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गिरिडीह: सुपरवाइजर की मौत के बाद हंगामा, मुआवजा देने को तैयार हुए फैक्ट्री प्रबंधन - Balamukund Sponge & Iron Private Limited

बालमुकुंद नामक लौह फैक्ट्री में हुवे दुर्घटना में हुई मौत के मामले को लेकर हंगामा हो गया. परिजनों ने प्रबंधन पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. जिसके बाद विधायक सुदिव्य और भाकपा माले नेता राजेश की पहल पर मामला शांत हुआ और मुआवजा देने को प्रबंधन तैयार हुआ.

Uproar after supervisor's death in giridih
हंगामा करते लोग
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Published : Mar 9, 2020, 2:59 AM IST

गिरिडीह: शनिवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चतर में स्थित बालमुकुंद स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड नाम के फैक्ट्री के अंदर ट्रक की चपेट में आने से सुपरवाइजर की मौत हो गई थी. इस को लेकर हंगामा हो गया. धनबाद से आए मृतक के परिजनों ने प्रबंधन पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मृतक तापस का शव लावारिस की तरह शनिवार की रात से सदर अस्पताल में पड़ा रहा. इतना ही नहीं शनिवार की रात को फैक्ट्री का जीएम भी मृतक के घर पहुंचा था लेकिन हादसे की जानकारी नहीं दी गई.

देखें पूरी खबर

इधर मामले की सूचना पर विधायक सुदिव्य कुमार, भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा के साथ भाजपा के दिनेश यादव पहुंचे. इन सभी के सामने कहा गया कि हमेशा ही किसी प्रकार का हादसा होने पर फैक्ट्री प्रबंधन असंवेदनशील हो जाता है. मामले की जानकारी लेने के बाद प्रबंधन से मुआवजा की बात हुई. 7.97 लाख देने पर बनी सहमतीविधायक, माले नेता की मौजूदगी में कंपनी के प्रबंधक एवं मृतक के पिता, माता और पत्नी रिया मुखर्जी के बीच वार्ता हुई. वार्ता में कुल 7 लाख 97 हजार रूपए मुआवजा देने पर सहमती बनी. इसमें 25 प्रतिशत राशि 1 लाख 99 हजार 400 मृतक के पिता और 75 प्रतिशत राशि 5 लाख 98 हजार 200 रूपए मृतक की पत्नी को देने का निर्णय हुआ.

ये भी देखें- गिरिडीह में लौह फैक्ट्री के अंदर दुर्घटना, ट्रक की चपेट में आने से सुपरवाइजर की मौत

इसके लिए दो अलग-अलग चेक मृतक के पिता और पत्नी को फैक्ट्री प्रबंधक ने सौंपा. इसके अलावा मृतक की पत्नी को दाह संस्कार और क्रिया कर्म के लिए नकद एक लाख रूपए भुगतान किया गया. समझौता के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ और फिर परिजन शव को लेकर धनबाद के लिए रवाना हो गए.

गिरिडीह: शनिवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चतर में स्थित बालमुकुंद स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड नाम के फैक्ट्री के अंदर ट्रक की चपेट में आने से सुपरवाइजर की मौत हो गई थी. इस को लेकर हंगामा हो गया. धनबाद से आए मृतक के परिजनों ने प्रबंधन पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मृतक तापस का शव लावारिस की तरह शनिवार की रात से सदर अस्पताल में पड़ा रहा. इतना ही नहीं शनिवार की रात को फैक्ट्री का जीएम भी मृतक के घर पहुंचा था लेकिन हादसे की जानकारी नहीं दी गई.

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इधर मामले की सूचना पर विधायक सुदिव्य कुमार, भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा के साथ भाजपा के दिनेश यादव पहुंचे. इन सभी के सामने कहा गया कि हमेशा ही किसी प्रकार का हादसा होने पर फैक्ट्री प्रबंधन असंवेदनशील हो जाता है. मामले की जानकारी लेने के बाद प्रबंधन से मुआवजा की बात हुई. 7.97 लाख देने पर बनी सहमतीविधायक, माले नेता की मौजूदगी में कंपनी के प्रबंधक एवं मृतक के पिता, माता और पत्नी रिया मुखर्जी के बीच वार्ता हुई. वार्ता में कुल 7 लाख 97 हजार रूपए मुआवजा देने पर सहमती बनी. इसमें 25 प्रतिशत राशि 1 लाख 99 हजार 400 मृतक के पिता और 75 प्रतिशत राशि 5 लाख 98 हजार 200 रूपए मृतक की पत्नी को देने का निर्णय हुआ.

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इसके लिए दो अलग-अलग चेक मृतक के पिता और पत्नी को फैक्ट्री प्रबंधक ने सौंपा. इसके अलावा मृतक की पत्नी को दाह संस्कार और क्रिया कर्म के लिए नकद एक लाख रूपए भुगतान किया गया. समझौता के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ और फिर परिजन शव को लेकर धनबाद के लिए रवाना हो गए.

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