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वार्ड पार्षद कर रहा था नकली शराब का काम, बिहार तक खपाई जा रही थी शराब

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Published : Oct 7, 2021, 9:57 AM IST

Updated : Oct 7, 2021, 10:52 AM IST

गिरिडीह व धनबाद इलाके से नकली शराब बनाने के बाद उसे महंगे चारपहिया वाहन पर लादकर बिहार भेजा जा रहा था. इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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वार्ड पार्षद कर रहा था नकली शराब का काम

गिरिडीहः वार्ड पार्षद की देखरेख में नकली शराब बनाने और उसे बिहार तक खपाने का काम चल रहा था. गिरिडीह पुलिस ने न सिर्फ मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया बल्कि मुख्य धंधेबाज वार्ड पार्षद कमल सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया. कमल के साथ इस धंधे में शामिल बिहार के मुजफ्फरपुर के रणजीत कुमार, धनबाद के राजगंज के सुशील कुमार टुडू, घोडाबध्धा के शंभू टुडू और गिरिडीह के कोल्डीहा के विरन कुमार मंडल को भी गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी की पुष्टि एसपी अमित रेणू ने की.

ये भी पढ़ेंः शराब लदे वाहन ने बाइक को मारी टक्कर, एक मौत, पुलिस से उलझे परिजन

शराब लदे वाहन के धक्के से खुला राज

दरअसल 3 अक्टूबर को पचम्बा थाना इलाके के नावाडीह पुल के पास एक घटना घटी थी. यहां पुलिस लिखी एसयूवी ने धक्का मारा था. जिस वाहन ने धक्का मारा था उसपर अवैध रूप से शराब की पेटियां मिली. दुर्घटना में एक युवक की मौत के बाद काफी हो हंगामा हो गया. पुलिस-परिजन में झड़प भी हो गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित रेणू ने डीएसपी संजय राणा को पूरी जांच करने का निर्देश दिया.

देखिए पूरी खबर
जांच में खुलने लगी परत

डीएसपी संजय के साथ इंस्पेक्टर अनिल कुमार, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, पचम्बा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने सभी बिंदू पर जांच प्रारंभ किया. पहले उस एसयूवी का डिटेल निकाला गया जिस पर शराब लदा था. जांच में यह साफ हुआ कि वाहन बिहार के नालंदा का है. एक टीम को बिहार भेजा गया. इस बीच छानबीन में यह साफ हुआ कि शराब को गिरिडीह-धनबाद के इलाके से उठाकर बिहार भेजा जाता है और इसमें कई लोग शामिल हैं. ऐसे में दुर्घटना के एक दिन पहले से घटना के दिन तक यह जांच हुई की जिस वाहन ने धक्का मारा था, वह इससे पहले गिरिडीह शहर कब आया था. बताया जाता इस दौरान तकनीकी और खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर सबसे पहले मुजफ्फरपुर के रंजीत को पकड़ा गया. रंजीत से पूछताछ हुई तो उसने सभी राज उगल दिए.

धनबाद में चल रही थी मिनी फैक्ट्री

रंजीत से मिली जानकारी पर वार्ड पार्षद कमल सिंह को गिरफ्तार किया गया. कमल की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हुआ कि धनबाद जिले के बरवड्डा थाना इलाके के घोडाबध्धा में शराब की मिनी फैक्ट्री का संचालित है. इसके बाद कमल के साथ कोल्डीहा के विरन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया. तीनों से कई घंटे तक पूछताछ की गई. पूरी जानकारी एसपी को दी गई.

अहले सुबह हुई छापेमारी

मंगलवार की रात को पूरी तैयारी करने के बाद बुधवार को अहले सुबह गिरिडीह पुलिस की टीम घोडाबध्धा पहुंची. यहीं पर मिनी फैक्ट्री संचालित थी. यहां से धनबाद के राजगंज के सुशील कुमार टुडू, घोडाबध्धा के शंभु टुडू को पकड़ा गया.

बरामद सामान
मिनी शराब फैक्ट्री से पुलिस ने शराब की खाली बोतल, ढक्कन, बोतल में चिपकाने वाला रैपर, नकली शराब, गैलन, डिस्टिल वाटर समेत कई सामना बरामद किया.

एक वाहन पर 50 हजार कमा रहा था वार्ड पार्षद

इधर बताया जाता है कि नकली शराब बनाने और उसे बिहार तक भेजने का काम कई दिनों से चल रहा था. शराब के इस खेल में कई लोग शामिल हैं. बताया जाता है कि शराब को बिहार तक भेजने में वार्ड पार्षद कमल सिंह की कमाई प्रत्येक गाड़ी 50 हजार रुपये थी.

