हजारीबागः जिले की पहचान पहले प्रकृतिक सुंदरता से थी. धीरे-धीरे इसकी पहचान को कोल खनन से भी पूरे देश भर में हुई है. ऐसे में कई तरह के सवाल भी कोल उत्खनन और ढुलाई को लेकर हो रहे हैं. हजारीबाग जिले में लगभग 50 से अधिक जगह पर कोल स्लाइडिंग किया जा रहा है. अर्थात कोयला रेलवे के जरिए दूसरे जगह भेजा जा रहा हैं. ऐसे में यह एक बड़े व्यापार के रूप में भी हजारीबाग में देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों की इस व्यापार में संलिप्तता है. इस कारण यहां जो समस्या उत्पन्न हो रही है उसे ना तो सदन में उठाया जा रहा है और ना ही बड़े पदाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी कोयले के धंधे में किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है. साथ ही साथ उन्होंने दावा किया है कि कोई भी व्यक्ति अगर यह साबित कर दें कि कोयले के व्यापार में मेरी सहभागिता है तो राजनीति संन्यास ले लूंगा.
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इशारों-इशारों में जयंत सिन्हा ने बड़ी बात भी कह दी है. कोयले के व्यापार में छोटे भाइयों से लेकर राजनीति के टॉप लेयर के राजनेता लगे हुए हैं. उन्होंने जो दावा किया है उससे उनका कद झारखंड के राजनीति में भी बढ़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी उत्खनन और कोयला की ढुलाई होती है, वहां समस्या होती है. लेकिन कानून और नियम को ताक पर रखकर व्यापार नहीं हो सकता. हम लोग इस बाबत हमेशा रेलवे और कोल उत्खनन में लगे पदाधिकारियों से बात करते हैं. नियम को देखते हुए कोयला का व्यापार करें. जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ हो.