बगोदर, गिरिडीह : बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू होने से ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है. पंचायती राज व्यवस्था शुरू होने के 10 साल पूरे होने को है. ऐसे में अब तक जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य नहीं हुआ था. इससे ग्रामीणों को आवश्यक कार्यों के निपटारा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब जब पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ है तब लोगों में उत्साह है.
बता दें कि 44 लाख की लागत से दो मंजिला पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य होना है. निर्माण कार्य के लिए नींव खुदाई पूरी होने के बाद आगे का कार्य चल रहा है. जरमुन्ने स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के सामने पंचायत सचिवालय का निर्माण हो रहा है. पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू होने पर पूर्व उप मुखिया शेख मोकिम, उमेश स्वर्णकार ने खुशी प्रकट करते हुए बताया कि लंबे समय और संघर्ष के बाद पंचायत मुख्यालय का निर्माण कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को कई प्रकार का लाभ मिलेगा. बीडीओ रवींद्र कुमार ने बताया कि पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने का निर्देश संवेदक को दिया गया है.
अस्थाई भवन में चल रहा था सचिवालय
बता दें कि जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत सचिवालय माहुरी गांव में वैकल्पिक रूप से एक भवन में अस्थाई रूप से पंचायत सचिवालय चल रहा था. जिस जगह पर पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य चल रहा है. वहां निर्माण कार्य के लिए कुछ महीने पहले ही नींव खोदी गई थी. मगर आपसी खींचतान के कारण लंबे समय तक निर्माण कार्य रूका रहा. बता दें कि जरमुन्ने गांव के लोगों के द्वारा जरमुन्ने में और माहुरी गांव के लोगों की तरफ से माहुरी में पंचायत सचिवालय बनाए जाने की मांग की जा रही थी. इसी खींचतान में कुछ महीने तक निर्माण कार्य रूका रहा. इसके पूर्व 2010 में हुई पंचायत चुनाव के बाद भी पंचायत सचिवालय निर्माण कार्य जरमुन्ने मोड़ के सामने शुरू हुआ था. मगर जमीन विवाद के बाद मामला कोर्ट चला गया था और फिर निर्माण कार्य ठप पड़ गया था.
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बगैर मुखिया के चल रहा पंचायत
जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत बगैर मुखिया का चल रहा है. निर्वाचित मुखिया संतोष रजक के निलंबन के बाद प्रभारी मुखिया शंकर पटेल को मुखिया का प्रभार दिया गया था. मगर रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने पिछले महीने प्रभारी मुखिया और पंचायत सेवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसके बाद से बगैर मुखिया के पंचायत चल रहा है. बीडीओ रवींद्र कुमार ने बताया कि मुखिया का पदभार फिलहाल किसी को नहीं दिया गया है. वरीय अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद हीं आगे की कार्रवाई की जाएगी.