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मुर्गा व्यवसाय पर कोरोना का काला साया, 50 रुपए में सड़कों पर बेचे जा रहे मुर्गा

हजारीबाग में कोरोना वायरस के कारण लोग चिकन से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में मुर्गा व्यवसाय पर बुड़ा असर पड़ रहा. आलम यह है कि व्यवसायी अब चौक-चौराहों पर बेहद कम दाम में मुर्गा बेचने को विवश हैं.

cock business in hazaribag
कोरोना का काला साया
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Published : Mar 7, 2020, 8:58 PM IST

हजारीबागः कोरोना वायरस के कारण मुर्गा व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है. व्यवसायी चौक-चौराहा पर आधे दाम से भी कम कीमत पर मुर्गा बेचने को विवश है. ऐसा ही कुछ नजारा हजारीबाग में देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर सबसे बड़ा असर मुर्गी व्यवसायियों पर पड़ा है. आलम यह है कि वायरस के संक्रमण के भय के कारण मांसाहारी व्यक्ति मांस सेवन बहुत कम कर दिया है. जिसके कारण मुर्गा की बिक्री पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में मुर्गा व्यवसाय अब चौक चौराहों पर बेहद कम दाम में मुर्गा बेचने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर 'रामदेव बाण', बोलेः योग और आयुर्वेद में है वायरस से लड़ने की ताकत, चीन जाने की जताई इच्छा

ऐसा ही कुछ माजरा हजारीबाग के मटवारी मैदान के पास देखने को मिला. जहां मात्र 50 रुपए में मुर्गा व्यवसाय मुर्गा बेच रहे थे. इतने कम दाम होने के बावजूद भी खरीदार उन्हें नहीं मिल रहे है. ऐसे में लोगों में भय है कि मुर्गा के चलते वायरस गई लोगों में प्रवेश न कर जाए और जान आफत में पड़ जाए. ऐसे में जो मुर्गा डेढ़ सौ रुपया प्रति पीस बिकता था. उसे व्यसायी अब 50 रुपए में बेचने को विवश है.

कोरोना वायरस को लेकर हजारीबाग के लोग जागरूक भी है. ऐसे में लोग शाकाहारी खाना की ओर झुकाव भी बढ़ता जा रहा है. कहा जा सकता है कि जागरूकता ही बचाव का पहला सीढ़ी है.

हजारीबागः कोरोना वायरस के कारण मुर्गा व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है. व्यवसायी चौक-चौराहा पर आधे दाम से भी कम कीमत पर मुर्गा बेचने को विवश है. ऐसा ही कुछ नजारा हजारीबाग में देखने को मिला.

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दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर सबसे बड़ा असर मुर्गी व्यवसायियों पर पड़ा है. आलम यह है कि वायरस के संक्रमण के भय के कारण मांसाहारी व्यक्ति मांस सेवन बहुत कम कर दिया है. जिसके कारण मुर्गा की बिक्री पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में मुर्गा व्यवसाय अब चौक चौराहों पर बेहद कम दाम में मुर्गा बेचने को विवश हैं.

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ऐसा ही कुछ माजरा हजारीबाग के मटवारी मैदान के पास देखने को मिला. जहां मात्र 50 रुपए में मुर्गा व्यवसाय मुर्गा बेच रहे थे. इतने कम दाम होने के बावजूद भी खरीदार उन्हें नहीं मिल रहे है. ऐसे में लोगों में भय है कि मुर्गा के चलते वायरस गई लोगों में प्रवेश न कर जाए और जान आफत में पड़ जाए. ऐसे में जो मुर्गा डेढ़ सौ रुपया प्रति पीस बिकता था. उसे व्यसायी अब 50 रुपए में बेचने को विवश है.

कोरोना वायरस को लेकर हजारीबाग के लोग जागरूक भी है. ऐसे में लोग शाकाहारी खाना की ओर झुकाव भी बढ़ता जा रहा है. कहा जा सकता है कि जागरूकता ही बचाव का पहला सीढ़ी है.

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