ETV Bharat / city

प्रवासी मजदूरों के लिए खुशी का साल रहा 2020, अफगानिस्तान में अपहृत दो मजदूरों की 26 महीने बाद हुई वापसी - प्रवासी मजदूर की वापसी

बगोदर प्रखंड क्षेत्र के पांच प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों के लिए 2020 खुशी का वर्ष रहा. अफगानिस्तान में 26 महीने से अपहृत दो मजदूरों की वापसी हुई. इसके साथ ही मलेशिया में जेल में बंद 3 मजदूरों की भी सकुशल वापसी हुई है. इससे मजदूरों और उनके परिजनों के लिए यह साल खुशी का रहा.

Two kidnapped workers returned to Giridih from Afghanistan
दो मजदूरों की वापसी
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 7:45 AM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों के लिए 2020 खुशी का वर्ष रहा. 26 महीने से अफगानिस्तान में अपहृत दो मजदूरों की सकुशल वापसी हुई है. वहीं, मलेशिया के जेल में 5 महीने से बंद एक ही गांव के तीन मजदूरों की भी वापसी हुई. इससे न सिर्फ प्रवासी मजदूरों बल्कि उसके परिजनों में भी उत्साह का माहौल है. वैसे कोरोना काल में इस साल प्रवासी मजदूरों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा है. आर्थिक संकट से वे अब तक उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों का पलायन भी जारी है.

देखें पूरी खबर

घाघरा के प्रसादी महतो और माहुरी के हुलास महतो की 26 महीने बाद घर वापसी हुई है. बता दें कि झारखंड के 4 प्रवासी मजदूरों का अफगानिस्तान में 6 मई 2018 को अपहरण कर लिया गया था. इसमें टाटीझरिया का काली महतो और घाघरा का प्रकाश महतो भी शामिल था. इसमें दोनों की वापसी पूर्व में हुई थी जबकि 26 महीने बाद 29 अगस्त को हुलास और प्रसादी की वापसी हुई.

ये भी पढ़ें-तमिलनाडु से लौटी चाईबासा की 24 लड़कियों को झारखंड में मिलेगी नौकरी, मंगलवार को हेमंत सोरेन देंगे नियुक्ति पत्र

वहीं, बगोदर प्रखंड के पोखरिया के तीन मजदूरों की मलेशिया से सकुशल वापसी हुई. वीजा अवधि समाप्त होने पर तीनों को जेल में बंद कर दिया गया था. तीनों रोजी रोटी की जुगाड़ में डेढ़ साल पूर्व टूरिस्ट वीजा पर मलेशिया गए हुए थे, मगर वीजा अवधि समाप्त होने पर तीनों को मलेशिया में प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया. तीनों को 5 महीने तक कैंप और जेल में रहना पड़ा था. इन मजदूरों में निर्मल महतो, चिंतामणि महतो और लाल किशुन महतो शामिल है. तीनों मजदूरों की सकुशल वापसी हो गई है. इससे मजदूरों और उनके परिजनों में खुशी का माहौल है.

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों के लिए 2020 खुशी का वर्ष रहा. 26 महीने से अफगानिस्तान में अपहृत दो मजदूरों की सकुशल वापसी हुई है. वहीं, मलेशिया के जेल में 5 महीने से बंद एक ही गांव के तीन मजदूरों की भी वापसी हुई. इससे न सिर्फ प्रवासी मजदूरों बल्कि उसके परिजनों में भी उत्साह का माहौल है. वैसे कोरोना काल में इस साल प्रवासी मजदूरों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा है. आर्थिक संकट से वे अब तक उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों का पलायन भी जारी है.

देखें पूरी खबर

घाघरा के प्रसादी महतो और माहुरी के हुलास महतो की 26 महीने बाद घर वापसी हुई है. बता दें कि झारखंड के 4 प्रवासी मजदूरों का अफगानिस्तान में 6 मई 2018 को अपहरण कर लिया गया था. इसमें टाटीझरिया का काली महतो और घाघरा का प्रकाश महतो भी शामिल था. इसमें दोनों की वापसी पूर्व में हुई थी जबकि 26 महीने बाद 29 अगस्त को हुलास और प्रसादी की वापसी हुई.

ये भी पढ़ें-तमिलनाडु से लौटी चाईबासा की 24 लड़कियों को झारखंड में मिलेगी नौकरी, मंगलवार को हेमंत सोरेन देंगे नियुक्ति पत्र

वहीं, बगोदर प्रखंड के पोखरिया के तीन मजदूरों की मलेशिया से सकुशल वापसी हुई. वीजा अवधि समाप्त होने पर तीनों को जेल में बंद कर दिया गया था. तीनों रोजी रोटी की जुगाड़ में डेढ़ साल पूर्व टूरिस्ट वीजा पर मलेशिया गए हुए थे, मगर वीजा अवधि समाप्त होने पर तीनों को मलेशिया में प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया. तीनों को 5 महीने तक कैंप और जेल में रहना पड़ा था. इन मजदूरों में निर्मल महतो, चिंतामणि महतो और लाल किशुन महतो शामिल है. तीनों मजदूरों की सकुशल वापसी हो गई है. इससे मजदूरों और उनके परिजनों में खुशी का माहौल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.