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धड़ल्ले से चल रहा है हजारीबाग में अवैध कोयला का व्यापार, 6 माह में 50 से अधिक एफआईआर दर्ज - रांची की खबर

झारखंड में कोयला का अवैध उत्खनन का हजारीबाग सेंटर प्वाइंट बन गया है. यहां से हजारों टन अवैध कोयला प्रतिदिन मंडियों तक पहुंच रहा है. कोयले के अवैध कारोबार से जहां राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं कोल माफिया मालामाल हो रहे हैं.

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कोयला का अवैध उत्खनन
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Published : Apr 1, 2022, 11:37 AM IST

Updated : Apr 1, 2022, 2:32 PM IST

हजारीबाग: झारखंड का उत्तरी छोटानागपुर इलाका कोयला का अवैध उत्खनन के लिए पूरे देश में कुख्यात है. प्रशासन इस गोरखधंधे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा करती रही है. लेकिन जो हकीकत सामने आ रही है वो दावों से बिल्कुल उलट है. थानों में दर्ज एफआईआर की बात करें तो पिछले 6 महीने में ही 50 से ज्यादा ऐसे मामले आए हैं जिससे साबित होता है कि हजारीबाग में अवैध खनन का धंधा कितना फल फूल रहा है.

ये भी पढ़ें- ETV Bharat Ground Reporting: देखिए, अवैध खदान की इनसाइड स्टोरी

अवध खनन का सेंटर प्वाइंट है हजारीबाग: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का मुख्यालय हजारीबाग कोयले के अवैध व्यापार का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. प्रत्येक दिन अवैध कोयला मंडियों तक पहुंच रहा है और करोड़ों के राजस्व का नुकसान सरकार को हो रहा है. अवैध कोयले के इस धंधे में शहर के कई सफेदपोश और सरकारी मिशनरियों का हाथ भी शामिल है. हजारीबाग एसपी मनोज रतन चौथे बताते हैं कि हाल के दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कोयला डंप करने की सूचना मिली थी. वह क्षेत्र ट्राई जंक्शन है. जहां बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग का जिला मिलता है. ऐसे में उस क्षेत्र मे बड़ा अभियान चलाकर कार्रवाई किया गया है. जिसमें कई लोगों पर नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई है.

देखें पूरी खबर
अधिकारियों को विशेष रूप से नजर रखने का आदेश: अवैध खनन की समस्या कितनी गंभीर है इसको इस बात से समझा जा सकता है कि उपायुक्त नैंसी सहाय के द्वारा भी हजारीबाग में इलीगल माइनिंग ना हो इसको लेकर माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें माइनिंग विभाग से जुड़े पदाधिकारी को अपने अपने क्षेत्रों में विशेष रूप से नजर रखने और छापेमारी करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावे भविष्य में संयुक्त टीम बनाकर सघन अभियान चलाने की भी बात कही गई.

ये भी पढ़ें- धनबाद में कोयले का अवैध कारोबार, खनन विभाग की छापेमारी में भारी मात्रा में अवैध कोयला जब्त

कड़ाई से निपट रही है पुलिस: हजारीबाग से अनुमानित प्रत्येक दिन सैकड़ों टन कोयला का अवैध व्यापार हो रहा है. ऐसे में पुलिस विभाग को भी सूचना मिलती है. सूचना मिलने के बाद छापेमारी कर कार्रवाई भी करने की बात पदाधिकारी बताते हैं. एसपी का यह भी कहना है कि जहां अवैध उत्खनन की बात प्रकाश में आई है वहां हम लोग अभियान चला कर डोजरिंग करने का भी आदेश जारी किए हैं. अगर कार्रवाई की बात की जाए तो पिछले 6 महीने में 50 एफआईआर दर्ज किया जा चुका है. वहीं आए दिन विभिन्न थाना क्षेत्रों के द्वारा भी अवैध कोयला गाड़ी को भी पकड़ा जा रहा है. जब विभाग के पदाधिकारी ही स्वीकार कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में एफआईआर दर्ज की गई है है. तो स्पष्ट है कि हजारीबाग में कोयला का अवैध व्यापार चल रहा है.

