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हजारीबाग में अधूरा शौचालय दे रहा ODF को चुनौती, सिर्फ कागजातों पर बने हैं शौचालय

हजारीबाग में स्वच्छ भारत अभियान केवल कागजातों तक ही सिमट कर रह गया है. जिले में कई जगहों पर शौचालय अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया है. जिससे लोगों को बाहर जाना पड़ता है जो अपने आप में शर्मिंदगी की बात है. मामले में उप विकास आयुक्त विजया जाधव ने जल्द ठोस कदम उठाने की बात कही है.

अधूरा शौचालय दे रहा ODF को चुनौती
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Published : Aug 13, 2019, 6:14 PM IST

हजारीबाग: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के हजारीबाग के सिलवार कला में शौचालय उपयोग में नहीं आ रहा, क्योंकि शौचालय आधा-अधूरा बनाया गया है. सरकारी दस्तावेज में ही शौचालय बना कर दिखा दिया गया है. जिसके कारण लोगों को शौचालय के लिए बाहर जाना पड़ता है.

अधूरा शौचालय दे रहा ODF को चुनौती

मुह चिढ़ा रहा स्वच्छ भारत मिशन
सरकारी उदासीनता और लापरवाही का साफ नजारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत हजारीबाग में देखने को मिल रहा है. ऐसे तो हजारीबाग ने स्वच्छ भारत मिशन में कई कीर्तिमान बनाए हैं, लेकिन हजारीबाग के सदर प्रखंड के सिलवार कला में भारी अनियमितता स्वच्छ भारत मिशन में देखने को मिल रही है. जहां शौचालय आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है. शौचालय का दरवाजा भी घटिया किस्म का लगाया गया है. इससे शौचालय के उपयोग के पहले ही दरवाजा टूट गया है.

शौचालय बना कबाड़खाना
आलम यह है कि जिले में ऐसे कई शौचालय बनाए गए हैं जिनके सेप्टिक टैंक के ढक्कन तक नहीं लगाए गए हैं. यहां तक कि कुछ ऐसे शौचालय हैं जहां टंकी भी नहीं बनाया गया है और पैन बैठाकर काम पूरा कर दिखाया गया है. कुछ शौचालय ऐसे हैं जहां पाइप भी नहीं लगाया गया है. ऐसे में शौचालय किसी काम के उपयोग में नहीं है. कुछ शौचालय हैं जहां टंकी तो बना दिया गया है, पाइप भी लगाया गया है लेकिन पैन नहीं लगाया गया है. इस कारण अब वह शौचालय कबाड़खाना के रूप में उपयोग किया जा रहा है.

बाहर जाने में होती है शर्मिंदगी
ऐसे में गांव की महिलाएं भी खुद को ठगा महसूस कर रही हैं. उनका कहना है कि ऐसी योजना किस काम का जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा हो. महिलाओं का कहना है कि सुबह सूर्योदय के पहले ही खेत या फिर झाड़ी के पीछे शौचालय के लिए जाना पड़ता है. जिससे महिलाओं को शर्मिंदगी महसूस होती है. वहीं स्कूल की एक छोटी बच्ची अब सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास को कह रही है कि "अंकल हमारा शौचालय जल्दी बना दो ताकि हम शौच के लिए बाहर ना जाएं".

बरसात का 'रोना रो' रही मुखिया
इसे लेकर जब मुखिया से बात किया गया तो मुखिया का रोना है कि बरसात के दिनों में बालू उठाव नहीं हो रहा है. इस कारण शौचालय नहीं बन पा रहा है, लेकिन जब मुखिया से पूछा गया कि 2 साल से अधिक समय बीत गए हैं, इसके बाद भी आधा अधूरा क्यों है, तो उनके पास कोई भी जवाब नहीं है. ऐसे में उनका कहना है कि वह इस बाबत जिला प्रशासन को कई बात बताएं हैं, लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढे़ं- झारखंड का कमान मिलने के बाद रांची पहुंचे नंदकिशोर यादव, विस चुनाव में सह प्रभारी किए गए हैं नियुक्त

2 दिन के अंदर रिपोर्ट लेने की कही बात
जब शौचालय को लेकर उप विकास आयुक्त विजया जाधव से ईटीवी भारत की टीम ने पूछा तो उन्होंने तत्काल संबंधित पदाधिकारी से टेलीफोन कॉल के जरिए जानकारी मांगा है. उन्होंने कहा कि आने वाले 2 दिनों के अंदर उस गांव के मुखिया और महिलाओं को बुलाकर जानकारी ली जाएगी और जो समस्या है उसे दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन की ओर से कोई मदद होगी वह भी पूरा किया जाएगा.

