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गिरिडीह: 20 साल से सामाजिक कार्यकर्ता करते आ रहे छठ पूजा पर साफ-सफाई

बगोदर में महा पर्व छठ के मौके पर 20 सालों से सामाजिक कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से कार्य करते आ रहे हैं. जन सहयोग से धन इकट्ठा कर छठ घाटों की साफ-सफाई से लेकर सजावट तक के कार्य किया जाता है. कई लोग मिलकर निस्वार्थ भाव से काम करते हैं.

social workers cleaning on chhath puja in giridih
साफ-सफाई
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Published : Nov 20, 2020, 1:02 PM IST

गिरिडीह: बगोदर में महा पर्व छठ के मौके पर 20 सालों से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निस्वार्थ भाव से कार्य किया जाता है. जन सहयोग से धन इकट्ठा कर छठ घाटों की साफ-सफाई से लेकर सजावट तक के कार्य किया जाता है. बगोदर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सतीश चौरसिया, बबलू चौरसिया, कुंदन कुमार सिन्हा, भोला बर्णवाल, किनका प्रसाद, बबलू प्रसाद, संजय चौरसिया आदि ने निस्वार्थ भाव से काम करते हैं.

सतीश चौरसिया बताते हैं कि 20 सालों से बगैर स्वार्थ के व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बगोदर के प्रमुख छठ घाट कांदुटोला छठ घाट की साफ-सफाई की जाती है. इसके अलावा तोरण द्वार, लाइट की समुचित व्यवस्था भी की जाती है. बताया यहां छठ पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई है. छठ घाट की साफ-सफाई के अलावा जीटी रोड सहित कांदूटोला घाट जाने वाले छठ घाट के रास्ते की साफ-सफाई कर तोरणद्वार बनाया गया है. यमुनिया नदी कांदुटोला छठ घाट में हजारों की संख्या में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने श्रद्धालु पहुंचते हैं.

ये भी पढ़े- छठ महापर्व पर माइ स्टाम्प की शुरुआत, मंत्री बोले- कोरोना काल में डाक विभाग की भूमिका उल्लेखनीय

बगोदर में छठ महापर्व पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा उपलब्ध कराने का इतिहास बहुत पुराना है. सामाजिक कार्यकर्ता सतीश चौरसिया के अनुसार 1960 के दशक में दुर्गा पूजा के बाद बगोदर में चटईया सिनेमा चलाया जाता था. उससे जो राशि इकठ्ठा होता था, उसे हाई स्कूल निर्माण और छठ घाट की साफ-सफाई में लगाया जाता था. बताया कि चटाई से चारों ओर घेरकर टिकट पर सिनेमा दिखाया जाता था और उससे बची राशि छठ घाट की साफ-सफाई में खर्च किया जाता था. यह सिलसिला 2000 के करीब तक चला. इसके बाद दुकानदारों से चंदा उगाही कर छठ घाटों की साफ-सफाई की जाने लगी जो अनवरत जारी है.

गिरिडीह: बगोदर में महा पर्व छठ के मौके पर 20 सालों से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निस्वार्थ भाव से कार्य किया जाता है. जन सहयोग से धन इकट्ठा कर छठ घाटों की साफ-सफाई से लेकर सजावट तक के कार्य किया जाता है. बगोदर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सतीश चौरसिया, बबलू चौरसिया, कुंदन कुमार सिन्हा, भोला बर्णवाल, किनका प्रसाद, बबलू प्रसाद, संजय चौरसिया आदि ने निस्वार्थ भाव से काम करते हैं.

सतीश चौरसिया बताते हैं कि 20 सालों से बगैर स्वार्थ के व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बगोदर के प्रमुख छठ घाट कांदुटोला छठ घाट की साफ-सफाई की जाती है. इसके अलावा तोरण द्वार, लाइट की समुचित व्यवस्था भी की जाती है. बताया यहां छठ पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई है. छठ घाट की साफ-सफाई के अलावा जीटी रोड सहित कांदूटोला घाट जाने वाले छठ घाट के रास्ते की साफ-सफाई कर तोरणद्वार बनाया गया है. यमुनिया नदी कांदुटोला छठ घाट में हजारों की संख्या में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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बगोदर में छठ महापर्व पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा उपलब्ध कराने का इतिहास बहुत पुराना है. सामाजिक कार्यकर्ता सतीश चौरसिया के अनुसार 1960 के दशक में दुर्गा पूजा के बाद बगोदर में चटईया सिनेमा चलाया जाता था. उससे जो राशि इकठ्ठा होता था, उसे हाई स्कूल निर्माण और छठ घाट की साफ-सफाई में लगाया जाता था. बताया कि चटाई से चारों ओर घेरकर टिकट पर सिनेमा दिखाया जाता था और उससे बची राशि छठ घाट की साफ-सफाई में खर्च किया जाता था. यह सिलसिला 2000 के करीब तक चला. इसके बाद दुकानदारों से चंदा उगाही कर छठ घाटों की साफ-सफाई की जाने लगी जो अनवरत जारी है.

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