कोयले के अवैध व्यापार पर सियासत: जिले में अवैध कारोबार को लेकर हजारीबाग सदर विधायक मनीष जयसवाल भी कहते हैं कि इस सरकार में अवैध कोयले का व्यापार, बालू ,ट्रांसफर पोस्टिंग आम ,बात सी हो गई है. जब सरकार ही कोयला चोरी पर संज्ञान ना ले तो दाल में काला समझा जा सकता है. जाहिर है कोयले के अवैध व्यापार से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है तो दूसरी ओर इस अवैध कारोबार में जो लोग संलिप्त है वो काली कमाई कर रहे हैं. दोनों के बीच प्रशासन का दावा फेल साबित हो रहा है.

हजारीबाग: झारखंड का उत्तरी छोटानागपुर इलाका कोयला का अवैध उत्खनन के लिए पूरे देश में कुख्यात है. प्रशासन इस गोरखधंधे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा करती रही है. लेकिन जो हकीकत सामने आ रही है वो दावों से बिल्कुल उलट है. थानों में दर्ज एफआईआर की बात करें तो पिछले 6 महीने में ही 50 से ज्यादा ऐसे मामले आए हैं जिससे साबित होता है कि हजारीबाग में अवैध खनन का धंधा कितना फल फूल रहा है.

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अवध खनन का सेंटर प्वाइंट है हजारीबाग: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का मुख्यालय हजारीबाग कोयले के अवैध व्यापार का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. प्रत्येक दिन अवैध कोयला मंडियों तक पहुंच रहा है और करोड़ों के राजस्व का नुकसान सरकार को हो रहा है. अवैध कोयले के इस धंधे में शहर के कई सफेदपोश और सरकारी मिशनरियों का हाथ भी शामिल है. हजारीबाग एसपी मनोज रतन चौथे बताते हैं कि हाल के दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कोयला डंप करने की सूचना मिली थी. वह क्षेत्र ट्राई जंक्शन है. जहां बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग का जिला मिलता है. ऐसे में उस क्षेत्र मे बड़ा अभियान चलाकर कार्रवाई किया गया है. जिसमें कई लोगों पर नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई है.

देखें पूरी खबर
अधिकारियों को विशेष रूप से नजर रखने का आदेश: अवैध खनन की समस्या कितनी गंभीर है इसको इस बात से समझा जा सकता है कि उपायुक्त नैंसी सहाय के द्वारा भी हजारीबाग में इलीगल माइनिंग ना हो इसको लेकर माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें माइनिंग विभाग से जुड़े पदाधिकारी को अपने अपने क्षेत्रों में विशेष रूप से नजर रखने और छापेमारी करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावे भविष्य में संयुक्त टीम बनाकर सघन अभियान चलाने की भी बात कही गई.

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कड़ाई से निपट रही है पुलिस: हजारीबाग से अनुमानित प्रत्येक दिन सैकड़ों टन कोयला का अवैध व्यापार हो रहा है. ऐसे में पुलिस विभाग को भी सूचना मिलती है. सूचना मिलने के बाद छापेमारी कर कार्रवाई भी करने की बात पदाधिकारी बताते हैं. एसपी का यह भी कहना है कि जहां अवैध उत्खनन की बात प्रकाश में आई है वहां हम लोग अभियान चला कर डोजरिंग करने का भी आदेश जारी किए हैं. अगर कार्रवाई की बात की जाए तो पिछले 6 महीने में 50 एफआईआर दर्ज किया जा चुका है. वहीं आए दिन विभिन्न थाना क्षेत्रों के द्वारा भी अवैध कोयला गाड़ी को भी पकड़ा जा रहा है. जब विभाग के पदाधिकारी ही स्वीकार कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में एफआईआर दर्ज की गई है है. तो स्पष्ट है कि हजारीबाग में कोयला का अवैध व्यापार चल रहा है.

कोयले के अवैध व्यापार पर सियासत: जिले में अवैध कारोबार को लेकर हजारीबाग सदर विधायक मनीष जयसवाल भी कहते हैं कि इस सरकार में अवैध कोयले का व्यापार, बालू ,ट्रांसफर पोस्टिंग आम ,बात सी हो गई है. जब सरकार ही कोयला चोरी पर संज्ञान ना ले तो दाल में काला समझा जा सकता है. जाहिर है कोयले के अवैध व्यापार से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है तो दूसरी ओर इस अवैध कारोबार में जो लोग संलिप्त है वो काली कमाई कर रहे हैं. दोनों के बीच प्रशासन का दावा फेल साबित हो रहा है.

Last Updated : Apr 1, 2022, 2:32 PM IST
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