हजारीबाग: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के हजारीबाग के सिलवार कला में शौचालय उपयोग में नहीं आ रहा, क्योंकि शौचालय आधा-अधूरा बनाया गया है. सरकारी दस्तावेज में ही शौचालय बना कर दिखा दिया गया है. जिसके कारण लोगों को शौचालय के लिए बाहर जाना पड़ता है.

अधूरा शौचालय दे रहा ODF को चुनौती

मुह चिढ़ा रहा स्वच्छ भारत मिशन
सरकारी उदासीनता और लापरवाही का साफ नजारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत हजारीबाग में देखने को मिल रहा है. ऐसे तो हजारीबाग ने स्वच्छ भारत मिशन में कई कीर्तिमान बनाए हैं, लेकिन हजारीबाग के सदर प्रखंड के सिलवार कला में भारी अनियमितता स्वच्छ भारत मिशन में देखने को मिल रही है. जहां शौचालय आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है. शौचालय का दरवाजा भी घटिया किस्म का लगाया गया है. इससे शौचालय के उपयोग के पहले ही दरवाजा टूट गया है.

शौचालय बना कबाड़खाना
आलम यह है कि जिले में ऐसे कई शौचालय बनाए गए हैं जिनके सेप्टिक टैंक के ढक्कन तक नहीं लगाए गए हैं. यहां तक कि कुछ ऐसे शौचालय हैं जहां टंकी भी नहीं बनाया गया है और पैन बैठाकर काम पूरा कर दिखाया गया है. कुछ शौचालय ऐसे हैं जहां पाइप भी नहीं लगाया गया है. ऐसे में शौचालय किसी काम के उपयोग में नहीं है. कुछ शौचालय हैं जहां टंकी तो बना दिया गया है, पाइप भी लगाया गया है लेकिन पैन नहीं लगाया गया है. इस कारण अब वह शौचालय कबाड़खाना के रूप में उपयोग किया जा रहा है.

बाहर जाने में होती है शर्मिंदगी
ऐसे में गांव की महिलाएं भी खुद को ठगा महसूस कर रही हैं. उनका कहना है कि ऐसी योजना किस काम का जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा हो. महिलाओं का कहना है कि सुबह सूर्योदय के पहले ही खेत या फिर झाड़ी के पीछे शौचालय के लिए जाना पड़ता है. जिससे महिलाओं को शर्मिंदगी महसूस होती है. वहीं स्कूल की एक छोटी बच्ची अब सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास को कह रही है कि "अंकल हमारा शौचालय जल्दी बना दो ताकि हम शौच के लिए बाहर ना जाएं".

बरसात का 'रोना रो' रही मुखिया
इसे लेकर जब मुखिया से बात किया गया तो मुखिया का रोना है कि बरसात के दिनों में बालू उठाव नहीं हो रहा है. इस कारण शौचालय नहीं बन पा रहा है, लेकिन जब मुखिया से पूछा गया कि 2 साल से अधिक समय बीत गए हैं, इसके बाद भी आधा अधूरा क्यों है, तो उनके पास कोई भी जवाब नहीं है. ऐसे में उनका कहना है कि वह इस बाबत जिला प्रशासन को कई बात बताएं हैं, लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढे़ं- झारखंड का कमान मिलने के बाद रांची पहुंचे नंदकिशोर यादव, विस चुनाव में सह प्रभारी किए गए हैं नियुक्त

2 दिन के अंदर रिपोर्ट लेने की कही बात
जब शौचालय को लेकर उप विकास आयुक्त विजया जाधव से ईटीवी भारत की टीम ने पूछा तो उन्होंने तत्काल संबंधित पदाधिकारी से टेलीफोन कॉल के जरिए जानकारी मांगा है. उन्होंने कहा कि आने वाले 2 दिनों के अंदर उस गांव के मुखिया और महिलाओं को बुलाकर जानकारी ली जाएगी और जो समस्या है उसे दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन की ओर से कोई मदद होगी वह भी पूरा किया जाएगा.

Intro:केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं ।लेकिन झारखंड के हजारीबाग के सिलवार कला में शौचालय उपयोग मैं नहीं आ रहे हैं ।क्योंकि शौचालय आधा अधूरा बनाया गया है। आलम यह है कि सिर्फ सरकारी दस्तावेज में ही शौचालय बना कर दिखा दिया गया है ।आलम यह है कि गांव घर की बहू बेटियां और मर्द खेत और झाड़ी के पीछे शौचालय जाने को विवश है....

