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देहरादून की सभ्यता-संस्कृति समझेंगे गिरिडीह के आदिवासी युवा, प्रतियोगिता में भी होंगे शामिल

देश के विभिन्न राज्यों की अलग-अलग सभ्यता और संस्कृति है. सभ्यता और संस्कृति की जानकारी आदिवासी युवा भी ले रहे हैं. इसी तरह का कार्यक्रम सीआरपीएफ और नेहरू युवा केंद्र की ओर से चलाया जा रहा है. इस बार गिरिडीह के आदिवासी युवा देहरादून की सभ्यता और संस्कृति को समझेंगे.

Tribal youth of Giridih
देहरादून की सभ्यता-संस्कृति समझेंगे गिरिडीह के आदिवासी युवा
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Published : Jun 25, 2022, 10:46 PM IST

गिरिडीहः कौशल विकास, शैक्षिक और रोजगार को लेकर केंद्र सरकार कई योजनाओं का संचालित कर रही है. ऐसी ही योजना में शामिल है आदान-प्रदान योजना. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस योजना का संचालन किया जा रहा है. गृह मंत्रालय के सहयोग से चल रहे इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और नेहरू युवा केंद्र (एनवाईके) की ओर से आदिवासी युवक-युवतियों को अलग- अलग प्रदेश भेजा जाता है, ताकि वे वहां जाकर वहां की सभ्यता-संस्कृति, तकनीकी और औद्योगिक उन्नति सहित अन्य कार्यों की जानकारी लें सके.

यह भी पढ़ेंः नेहरू युवा केंद्र को जरूरत है राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों की, किए गए आवेदन आमंत्रित

इसी कड़ी में 130 आदिवासी युवा देहरादून जा रहे हैं. इसे लेकर लिए नेहरू केंद्र गिरिडीह और 7वीं वाहिनी सीआरपीएफ की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि देहरादून विकसित राज्यों में से एक है. इस कार्यक्रम के माध्यम से समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति जन जागरुकता और अन्य राज्यों की परंपरा को जानने समझने का मौका मिलेगा.

देखें पूरी खबर

गृह मंत्रालय के सहयोग से साल 2006 से नेहरु युवा केंद्र संगठन और सीआरपीएफ ने मिलकर अब तक कुल 12 जन जाति युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम सफलतापूर्वक किया है. इस बार 13वीं जनजाति युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य युवा अपने देश के विकास में अपने संपूर्ण योग्यदान दें. इस अवसर पर सीआरपीएफ 7 बटालियन द्वितीय कमान अधिकारी गोपाल कुमार गुप्ता, आरएस यादव, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ रवि रंजन के साथ साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

गिरिडीहः कौशल विकास, शैक्षिक और रोजगार को लेकर केंद्र सरकार कई योजनाओं का संचालित कर रही है. ऐसी ही योजना में शामिल है आदान-प्रदान योजना. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस योजना का संचालन किया जा रहा है. गृह मंत्रालय के सहयोग से चल रहे इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और नेहरू युवा केंद्र (एनवाईके) की ओर से आदिवासी युवक-युवतियों को अलग- अलग प्रदेश भेजा जाता है, ताकि वे वहां जाकर वहां की सभ्यता-संस्कृति, तकनीकी और औद्योगिक उन्नति सहित अन्य कार्यों की जानकारी लें सके.

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इसी कड़ी में 130 आदिवासी युवा देहरादून जा रहे हैं. इसे लेकर लिए नेहरू केंद्र गिरिडीह और 7वीं वाहिनी सीआरपीएफ की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि देहरादून विकसित राज्यों में से एक है. इस कार्यक्रम के माध्यम से समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति जन जागरुकता और अन्य राज्यों की परंपरा को जानने समझने का मौका मिलेगा.

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