हजारीबाग: बरही उपकार के निकट कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के द्वारा इनडोर स्टेडियम बहुत ही तामझाम के साथ बनाया गया था. इसका उद्देश्य था कि बरही के युवाओं को समुचित प्लेटफार्म दिया जाए. इस बाबत लाखों रुपए खर्च भी कर दिए गए, लेकिन इस स्टेडियम में एक भी मैच आज तक नहीं हुआ और ना ही किसी खिलाड़ियों को वहां ट्रेनिंग दी गई. आज आलम यह है कि पूरा स्टेडियम कबाड़खाना में तब्दील हो गया है. टूटी हुई खिड़की, उजड़ा हुआ छत, टूटा हुआ बिजली के बोर्ड इसकी पहचान हो गई है.
छत की ओर देखा जाए तो बड़े-बड़े लाइट लगे हुए हैं, लेकिन वह आज तक कभी जले नहीं. ऐसे में यहां के लोग कहते हैं कि यह सिर्फ और सिर्फ हाथी का दांत ही साबित हुआ है, जो किसी काम का नहीं है. इंडोर स्टेडियम का शानदार उद्घाटन 10 सितंबर 2012 को तत्कालीन सांसद सह तत्कालीन केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया था. स्टेडियम का निर्माण वर्ष 2010 में एनबीसीसी लिमिटेड रांची नाम के एजेंसी द्वारा किया गया था. अब हजारीबाग में पदस्थापित जिला खेल पदाधिकारी कहते हैं कि इस बाबत उन्हें जानकारी नहीं है क्योंकि उनकी पदस्थापना कुछ दिन पहले हुई है, लेकिन बहुत जल्द कोशिश की जाएगी कि आला पदाधिकारी से बात कर इस स्टेडियम को शुरू करने की ताकि इसका लाभ मिल सके.
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स्टेडियम बनने के बाद यहां के लोग काफी खुश हुए थे. यहां के युवाओं को लगा कि अब वो भी यहां ट्रेनिंग करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बहरहाल, स्टेडियम निर्माण को लेकर यहां के खेल प्रेमियों व खिलाड़ियों ने जो सपना देखा था वह आज भी अधूरा है. वर्तमान समय में बेकार पड़ा उक्त इंडोर स्टेडियम के दो कक्ष में अग्निशामक विभाग का कार्यालय अब संचालित हो रहा है. देखने वाली बात होगी यह स्टेडियम को जिला प्रशासन मरम्मत करती है या फिर यूं ही पड़ा रहेगा.