पेश है ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट....

exclusive ....


Body:सरकारी उदासीनता और लापरवाही का साफ नजारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत हजारीबाग में देखने को मिल रहा है। ऐसे तो हजारीबाग ने स्वच्छ भारत मिशन में कई कीर्तिमान बनाए हैं। लेकिन हजारीबाग के सदर प्रखंड के सिलवार कला में भारी अनियमितता स्वच्छ भारत मिशन में देखने को मिल रही है। जहां शौचालय आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है ।शौचालय का दरवाजा भी घटिया किस्म का लगाया गया है। इससे शौचालय के उपयोग के पहले ही दरवाजा टूट गया है ।आलम यह है कि कई ऐसे शौचालय बनाए गए हैं जिनके सेप्टिक टैंक के ढक्कन तक नहीं लगाए गए हैं। यहां तक कि कुछ ऐसे शौचालय हैं जहां टंकी भी नहीं बनाया गया है और पेन बैठाकर काम पूरा कर दिखाया गया है। कुछ शौचालय ऐसे हैं जहां पाइप भी लगाया नहीं गया है। ऐसे में शौचालय किसी काम के उपयोग में नहीं है ।कुछ शौचालय है जहां टंकी तो बना दिया गया है ,पाइप भी लगाया गया है लेकिन पेन नहीं लगाया गया है। इस कारण अब वह शौचालय कबाड़खाना के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है ।

ऐसे में गांव की महिलाएं भी खुद को ठगा महसूस कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार अगर कोई योजना दिया है तो योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए। ऐसा योजना किस काम का। महिलाओं का कहना है कि सुबह सूर्योदय के पहले ही खेत या फिर झाड़ी के पीछे शौचालय जाना पडता है। आलम यह है कि स्कूल की बची भी अब शर्मिंदगी महसूस कर रही है। उनका कहना है कि खेत या झाड़ी के पीछे जाने में खराब भी लगता है और कई लोगों की बुरी नजर भी रहती है। वही स्कूल की एक छोटी बच्ची अब सुबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास को कह रही है कि "अंकल हमारा शौचालय जल्दी बना दो ताकि हम बाहर शौच ना जाएं"।


शौचालय आधा अधूरा बना है इसे लेकर जब मुखिया से बात किया गया तो मुखिया का रोना है कि बालू बरसात के दिनों में उठाव नहीं हो रहा है ।इस कारण शौचालय नहीं बन पा रहा है। लेकिन जब मुखिया से पूछा गया कि 2 साल से अधिक समय बीत गए हैं इसके बाद भी आधा अधूरा क्यों है। तो उनके पास कोई भी जवाब नहीं है। ऐसे में उनका कहना है कि वह इस बाबत जिला प्रशासन को कई बात बताएं हैं लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है।

जब शौचालय को लेकर उप विकास आयुक्त विजया जाधव से ईटीवी भारत की टीम ने पूछा तो उन्होंने तत्काल संबंधित पदाधिकारी से टेलीफोन कॉल के जरिए जानकारी मांगा है। साथ ही साथ विश्वास दिलाया है कि आने वाले 2 दिनों के अंदर उस गांव के मुखिया और महिलाओं को बुलाकर जानकारी ली जाएगी और जो समस्या है उसे दूर कर लिया जाएगा ।उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन की ओर से कोई मदद होगी वह मदद भी की जाएगी। लेकिन शौचालय बन कर तैयार नहीं है इसे लेकर वह भी आश्चर्यचकित हुई। उन्होंने ईटीवी भारत की टीम को विश्वास दिलाया है कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर उस गांव में आधा अधूरा बना शौचालय पूरा कर लिया जाएगा ताकि ग्रामीणों को दिक्कत ना हो।

byte.... मीना देवी रंगीन साड़ी में
byte...सूरज राम सफेद टीशर्ट में
byte....शिव कुमार यादव सफेद गंजी में
byte...मंजू देवी पीला साड़ी में
byte...कुलेश्वर प्रसाद लाल टीशर्ट में
byte...अंजली कुमारी स्कूल ड्रेस में
byte...बेबी सफेद टीशर्ट में छोटी बच्ची
byte... मुखिया माथे में पगड़ी लिए हुए
byte... विजया जाधव उप विकास आयुक्त हजारीबाग


Conclusion:अब यह देखने वाली बात होगी जिला प्रशासन के आश्वासन का कितना असर दिखता है और गांव वालों को कितना राहत मिल पाता है।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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