सुबह ही भेजी जाती थी शराब
इधर यह भी बताया गया कि पुलिस से बचने के लिए ही वाहन पर पुलिस का बोर्ड लगाया गया था. चूंकि रात की ड्यूटी के बाद सुबह के समय ज्यादातर पुलिसकर्मी नित्य क्रिया में रहते हैं ऐसे में पुलिस से बचने के लिए इन तस्करों ने सुबह का समय ही चुना था.

गिरिडीहः वार्ड पार्षद की देखरेख में नकली शराब बनाने और उसे बिहार तक खपाने का काम चल रहा था. गिरिडीह पुलिस ने न सिर्फ मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया बल्कि मुख्य धंधेबाज वार्ड पार्षद कमल सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया. कमल के साथ इस धंधे में शामिल बिहार के मुजफ्फरपुर के रणजीत कुमार, धनबाद के राजगंज के सुशील कुमार टुडू, घोडाबध्धा के शंभू टुडू और गिरिडीह के कोल्डीहा के विरन कुमार मंडल को भी गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी की पुष्टि एसपी अमित रेणू ने की.

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शराब लदे वाहन के धक्के से खुला राज

दरअसल 3 अक्टूबर को पचम्बा थाना इलाके के नावाडीह पुल के पास एक घटना घटी थी. यहां पुलिस लिखी एसयूवी ने धक्का मारा था. जिस वाहन ने धक्का मारा था उसपर अवैध रूप से शराब की पेटियां मिली. दुर्घटना में एक युवक की मौत के बाद काफी हो हंगामा हो गया. पुलिस-परिजन में झड़प भी हो गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित रेणू ने डीएसपी संजय राणा को पूरी जांच करने का निर्देश दिया.

देखिए पूरी खबर
जांच में खुलने लगी परत

डीएसपी संजय के साथ इंस्पेक्टर अनिल कुमार, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, पचम्बा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने सभी बिंदू पर जांच प्रारंभ किया. पहले उस एसयूवी का डिटेल निकाला गया जिस पर शराब लदा था. जांच में यह साफ हुआ कि वाहन बिहार के नालंदा का है. एक टीम को बिहार भेजा गया. इस बीच छानबीन में यह साफ हुआ कि शराब को गिरिडीह-धनबाद के इलाके से उठाकर बिहार भेजा जाता है और इसमें कई लोग शामिल हैं. ऐसे में दुर्घटना के एक दिन पहले से घटना के दिन तक यह जांच हुई की जिस वाहन ने धक्का मारा था, वह इससे पहले गिरिडीह शहर कब आया था. बताया जाता इस दौरान तकनीकी और खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर सबसे पहले मुजफ्फरपुर के रंजीत को पकड़ा गया. रंजीत से पूछताछ हुई तो उसने सभी राज उगल दिए.

धनबाद में चल रही थी मिनी फैक्ट्री

रंजीत से मिली जानकारी पर वार्ड पार्षद कमल सिंह को गिरफ्तार किया गया. कमल की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हुआ कि धनबाद जिले के बरवड्डा थाना इलाके के घोडाबध्धा में शराब की मिनी फैक्ट्री का संचालित है. इसके बाद कमल के साथ कोल्डीहा के विरन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया. तीनों से कई घंटे तक पूछताछ की गई. पूरी जानकारी एसपी को दी गई.

अहले सुबह हुई छापेमारी

मंगलवार की रात को पूरी तैयारी करने के बाद बुधवार को अहले सुबह गिरिडीह पुलिस की टीम घोडाबध्धा पहुंची. यहीं पर मिनी फैक्ट्री संचालित थी. यहां से धनबाद के राजगंज के सुशील कुमार टुडू, घोडाबध्धा के शंभु टुडू को पकड़ा गया.

बरामद सामान
मिनी शराब फैक्ट्री से पुलिस ने शराब की खाली बोतल, ढक्कन, बोतल में चिपकाने वाला रैपर, नकली शराब, गैलन, डिस्टिल वाटर समेत कई सामना बरामद किया.

एक वाहन पर 50 हजार कमा रहा था वार्ड पार्षद

इधर बताया जाता है कि नकली शराब बनाने और उसे बिहार तक भेजने का काम कई दिनों से चल रहा था. शराब के इस खेल में कई लोग शामिल हैं. बताया जाता है कि शराब को बिहार तक भेजने में वार्ड पार्षद कमल सिंह की कमाई प्रत्येक गाड़ी 50 हजार रुपये थी.

सुबह ही भेजी जाती थी शराब
इधर यह भी बताया गया कि पुलिस से बचने के लिए ही वाहन पर पुलिस का बोर्ड लगाया गया था. चूंकि रात की ड्यूटी के बाद सुबह के समय ज्यादातर पुलिसकर्मी नित्य क्रिया में रहते हैं ऐसे में पुलिस से बचने के लिए इन तस्करों ने सुबह का समय ही चुना था.

Last Updated : Oct 7, 2021, 10:52 AM IST

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