तता है. इस कारण यहां जो समस्या उत्पन्न हो रही है उसे ना तो सदन में उठाया जा रहा है और ना ही बड़े पदाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी कोयले के धंधे में किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है. साथ ही साथ उन्होंने दावा किया है कि कोई भी व्यक्ति अगर यह साबित कर दें कि कोयले के व्यापार में मेरी सहभागिता है तो राजनीति संन्यास ले लूंगा.

ये भी पढ़ेंः ...तो राजनीति से दे दूंगा इस्तीफा, आखिर किन आरोपों की वजह से सांसद जयंत सिन्हा ने कह दिया ऐसा

इशारों-इशारों में जयंत सिन्हा ने बड़ी बात भी कह दी है. कोयले के व्यापार में छोटे भाइयों से लेकर राजनीति के टॉप लेयर के राजनेता लगे हुए हैं. उन्होंने जो दावा किया है उससे उनका कद झारखंड के राजनीति में भी बढ़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी उत्खनन और कोयला की ढुलाई होती है, वहां समस्या होती है. लेकिन कानून और नियम को ताक पर रखकर व्यापार नहीं हो सकता. हम लोग इस बाबत हमेशा रेलवे और कोल उत्खनन में लगे पदाधिकारियों से बात करते हैं. नियम को देखते हुए कोयला का व्यापार करें. जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ हो.

देखें पूरी खबर
बताते चलें कि विगत कुछ दिनों से हजारीबाग बानादाग कोल स्लाइडिंग में भारी विरोध कोयला ढुलाई को लेकर हो रहा है. जहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कोयला ढुलाई करने से वहां प्रदूषण इस कदर फैला है कि जमीन भी बंजर हो गई है. वहां जो खेती होती है, उसके फसल भी काले हो रहे हैं. कंपनी ने जिस जमीन का अधिग्रहण किया है वहां तो कोयला गिरता है. लेकिन वैसी जगह जहां जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है वहां भी इसका बुरा असर हो रहा है. खासकर बरसात के समय में पूरा खेत काला हो जाता है. यही नहीं बड़ी-बड़ी गाड़ी आने के कारण सड़क पर चलना भी दुश्वार हो रहा है. आने-जाने वाले रास्ते भी खराब हो गए हैं. बहरहाल जयंत सिन्हा ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. लेकिन ग्रामीणों का क्या होगा यह अहम सवाल है.

हजारीबागः जिले की पहचान पहले प्रकृतिक सुंदरता से थी. धीरे-धीरे इसकी पहचान को कोल खनन से भी पूरे देश भर में हुई है. ऐसे में कई तरह के सवाल भी कोल उत्खनन और ढुलाई को लेकर हो रहे हैं. हजारीबाग जिले में लगभग 50 से अधिक जगह पर कोल स्लाइडिंग किया जा रहा है. अर्थात कोयला रेलवे के जरिए दूसरे जगह भेजा जा रहा हैं. ऐसे में यह एक बड़े व्यापार के रूप में भी हजारीबाग में देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों की इस व्यापार में संलिप्तता है. इस कारण यहां जो समस्या उत्पन्न हो रही है उसे ना तो सदन में उठाया जा रहा है और ना ही बड़े पदाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी कोयले के धंधे में किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है. साथ ही साथ उन्होंने दावा किया है कि कोई भी व्यक्ति अगर यह साबित कर दें कि कोयले के व्यापार में मेरी सहभागिता है तो राजनीति संन्यास ले लूंगा.

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इशारों-इशारों में जयंत सिन्हा ने बड़ी बात भी कह दी है. कोयले के व्यापार में छोटे भाइयों से लेकर राजनीति के टॉप लेयर के राजनेता लगे हुए हैं. उन्होंने जो दावा किया है उससे उनका कद झारखंड के राजनीति में भी बढ़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी उत्खनन और कोयला की ढुलाई होती है, वहां समस्या होती है. लेकिन कानून और नियम को ताक पर रखकर व्यापार नहीं हो सकता. हम लोग इस बाबत हमेशा रेलवे और कोल उत्खनन में लगे पदाधिकारियों से बात करते हैं. नियम को देखते हुए कोयला का व्यापार करें. जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ हो.

देखें पूरी खबर
बताते चलें कि विगत कुछ दिनों से हजारीबाग बानादाग कोल स्लाइडिंग में भारी विरोध कोयला ढुलाई को लेकर हो रहा है. जहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कोयला ढुलाई करने से वहां प्रदूषण इस कदर फैला है कि जमीन भी बंजर हो गई है. वहां जो खेती होती है, उसके फसल भी काले हो रहे हैं. कंपनी ने जिस जमीन का अधिग्रहण किया है वहां तो कोयला गिरता है. लेकिन वैसी जगह जहां जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है वहां भी इसका बुरा असर हो रहा है. खासकर बरसात के समय में पूरा खेत काला हो जाता है. यही नहीं बड़ी-बड़ी गाड़ी आने के कारण सड़क पर चलना भी दुश्वार हो रहा है. आने-जाने वाले रास्ते भी खराब हो गए हैं. बहरहाल जयंत सिन्हा ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. लेकिन ग्रामीणों का क्या होगा यह अहम सवाल है.
Last Updated : Oct 1, 2021, 10:59 AM IST
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