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हजारीबाग के रण में मुकाबला है त्रिकोणीय, जयंत सिन्हा के सामने हैं भुवनेश्वर मेहता और गोपाल साहू - हज़ारीबाग

हजारीबाग में काफी समय बाद त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है. अब देखने वाली बात होगी कि इस मुकाबले में जीत किसे हासिल होती है.

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Published : May 22, 2019, 1:46 PM IST

रांची/हैदराबादः झारखंड की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है हजारीबाग. यह एक वीआइपी सीट है. इस सीट का प्रतिनिधित्व करने का लगभग सभी दलों को मौका मिला है. लेकिन लगभग तीन दशक से यहां कांग्रेस जीत नहीं सकी है.

देखिए पूरी रिपोर्ट

हजारीबाग संसदीय क्षेत्र
हजारीबाग झारखंड की 14 वीं लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. जो दो जिलों रामगढ़ और हजारीबाग को मिलाकर बना है. इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र बरही, हजारीबाग, मांडू, बड़कागांव, रामगढ़ आते हैं.

2019 का रण
2019 लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. बीजेपी ने जहां जयंत सिन्हा को दोबारा मौका दिया है. जबकि महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने गोपाल साहू को मैदान में उतारा है. वहीं सीपीआई की ओर से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता चुनाव लड़ रहे हैं.

बीजेपी से प्रत्याशी हैं जयंत सिन्हा
जयंत सिन्हा सक्रिय राजनीति में काफी नए हैं. 2014 में वो पहली दफा लोकसभा चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. जहां उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गाय. जयंत सिन्हा पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं. उनका जन्म 21 अप्रैल 1963 में गिरिडीह में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पटना और दिल्ली से की. उसके बाद उन्होंने आइआइटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की. इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने पेंसिलवानिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया.

जयंत सिन्हा की प्रोफाइल

पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने मैकिंसे एंड कंपनी के बोस्टन और दिल्ली ऑफिस में एक पार्टनर के रुप में काम किया. इसके अलावे उन्होंने कई कंपनियों के बोर्ड मेम्बर के रुप में भी काम किया. वाजपेयी सरकार के दौरान निवेश फंड प्रबंधक और प्रबंधन सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया. मोर्टेज इंटरेस्ट टैक्स में कटौती और आईटी रिटर्न भरने के लिये सरल फॉर्म और कर अनुपालन में सुधार करने, आदि जैसी कई नई पहलों पर उन्होंने नीतिगत जानकारी प्रदान की.

साल 2014 में वो हजारीबाग से चुनाव जीतकर16वीं लोकसभा में सांसद बने. मोदी सरकार में उन्हें पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया. जुलाई 2016 में उन्हें नागर विमानन विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया. उनके बेहतर काम को देखते हुए पार्टी ने उन्हें एकबार फिर से हजारीबाग से अपना उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस प्रत्याशी हैं गोपाल प्रसाद साहू
गोपाल साहू झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. वो राजनीतिक घराने से आते हैं. उनके भाई शिव प्रसाद साहू सांसद रह चुके हैं. जबकि धीरज साहू राज्यसभा सांसद हैं. 74 वर्षीय गोपाल प्रसाद साहू की पार्टी में पकड़ काफी मजबूत है. उन्होंने रांची कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की है. 2005 में वो रांची विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. फिलहाल वो झारखंड कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. 2019 चुनाव में उन्हें पार्टी हजारीबाग से प्रत्याशी बनाया है.

गोपाल साहू की प्रोफाइल

सीपीआई से प्रत्याशी हैं भुवनेश्वर मेहता
भुवनेश्वर मेहता झारखंड के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. उनका जन्म अगस्त 1940 में हजारीबाग में हुआ था. उन्होंने मैट्रिक हिंदू हाई स्कूल हजारीबाग से की है. जबकि इंटरमीडिएट संत कोलंबास कॉलेज से की है. वो सीपीआई के राज्य सचिव हैं. 1980 में भुवनेश्वर मेहता पहली बार बरकट्ठा से विधायक बने.

भुवनेश्वर प्रसाद मेहता की प्रोफाइल


1985 विधानसभा चुनाव में वो हार गए. 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से लड़े, जीतकर पहली बार सांसद बने. वो साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बरकट्टा से लड़े और फिर विधायक बने. 2004 में हजारीबाग सीट से लोकसभा चुनाव लड़े. जीतकर दूसरी बार सांसद बने. उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को हराया था. 2014 लोकसभा चुनाव में वो 5वें नंबर पर थे.

