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लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती, हजारीबाग से जेपी का रहा है गहरा नाता

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Published : Oct 11, 2020, 2:00 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 2:14 PM IST

जयप्रकाश नारायण की जयंती पर लोगों ने उन्हें याद किया और उन्हें श्रदांजलि अर्पित की. इस मौके पर लोगों ने जेपी के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया. हजारीबाग से लोकनायक जयप्रकाश नारायण का गहरा नाता रहा है.

jay prakash narayan has a deep bond with hazaribag
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती

हजारीबागः जयप्रकाश नारायण का यहां से गहरा नाता रहा है. ऐसे में लोकनायक की जयंती के अवसर पर उनके अनुयायियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की. वही उनके आदर्शों पर चलने की बात कही. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हजारीबाग केंद्रीय कारा से जयप्रकाश अंग्रेजों को चुनौती देकर फरार हुए थे. तो जेपी मूवमेंट के दौरान उनके कई अनुयायियों को इसी जेल में कैद किया गया था. ऐसे में कहा जा सकता है आजादी के पहले और आजादी के बाद जेपी का हजारीबाग से विशेष नाता रहा है.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग केंद्रीय कारा को लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के नाम से देश भर में जाना जाता है. इसी जेल से 1942 को जयप्रकाश दीवार फांद कर जेल से अपने पांच साथियों के साथ फरार हो गए थे और अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी थी. कहा जाए तो क्रांतिकारियों के जज्बे के आगे 17 फीट ऊंची दीवार बौनी हो गई थी. आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जयंती पर उनके अनुयायियों ने केंद्रीय कारा को प्रणाम कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस दौरान उनके अनुयायियों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने की बात भी कही और कहा कि आज के दौर में जे पी का ही सिद्धांत चरितार्थ हो रहा है. जहां जनता सर्वोपरि हो गई है.
देखें पूरी खबर
वही इसके पूर्व जेपी को अपना आदर्श मानने वालों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए. इस दौरान उन्होंने ने कहा कि आज के दौर में जितने भी राजनेता हैं सभी जे पी के ही अनुयायी रहे हैं. उनका कहना है कि जेपी आंदोलन में हजारीबाग के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. हजारीबाग का जेल आंदोलनकारियों से भर गया था और हम लोगों ने अपनी ताकत आंदोलन में झोंक दी थी. 58 दिन तक जेल में रहने के बाद हम लोग बाहर निकले थे. ऐसे में जेपी सिर्फ नाम नहीं बल्कि विचारधारा के रूप में जाने जाते हैं.
jay prakash narayan has a deep bond with hazaribag
हजारीबाग सेंट्रल जेल

हजारीबागः जयप्रकाश नारायण का यहां से गहरा नाता रहा है. ऐसे में लोकनायक की जयंती के अवसर पर उनके अनुयायियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की. वही उनके आदर्शों पर चलने की बात कही. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हजारीबाग केंद्रीय कारा से जयप्रकाश अंग्रेजों को चुनौती देकर फरार हुए थे. तो जेपी मूवमेंट के दौरान उनके कई अनुयायियों को इसी जेल में कैद किया गया था. ऐसे में कहा जा सकता है आजादी के पहले और आजादी के बाद जेपी का हजारीबाग से विशेष नाता रहा है.

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हजारीबाग केंद्रीय कारा को लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के नाम से देश भर में जाना जाता है. इसी जेल से 1942 को जयप्रकाश दीवार फांद कर जेल से अपने पांच साथियों के साथ फरार हो गए थे और अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी थी. कहा जाए तो क्रांतिकारियों के जज्बे के आगे 17 फीट ऊंची दीवार बौनी हो गई थी. आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जयंती पर उनके अनुयायियों ने केंद्रीय कारा को प्रणाम कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस दौरान उनके अनुयायियों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने की बात भी कही और कहा कि आज के दौर में जे पी का ही सिद्धांत चरितार्थ हो रहा है. जहां जनता सर्वोपरि हो गई है.
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वही इसके पूर्व जेपी को अपना आदर्श मानने वालों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए. इस दौरान उन्होंने ने कहा कि आज के दौर में जितने भी राजनेता हैं सभी जे पी के ही अनुयायी रहे हैं. उनका कहना है कि जेपी आंदोलन में हजारीबाग के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. हजारीबाग का जेल आंदोलनकारियों से भर गया था और हम लोगों ने अपनी ताकत आंदोलन में झोंक दी थी. 58 दिन तक जेल में रहने के बाद हम लोग बाहर निकले थे. ऐसे में जेपी सिर्फ नाम नहीं बल्कि विचारधारा के रूप में जाने जाते हैं.
jay prakash narayan has a deep bond with hazaribag
हजारीबाग सेंट्रल जेल
Last Updated : Oct 11, 2020, 2:14 PM IST
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