गिरिडीह: दुष्कर्म के बाद नाबालिग के आत्महत्या के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है (Sentenced To Life Imprisonment). यह सजा पोक्सो एक्ट के स्पेशल जज यशवंत प्रकाश की अदालत ने बुधवार को सुनाई. अदालत ने देवघर जिले के बुढ़ई थाना क्षेत्र के दारवे गांव निवासी पांचू मंडल को धारा 376 भादवि में आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए का जुर्माने की सजा से दंडित किया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.
ये भी पढ़ें: नाबालिग आदिवासी छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी की इलाज के दौरान मौत, आक्रोशित लोगों का हंगामा, थाने का किया घेराव
इसी प्रकार आत्महत्या के लिए उकासने को लेकर धारा 306 भादवि में दोषी पाए गए अभियुक्त को सात साल कारावास और 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा अभियुक्त को भुगतनी पड़ेगी. यह घटना 02 दिसंबर 2019 की है. पीड़िता बेंगाबाद थाना क्षेत्र की रहने वाली थी.
क्या है मामला: यह मामला बेंगाबाद थाना कांड संख्या 563/2019 से संबंधित है. प्राथमिकी में पीड़िता के चाचा ने कहा था कि 02 दिसंबर 2019 को 11 बजे दिन उनकी 16 वर्षीया भतीजी घर से मेला देखने बुढ़ई (देवघर) जाने की बात कहकर निकली थी. रात को वह घर वापस नहीं लौटी. रात को जब उसने उसके मोबाइल पर फोन किया तो रिंग जा रहा था पर कोई उठा नहीं रहा था. 03 दिसंबर की सुबह लगभग 5 बजे उनकी भतीजी लौटी तो वह काफी परेशान थी और लंगड़ा रही थी. यह देख उसकी छोटी बहन ने उससे पूछा कि वह रात में कहां थी तब वह रोते हुए बताया कि उसके साथ बहुत गलत हुआ है. वह जिस पर भरोसा करती थी उसी ने उसे धोखा दिया है. पांचु मंडल ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इसके बाद वह छोटी बहन को मौसी को बुलाकर लाने के लिए भेज दी. इसी बीच घर में वह लोक लज्जा और परेशानी के कारण घर में अपने दुपट्टे से फांसी लगा ली.