हजारीबागः पेट की आग लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर कर देती है. ऐसे में ना जाने कितने लोग हैं जो अपने घर को छोड़कर दूसरे राज्य में व्यापार करने जाते हैं या फिर मजदूरी. व्यापार समाप्त कर अपने गांव लौट जाते हैं ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके. लेकिन इस लॉकडाउन ने सबकी तमन्ना को पानी फेर दिया है और अब लोग मजबूरन खुले आकाश के नीचे रहने को मजबूर हैं और इंतजार कर रहे हैं कब वह दिन आएगा कि अपना गांव हम लोग लौट आएंगे.
ऐसा ही कुछ माजरा हजारीबाग में देखने को मिला जब राजस्थान से आए 24 लोग यहां फंस गए. सभी राजस्थान के सवाई मोदोपुर जिले के आसपास के रहने वाले हैं. इनमें 8 महिला 8 बच्चे और 8 पुरुष शामिल हैं. यह पूरा परिवार हजारीबाग में कार्तिक महीने में चटाई बेचने के लिए पिछले 3-4 सालों से यहां आते रहे हैं और होली के बाद अपने गांव चले जाते हैं. लेकिन होली के बाद लॉकडाउन होने के कारण अब यह यहीं फसे हुए हैं. इनके परिवार के कुछ लोग सामान घट जाने के कारण राजस्थान गए और कुछ लोग हजारीबाग में फंसे हुए हैं. ऐसे में इनका जीवन यापन होना बहुत ही मुश्किल हो गया है. जो पैसा इन्होंने कमाया था वह अब खत्म हो चला है. ऐसे में आसपास के लोगों से मांग कर वह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में इनकी यही मांग है कि किसी भी तरह उन्हें उनके गांव पहुंचा दिया जाए.
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वहीं, इन दिनों हजारीबाग में तापमान भी दिन में काफी बढ़ रहा है और देर शाम में झमाझम पानी भी हो रही है. ऐसे में तंबू गाड़ कर यह लोग रह रहे हैं. उन्हें प्रकृति की मार भी सहनी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि जब बरसात होती है तो तंबू के अंदर पानी आ जाता है और वे लोग किसी तरह वहां समय काटते हैं. दिन के समय में इतनी गर्मी होती है कि तंबू के अंदर रहना दुश्वार हो जाता है. ऐसे में सभी काफी परेशान हैं.