रांची/हैदराबादः झारखंड की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है हजारीबाग. यह एक वीआइपी सीट है. इस सीट का प्रतिनिधित्व करने का लगभग सभी दलों को मौका मिला है. लेकिन लगभग तीन दशक से यहां कांग्रेस जीत नहीं सकी है.

देखिए पूरी रिपोर्ट

हजारीबाग संसदीय क्षेत्र
हजारीबाग झारखंड की 14 वीं लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. जो दो जिलों रामगढ़ और हजारीबाग को मिलाकर बना है. इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र बरही, हजारीबाग, मांडू, बड़कागांव, रामगढ़ आते हैं.

2019 का रण
2019 लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. बीजेपी ने जहां जयंत सिन्हा को दोबारा मौका दिया है. जबकि महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने गोपाल साहू को मैदान में उतारा है. वहीं सीपीआई की ओर से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता चुनाव लड़ रहे हैं.

बीजेपी से प्रत्याशी हैं जयंत सिन्हा
जयंत सिन्हा सक्रिय राजनीति में काफी नए हैं. 2014 में वो पहली दफा लोकसभा चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. जहां उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गाय. जयंत सिन्हा पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं. उनका जन्म 21 अप्रैल 1963 में गिरिडीह में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पटना और दिल्ली से की. उसके बाद उन्होंने आइआइटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की. इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने पेंसिलवानिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया.

जयंत सिन्हा की प्रोफाइल

पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने मैकिंसे एंड कंपनी के बोस्टन और दिल्ली ऑफिस में एक पार्टनर के रुप में काम किया. इसके अलावे उन्होंने कई कंपनियों के बोर्ड मेम्बर के रुप में भी काम किया. वाजपेयी सरकार के दौरान निवेश फंड प्रबंधक और प्रबंधन सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया. मोर्टेज इंटरेस्ट टैक्स में कटौती और आईटी रिटर्न भरने के लिये सरल फॉर्म और कर अनुपालन में सुधार करने, आदि जैसी कई नई पहलों पर उन्होंने नीतिगत जानकारी प्रदान की.

साल 2014 में वो हजारीबाग से चुनाव जीतकर16वीं लोकसभा में सांसद बने. मोदी सरकार में उन्हें पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया. जुलाई 2016 में उन्हें नागर विमानन विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया. उनके बेहतर काम को देखते हुए पार्टी ने उन्हें एकबार फिर से हजारीबाग से अपना उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस प्रत्याशी हैं गोपाल प्रसाद साहू
गोपाल साहू झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. वो राजनीतिक घराने से आते हैं. उनके भाई शिव प्रसाद साहू सांसद रह चुके हैं. जबकि धीरज साहू राज्यसभा सांसद हैं. 74 वर्षीय गोपाल प्रसाद साहू की पार्टी में पकड़ काफी मजबूत है. उन्होंने रांची कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की है. 2005 में वो रांची विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. फिलहाल वो झारखंड कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. 2019 चुनाव में उन्हें पार्टी हजारीबाग से प्रत्याशी बनाया है.

गोपाल साहू की प्रोफाइल

सीपीआई से प्रत्याशी हैं भुवनेश्वर मेहता
भुवनेश्वर मेहता झारखंड के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. उनका जन्म अगस्त 1940 में हजारीबाग में हुआ था. उन्होंने मैट्रिक हिंदू हाई स्कूल हजारीबाग से की है. जबकि इंटरमीडिएट संत कोलंबास कॉलेज से की है. वो सीपीआई के राज्य सचिव हैं. 1980 में भुवनेश्वर मेहता पहली बार बरकट्ठा से विधायक बने.

भुवनेश्वर प्रसाद मेहता की प्रोफाइल


1985 विधानसभा चुनाव में वो हार गए. 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से लड़े, जीतकर पहली बार सांसद बने. वो साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बरकट्टा से लड़े और फिर विधायक बने. 2004 में हजारीबाग सीट से लोकसभा चुनाव लड़े. जीतकर दूसरी बार सांसद बने. उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को हराया था. 2014 लोकसभा चुनाव में वो 5वें नंबर पर थे.

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