हजारीबाग: राष्ट्रीय पोषण माह अभियान पूरे जिला में जोर-शोर के साथ मनाया जा रहा है. इस दो दिवसीय पोषण मेला का शुभारंभ हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने किया. वहीं, इस मेले के द्वारा घर-घर जाकर महिलाओं और पुरुष को पोषण के विषय में जानकारी दी गई. लेकिन दूसरी और सरकारी कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका भी दिखी जो कि आंगनबाड़ी सेविका के आंदोलन पर सवाल खड़े कर दिए.
जानकारी के अनुसार हड़ताल के दौरान अगर हड़ताल कर्मी अपनी सेवा दे तो माना जाता है कि वह हड़ताल से वापस आ गई है. ऐसा ही कुछ नजारा हजारीबाग के पोषण श्रमशक्ति मेला में देखने को मिला. आंगनबाड़ी सेविका कार्यक्रम के दौरान दिखी. जब उनसे जानने की कोशिश की गई कि आखिर यहां सरकारी कार्यक्रम में क्या कर रही हैं तो उन्होंने इस बात को लेकर गोलमोल जवाब दिया. उनका कहना है कि वह कार्यक्रम देखने के लिए आई हैं. जानकारी मिली कि जिला प्रशासन के द्वारा महिलाओं को कार्यक्रम सफल बनाने के लिए बुलाया गया था.
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हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के तहत पूरे जिले में पोषण त्यौहार की तरह विस्तृत रूप से मनाया जा रहा है. इस अभियान की सफलता के लिए जन भागीदारी आवश्यक है. पोषण से संबंधित विभिन्न महत्व पर लोगों को जानकारी देने की आवश्यकता है. जिसके तहत लोगों को जागरूक करने का प्रयास पोषण पाठशाला, पोषण दल की कार्यशाला, छात्रों की रैली, पेंटिंग रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा. उन्होंने कहा कि 6,000 रुपए से कम मासिक आय वाले मजदूरों का निबंधन मेले में निशुल्क किया जाएगा ताकि मजदूरों को पेंशन और श्रम विभाग के अंतर्गत में आने वाली योजनाओं का लाभ दिया जा सके.