हजारीबाग: झारखंड सरकार आगामी 3 मार्च को बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में पूरे राज्य की जनता कि नजर सरकार पर टिकी है. हजारीबाग के विभिन्न कॉलेज और स्कूल में अपनी सेवा देने वाले अर्थशास्त्री सरकार से कई उम्मीद लगाए बैठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि बजट इस बार लोकलुभावन नहीं बल्कि जरूरत के अनुरूप हो.
केंद्र सरकार ने बजट पेश कर दी है और अब झारखंड सरकार राज्य बजट पेश करने जा रही है. कोविड-19 के दौरान हेमंत सरकार का पहला बजट है. ऐसे में हर एक अर्थशास्त्री की यही उम्मीद है कि कोविड-19 को केंद्र में रखकर बजट पेश किया जाएगा. हजारीबाग इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में सेवा दे रही अर्थशास्त्र की शिक्षिका पूजा सिन्हा का कहना है कि सरकार को इस साल शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है. स्वास्थ्य की स्थिति चरमरा गई है. इस बात की जानकारी सरकार को कोविड काल के दौरान हुई है. ऐसे में सरकार को पूरी ताकत स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने लगानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 में यह बात स्पष्ट हो गई कि कुटीर उद्योग और कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए इस पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है.
एडवांस एजुकेशन पॉलिसी पर ध्यान
हजारीबाग अन्नदा कॉलेज के प्रोफेसर का कहना है कि इस बजट में एडवांस एजुकेशन पॉलिसी पर ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा स्तर अच्छी होगी तो आने वाली पीढ़ी भी अच्छी होगी. युवा खुद ही अपने पैरों पर खड़े हो जाएंगे. सरकार को शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष रूप से खर्च करने की जरूरत है. उनका यह भी कहना है कि विगत 1 साल में हम लोगों की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिसमें सरकार की भी आय हो. सरकार पिछले 1 साल से यह बात कह रही है कि हमारा खजाना खाली है. अगर सरकार का खजाना खाली रहा तो विकास का कार्य भी नहीं हो सकता है इसलिए बजट पैलरर होना चाहिए.
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हजारीबाग डीएवी स्कूल के प्राचार्य जो अच्छे अर्थशास्त्री के रूप में भी जाने जाते हैं. उनका भी कहना है कि सरकार बजट में सभी क्षेत्रों पर ध्यान दे. ऐसा बजट होना चाहिए जिसमें सरकार आम जनता पर बोझ ना डालें क्योंकि वर्तमान समय में आम जनता बोझिल है. रोजगार खत्म हो रहा है. बेरोजगारी बढ़ रही है. ऐसे में रोजगार उन्मुख बजट होना चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिले. उनका यह भी कहना है कि बजट जब भी बने तो इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए कि हमारे पास स्रोत क्या है? हवा हवाई बजट लाने से आम जनता के साथ-साथ सरकार की भी फजीहत होती है. सरकार को चाहिए कि वह आम जनता को ध्यान में रखकर बजट लाए. जिसमें रोजगार, कृषि, लघु उद्योग, शिक्षा स्वास्थ्य के साथ-साथ बड़े-बड़े कारखाने लगाने की बात हो ताकि रोजगार अपने राज्य में ही मिले.